Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP Flood: तटबंध पर कटान शुरू, टूटने से बचाने के प्रयास, मालन नदी उफनी, बिजनौर के नई पुलिस लाइंस कैंपस में भरा पानी

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 02:41 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर में गंगा और मालन नदियां तटीय गांवों के लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। गंगा का जलस्तर कम होने से कटान शुरू हो गया है जिसे रोकने के लिए मिट्टी के बोरे लगाए जा रहे हैं। वहीं पहाड़ों पर बरसात से मालन नदी फिर उफान पर है जिसका पानी खेतों और पुलिस लाइंस परिसर में भर गया है।

    Hero Image
    तटबंध पर कटान शुरू, टूटने से बचाने के प्रयास

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। गंगा और मालन दोनों ही नदियां इस वर्ष तटीय गांवों के लोगों की परीक्षा ले रही है। गंगा का जलस्तर कम हुआ तो धारा ने तेजी से तटबंध पर कटान शुरू कर दिया है। कटान को रोकने के लिए अब मिट्टी के बोरे का स्टड बनाने पर काम किया जा रहा है। वहीं पहाड़ों पर बरसात से मालन नदी फिर से उफन गई है। मालन का पानी तटीय गांवों के खेतों के अलावा नई पुलिस लाइंस परिसर में भी भर गया है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देहरादून में बादल फटने से मंगलवार को गंगा का जलस्तर बढ़कर 1.84 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। जलस्तर बढ़ने से गंगा की धारा ने रावली बैराज तटबंध पर कटान करना बंद कर दिया था। हालांकि बुधवार को जलस्तर कम हो गया और गंगा की धारा ने फिर से कटान शुरू कर दिया है। तटबंध के दूसरी ओर रेत का टापू है।

    गंगा की धारा उस टापू से टकराकर सीधे तटबंध की ओर घूम रही है। पूरी धारा का रूख ही तटबंध की ओर होने से बहुत तेजी से कटान हो रहा है। कटान को रोकने के लिए रेत के बोरों को पत्थरों के स्टड की तरह जमाकर रखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि गंगा टापू को काट देगी तो धारा सीधी हो जाएगी और तटबंध की ओर पानी का दबाव कम हो जाएगा। तटबंध को बचाने के लिए पेड़ों की डाल को सीमेंट के पिलर के साथ बांधकर पिंजरे बनाकर धारा में डाले जा रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- सहस्त्रधारा में बादल फटा और भाई आंखों के सामने डूब गया... मैं भी हिम्मत हार चुका था, घायल गुड्डू ने बयां किया दर्द

    वहीं कई दिनों से शांत पड़ी मालन की धारा भी पहाड़ों पर बरसात से उफन गई है। गंगा का पानी कई गांवों के खेतों में भर गया है और नई पुलिस लाइंस में बने आवासों तक पहुंच गया है। लगभग डेढ़ माह में खेतों में कई बार पानी आ चुका है। बार बार पानी आने से चारे की फसल तो लगभग खत्म ही हो चुकी है। गन्ने की फसल में भी बीमारी आ रही है।

    यह भी पढ़ें- गंगा का जलस्तर कम होने पर तटबंध पर कटान तेज होने की आशंका, बचाव के लिए बिजनौर में क्या है तैयारी?

    सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ब्रजेश मौर्य ने कहा कि गंगा का जलस्तर कम होने से कटान बढ़ रहा है। गंगा की धारा का रूख अभी तटबंध की ओर ही है। कटान को रोकने के लिए लगातार काम किया जा है।