सहस्त्रधारा में बादल फटा और भाई आंखों के सामने डूब गया... मैं भी हिम्मत हार चुका था, घायल गुड्डू ने बयां किया दर्द
Dehradun Disaster उत्तराखंड के सहस्रधारा में बादल फटने की आपदा के दौरान मेरठ के मुहम्मद कैफ की मौत हो गई। किठौर निवासी कैफ देहरादून में टाइल्स लगाने का कार्य करता था। चचेरे भाई कैफ को खो चुके घायल गुड्डू ने इस मंजर को अपनी आंखों से देखा है। बताया कि अचानक धमाकेदार आवाज से बादल फटा और सैलाब से बिल्डिंग के चारों तरफ की मिट्टी की ढांग अंदर आ गिरी।

संवाद सूत्र, जागरण, किठौर (मेरठ)। सोमवार की देररात सहस्त्रधारा में बादल फटा और सब कुछ तहस-नहस हो गया। भाई आंखों के सामने डूब गया। मैं भी लगभग हिम्मत हार चुका था। जैसे-तैसे बाहर निकला और तभी एक मजदूर ने हिम्मत दी। इसके बाद घरवालों को सूचना दी गई।
किठौर के मोहल्ला मौसमखानी निवासी कैफ अपने भाई खालिद व गुड्डू के साथ देहरादून में टाइल्स लगाने का कार्य करता था। खालिद दो दिन पूर्व ही वापस घर आया था, जबकि कैफ की देहरादून में आईं आपदा में मौत हो गई।
उत्तराखंड के सहस्त्रधारा की तबाही में चचेरे भाई कैफ को खो चुके घायल चश्मदीद गुड्डू निवासी सरावनी हापुड़ ने जिसे भी मंजर-ए-हाल सुनाया, उसी की आंखें डबडबा गईं। मुहम्मद कैफ के दफीने के बाद सांत्वना देने पहुंचे लोगों, स्थानीय पुलिस और राजस्व अधिकारियों ने घायल गुड्डू से बातचीत की।
चार मंजिला बिल्डिंग के बेसमेंट में रह रहे थे
गुड्डू ने बताया कि सहस्त्रधारा की ग्रीनवैली कालोनी में वे भूतल से लगभग 40 फिट ऊंचाई पर बनी चार मंजिला बिल्डिंग के बेसमेंट के कमरे में थे। बिल्डिंग के पास ही डीआइटी कालेज के दर्जनों छात्र भी किरायेदार थे। जिनमें कुछ अपने घर गए हुए थे। सोमवार रात 12 बजे तक कैफ और गुड्डू मोबाइल चलाकर सोए।
अचानक धमाकेदार आवाज से बादल फटा
गुड्डू ने बताया कि अचानक धमाकेदार आवाज से बादल फटा तो पानी के सैलाब से बिल्डिंग के चारों तरफ की मिट्टी की ढांग अंदर आ गिरीं। भयभीत गुड्डू अंधाधुंध वहां से भागा, लेकिन मुहाने तक पहुंचते-पहुंचते आधा मलबे में धंस गया। ऊपर से आकर एक पत्थर उसके सिर में लगा। काफी मशक्कत कर गुड्डू मलबे से निकला।
6:15 बजे देहरादून में बसे रिश्तेदार व स्वजन को सूचना दी। लगभग 20 मिनट में देहरादून के रिश्तेदार मौके पर पहुंचे। तत्पश्चात गुड्डू को उपचार के लिए भिजवाया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान राहत व बचाव कार्य में जुट गए और कैफ का शव निकाल पीएम को भेजा।
सोफे में फंस गया था कैफ
गुड्डू ने बताया कि कैफ उसके पास सोफे के नीचे सो रहा था। आपदा के दौरान वह सोफे में फंसकर सैलाब में कुछ ही दूर बहा कि शव मिल सका।
आर्थिक सहायता प्रक्रिया शुरू
कैफ के आश्रितों को उत्तराखंड सरकार से आर्थिक सहायता की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बुधवार को मवाना तहसील से लेखपाल धर्मेंद्र, नायब तहसीलदार राहुल मलिक ने मृतक के स्वजन से जरूरी दस्तावेज लिए। लेखपाल ने बताया कि स्थानीय राजस्व प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए मृतक को आर्थिक सहायता पहुंचाएगी। घायल को यदि आर्थिक मदद का प्रावधान उत्तराखंड सरकार ने किया तो गुड्डू को आर्थिक मदद राजस्व विभाग हापुड़ की रिपोर्ट के आधार पर मिलेगी।
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