गंगा का जलस्तर कम होने पर तटबंध पर कटान तेज होने की आशंका, बचाव के लिए बिजनौर में क्या है तैयारी?
Bijnor News बिजनौर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी तटबंध के करीब पहुंच गया है लेकिन अभी कोई खतरा नहीं है। जलस्तर बढ़ने से गंगा की धारा फैल गई है जिससे तटबंध पर दबाव कम हुआ है। सिंचाई विभाग कटान रोकने के लिए लगातार काम कर रहा है क्योंकि जलस्तर कम होने पर कटान फिर से शुरू हो सकता है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। गंगा में जलस्तर बढ़ने पर पानी तटबंध के पास काफी ऊंचाई तक आ गया है लेकिन इससे कोई खतरा नहीं है। जलस्तर बढ़ने पर गंगा की धारा भी दूर तक फैल गई है। गंगा की धारा का जोर तटबंध के पास से हट गया है। अब पानी कटने पर कटान फिर से होगा। विभाग की टीम तटबंध की मरम्मत के इंतजाम में और ज्यादा तैयारी से जुट गई है।
कई दिन से गंगा की धारा रावली बैराज तटबंध पर कटान कर रही है। यहां तक कि पुराना तटबंध 500 मीटर तक कटकर पूरी तरह बह चुका है और उसके पीछे की ओर नया तटबंध बनाया गया है। नया तटबंध की मिट्टी अभी पूरी तरह ठोस नहीं हुई है और ऐसी मिट्टी लहरों से एकदम से कटने लगती है। अभी गंगा में पौने दो लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। इतना पानी है कि गंगा का जलस्तर तटबंध से कुछ ही फीट नीचे रह गए गया है। लेकिन ऐसी स्थिति में अधिक कटान नहीं हो रहा है।
जब धारा नीचे चलती है तो वह नीचे की मिट्टी को काटती है और ऊपर की ढ़ांग अपने आप गिर जाती है। लेकिन जलस्तर बढ़ने पा गंगा की धारा ऊपर कटान नहीं करती है। साथ ही गंगा की धारा पहले तटबंध के पास बहुत कम क्षेत्र में बह रही थी। अब धारा की चौड़ाई भी दोगुणी से अधिक हो गई है। यानि तटबंध की ओर पानी का ज्यादा जोर नहीं है। लेकिन इसके बाद फिर से वही होगा जिससे सिंचाई विभाग के साथ ही तटीय गांवों के लोग भी जूझ रहे हैं। जलस्तर कम होगा और धारा फिर से कटान करेगी। कुछ नए स्थानों के पास भी गंगा कटान कर सकती है।
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सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ब्रजेश मौर्य ने कहा कि कटान को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। मिट्टी डालकर तटबंध को और चौड़ा किया जा रहा है। जलस्तर कम होने पर कटान फिर से तेज होने की आशंका है।
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