Move to Jagran APP

Sikander alias Jigar Moradabadi Birth Anniversary : जिगर मुरादाबादी ने क‍िया था प्रेम व‍िवाह, अब घर में रहते हैं क‍िराएदार, यहां पढ़ें मशहूर शायर के जीवन के रोचक क‍िस्‍से

जिगर मुरादाबादी दोस्तों के दोस्त थे। अगर उनकी महफिल में आने वालों में कोई शख्स नहीं आता था तो उसको देखने के लिए उनके घर पहुंच जाते थे। गुरबत के समय में भी उनकी जेब में जो कुछ होता था वह उस शख्स के घर दे आते थे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 05:50 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:18 AM (IST)
Sikander alias Jigar Moradabadi Birth Anniversary : जिगर मुरादाबादी ने क‍िया था प्रेम व‍िवाह, अब घर में रहते हैं क‍िराएदार, यहां पढ़ें मशहूर शायर के जीवन के रोचक क‍िस्‍से
जिगर मुरादाबाद का जन्म छह अप्रैल को गोंडा में हुआ।

मुरादाबाद, जेएनएन। Sikander alias Jigar Moradabadi Birth Anniversary : उनका जो पैगाम है वो अहले सियासत जाने, मेरा पैगाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे। दुनिया भर में मुहब्बत के शायर के तौर पर मशहूर जिगर मुरादाबादी के जिस मकान को यादगार बनाना चाहिए था। वहां आज किराएदार रहते हैं। उनका मकान देखने के लिए आने वाले लोगों के हाथ मायूसी के सिवा कुछ नहीं लगता है। लोग एक कोठरी देखकर ही वापस हो जाते हैं।

loksabha election banner

जिगर मुरादाबाद का जन्म छह अप्रैल को हुआ, मुरादाबाद से उनका गहरा रिश्ता रहा। पीतल नगरी को जिगर मुरादाबादी भी कहते हैं। जिगर मुरादाबादी का एक और नाम अली सिकंदर था। वह 20वीं सदी के सबसे मशहूर शायर और उर्दू गजल के बादशाह थे। उनकी अत्यधिक प्रशंसित कविता संग्रह आतिश-ए-गुल के लिए उन्हें 1958 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। ज‍िगर के पिता का नाम मौलाना अली नजर था। शुरुआती शिक्षा के बाद वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। बाद में उन्हाेंने घर पर ही फारसी की पढ़ाई पूरी की थी। इस दौरान उन्‍हें अली सिकंदर के नाम से ही जाना जाता था। उनके पूर्वज मौलवी मुहम्मद समी दिल्ली के निवासी थे। वह शाहजहां बादशाह के शिक्षक थे। बाद में वह दिल्ली छोड़कर मुरादाबाद आकर बस गए। इसके अलावा जिगर के दादा हाफिज मुहम्मद नूर भी शायर थे। ज‍िगर को शायरी विरासत में मिली थी। एक दौर में वह पेट पालने के लिए चश्में बेचा करते थे। जिगर के शेर पढ़ने का ढंग बेहद न‍िराला था। जिगर मिर्जा दाग के श‍िष्‍य थे। इसके बाद वह तसलीम के शार्गिद बने। ज‍िगर ने आगरा की लड़की वहीदन से प्रेम विवाह किया लेकिन जल्‍द ही उनका तलाक हो गया। उसके बाद उन्होंने मैनपुरी की एक गायिका शीरजन से प्रेम विवाह किया। लेकिन इसका भी हाल पहले की तरह हुुुुआ।

जिगर मुरादाबादी की शख्सियत और शायरी पर पीएचडी

मुहल्ला लालबाग के रहने वाले डॉ. इरशाद अली खान ने 2012 में शायर जिगर मुरादाबादी पर पीएचडी की है। उसमें उन्होंने जिगर मुरादाबादी के बारे में हर पहलू को संजोया है। वो बताते हैं कि वैसे तो उन्हें शराब की वजह से परिवार के लोग पसंद नहीं करते थे लेकिन, जब वो हज पर गए तो वहां उनका जोश के साथ इस्तकबाल हुआ था। उन्होंने मुहल्ले की करीबी होने की वजह से उनके रामपुर रजा पीजी कालेज उर्दू डिपार्टमेंट की रीडर एंड हेड डॉ. सईदा रिजवी की देखरेख में पीएचडी की थी।

