यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल का बड़ा फैसला, प्रधानी के लिए छोड़ दी नौकरी, अब मांग रहे वोट, टीम संग आतंकवादी को कर चुके हैं ढेर
UP Police Head Constable Village Head Dream इस बार के पंचायत चुनाव में आम से लेकर खास तक अपने भाग्य आजमा रहे हैं। जिले के कुंदरकी ब्लॉक के गजूपुर में भी ऐसे ही हालात हैं। यहां एक रिटायर हेड कांस्टेबल प्रधानी के लिए वोट मांग रहे हैं।
मुरादाबाद [मोहसिन पाशा]। UP Police Head Constable Village Head Dream : शाहजहांपुर में आतंकवादी मंजीत सिंह के अलावा कई कुख्यात बदमाशों को मार गिराने वाली टीमों का हिस्सा रहे हेड कांस्टेबल रिजवान हुसैन अब अपने गांव के लिए कुछ कर दिखाना चाहते हैं। ग्राम प्रधान बनने के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी दांव पर लगा दी। नौकरी छोड़कर इन दिनों वह ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
कुंदरकी विकासखंड की ग्राम पंचायत गजूपुर के रहने वाले रिजवान हुसैन ने 15 जनवरी 1989 को बतौर कांस्टेबल पुलिस विभाग में नौकरी शुरू की थी। शाहजहांपुर में तैनाती के दौरान रिजवान ने अपनी टीम के साथ आतंकवादी मंजीत सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था। रिजवान नौकरी के दौरान ज्यादातर शाहजहांपुर, अमरोहा, बरेली और बदायूं में ही तैनात रहे। रिजवान का कहना है कि वह जब भी गांव आते थे लोग उनसे तमाम तरह की शिकायतें करते थे। जितना बन पाता था, वह उनकी मदद करते। कोरोना काल के दौरान उन्हें दिल की बीमारी होने पर आपरेशन करना पड़ा। छुट्टी लेकर घर पर ही आराम किया। इस बीच ग्रामीणों ने उन पर नौकरी छोड़कर गांव में ही रहने के लिए दबाव बनाया। ग्रामीणों का कहना था कि कि इस बार हमें पढ़ा लिखा समझदार और विकास कराने वाला प्रधान चाहिए। गांव के लोगों की सेवा करो। मां का कई साल पहले इंतकाल हो चुका है। पिता नौशे अली को भी सहारे की जरूरत है। इस पर रिजवान मान गए। बदायूं में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनाती के दौरान अक्टूबर 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर गांव की तरफ रुख किया। नौकरी छोड़ने के बाद से ही रिजवान प्रधानी के चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। रोजाना घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं।
2284 मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला
ग्राम पंचायत गजूपुर में पड़ोस का गांव बाछल भूड़ भी लगता है। यहां से निवर्तमान प्रधान शरीफ अहमद हैं। दोनों गांव में कुल 2,284 मतदाता है। इनमें 911 बाछल भूड़ गांव के हैं। 1379 गजूपुर गांव के मतदाता हैं। कई प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सभी पूरी मेहनत से लगे हुए हैं।
ग्रामीणों की दुआएं मिलीं तो विकास कराऊंगा सियासत से मेरा कोई दूर तक का नाता नहीं रहा है। अपनों के कहने पर नौकरी छोड़ कर आया हूं। गांव की सेवा करूंगा। आजादी के 70 साल में पहली बार हमारा परिवार पंचायत चुनाव में आया है। ग्रामीणों की दुआएं मिलीं तो गांव का विकास कराऊंगा। बच्चों के पढ़ने के लिए शानदार लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा।
रिजवान हुसैन
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