वाराणसी में हुआ था जन्म

जिगर मुरादाबादी का जन्म छह अप्रैल 1890 को वाराणसी में वालिद अली नजर के घर में। उनका नाम रखा गया अली सिकंदर। उनकी शायरी ने उन्हें जिगर मुरादाबादी बना दिया। 1960 में गोंडा में उनका इंतकाल हुआ। वो हुस्न परस्ती, इश्कनवाजी, इंसान दोस्ती, जामों पैमाना की गर्दिश के साथ आज भी हमारे दरम्यान मौजूद हैं।

दरअसल शख्स मर जाता है, शख्सियत जिंदा रहती है। दुनिया के तमाम बड़े लोगों की तरह जिगर साहब का भी यही मामला है, उनका नाम भी जिंदा है उनका कलाम भी जिंदा है। जिगर मुरादाबादी फाउंडेशन उन्हें याद करते हुए अपनी अकीदतें पेश करती है।

मंसूर उस्मानी, प्रख्यात शायर

20-25 साल से मुरादाबाद में साहित्यिक गतिविधियों के लिए जिगर ऑडिटोरियम के नाम से बनाया जाए। इसमें जिगर लाइब्रेरी बननी चाहिए। जिसमें साहित्यिक गतिविधियां जारी होनी चाहिए। मुरादाबाद से मुम्बई तक डायरेक्ट स्पेशल सुपरफास्ट ट्रेन जो जिगर एक्सप्रेस के नाम से चलाई जाए। जिगर मुरादाबादी नाम से डॉक टिकट जारी होना चाहिए।

जिया जमीर, सचिव जिगर मुरादाबादी फाउंडेशन

जिगर साहब के नाम से मेरे द्वारा सड़क का नाम रखवाया जा चुका है। जिगर मुरादाबादी के नाम मेरे पास जो भी डिमांड आएगी। उसे पूरा कराने का पूरा-पूरा प्रयास किया जाएगा। क्रिकेट, हॉकी आदि खेलों के नाम से भी टूर्नामेंट कराए जा सकते हैं।

डॉ. एसटी हसन, सांसद मुरादाबाद

जिले में जिगर के नाम पर ये स्थान

दुनियाभर में शायर जिगर मुरादाबादी की शायरी का डंका आज भी बजता है। उनके जन्मदिन को लेकर उत्सुकता नजर आती है। लेकिन, उस शायर के नाम पर जिले में जिगर विहार कालोनी, जिगर द्वार, जिगर मंच, जिगर पार्क गलशहीद ही है। इसके अलावा सामाजिक संगठनाें ने जिगर के नाम पर ऑडिटोरियम, मुम्बई तक ट्रेन चलाने और डाक टिकट जारी कराने की मांग तो की ही लेकिन, उनके इस प्रयास को आजतक सफलता नहीं मिली। 

यह भी पढ़ें :-

पश्चिम उप्र के थानों में गूंजी गजरौंला में रजुआ को मुठभेड़ में पकड़ने की कहानी, अब दूसरे जिलों की पुलिस भी रजुआ से करेगी पूछताछ

मतदाताओं को रिझाने के लिए नोट और शराब का सहारा लेने वाले नेताजी अमरोहा में बांट रहे गुलाब जामुन, पुलिस ने एक-एक किलो के सौ पैकेट किए जब्त

UP Panchayat Chunav 2021 : मुरादाबाद में जिला पंचायत की एक सीट पर सपा के दो विधायक एक दूसरे के खिलाफ कर रहे प्रचार, दोनों के परिवार से महिलाओं ने भरा है नामांकन

Corona Vaccination in Moradabad : मुहल्लेवार निगरानी समितियां गठित, अधिक टीका लगवाने वाले होंगे सम्मानित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.