Russia Ukraine Crisis: ब्रेड,बिस्किट खाकर छात्र काट रहे रात दिन, रोमानिया के रास्ते हिंदुस्तान वापसी की उम्मीद
Russia Ukraine Crisis यूक्रेन में फंसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को रोमानिया के रास्ते भारत लौटने की उम्मीद जगी है। वहीं छात्रों ने इस दौरान के अपने कड़वे अनुभवों को भी साझा किया है। विद्यार्थियों को हमले का खतरा कुछ घरों के अंदर कैद हैं।
मेरठ, जेएनएन। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के कारण वहां के हालत खराब हो गए है। यूक्रेन में फंसे बागपत सहित वेस्ट यूपी के भारतीय छात्रों ने खुद को घरों में किया कैद कर लिया है तो कोई बंकर में पनाह लिए हुए है। छात्र बाजारों से घरेलू उपयोग के सामान खरीद लाए है। किसी के आंखों के सामने मिसाइलें दागी गई। रोते-बिलखते लोगों को देख रहे है। एक तरफ तो रूसी हमले का खतरा है, तो दूसरी ओर अब भूख भी चिंता बन रही है। बिस्किट, नमकीन, ब्रेड और अन्य खाद्य सामग्री खाकर दिन-रात काट रहे हैं। बागपत सहित सभी स्थानों के स्वजन विद्यार्थियों की सकुशल स्वदेश वापसी के प्रयास में लगे है। वहीं प्रशासन सभी की जानकारी जुटा रहा है।
रोमानिया के लिए बुक कर ली गाड़ी, दूतावास से हरी झंडी मिलने का इंतजार
यूक्रेन में जिले के लोग फंसे हुए है। इनमें सबसे अधिक विद्यार्थी है। अब सभी को स्वदेश लौटने का इंतजार है। भारत सरकार ने छात्रों को लाने के संकेत दिए है सभी को अपने देश लौटने की आस जगी है। बागपत निवासी रालोद नेता ओमबीर ढाका की बेटी अनुष्का ढाका ने वहां की यथास्थिति से अवगत कराया। बताया कि रोमानिया बोर्डर पर जाने के लिए 30 छात्रों ने एक गाड़ी को बुक कर दिया, जिसका भुगतान भी कर दिया है। दूतावास से हरी झंडी मिलती ही रवाना हो जाएंगे। सभी छात्र-छात्राएं देश का झंडा बनाने में लगे है। कीव में बड़ौत के मानिक राणा, अक्षत त्यागी, बड़ागांव की निहारिका त्यागी व बागपत के विश्वजीत, अग्रवाल मंडी टटीरी के सागर वर्मा, हलालपुर के बृजवीर सिंह खोखर वहां के बिगड़े हालात को बंया कर रहे हैं। वहीं यूक्रेन के खार्किव में 20 साल से नौकरी कर रहे है। पार्किंग में खड़ी कार में अपने पत्नी अपर्णा कौशिक व दो बच्चों के साथ रह रहे है। अक्षत त्यागी भी अपना पहाड़ियों पर छीपकर अपना ओर परिवार का बचाव कर रहे है।
आज रोमानिया के लिए रवाना होगी छात्रों की बस
बिजनौर। यूक्रेन में फंसे बिजनौर के छात्र अब रोमानिया जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी बस कुछ घंटे बाद रोमानिया के लिए निकल सकती है। बिजनौर के हितेष ने बताया कि इवानो में पूरी रात बिजली गुल रही। उनके इलाके में बड़ी तादाद में फाइटर प्लेन उड़ते रहे। हितेष ने बताया कि उनकी बस आज रवाना होगी। भारत के रहने वाले कई छात्रों के लिए अभी तक बस की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ये छात्र जान जोखिम में डालकर अपने लिए टैक्सी और बस का इंतजाम करने में लग गए हैं। हितेष ने बताया कि उन्हें रोमानिया जाने के लिए केवल शौल्डर बैग ले जाने की ही अनुमति है। इसमे दवाई, जरूरी कागज, एक लोअर और खाने का थोड़ा सामान ही ले जाया जा सकता है।
हंगरी बार्डर से 80 किलोमीटर दूर पहुंचे छात्र जाम में फंसे
सरधना : रोहटा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी इजहार पुत्र इदरीश त्यागी हंगरी बार्डर से 80 किलोमीटर दूर जाम में फंसे हुए है। यह जानकारी उनके बड़े भाई डा. अब्दुल कलाम ने दी। डा. अब्दुल कलाम ने बताया कि वह ओखला स्थित एस्कोर्ट हास्पिटल में चिकित्सक हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इजहार से सुबह बात हुई थी। कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से हंगरी बार्डर करीब सात सौ किलोमीटर दूर है। अब वह हंगारी बार्डर से करीब 80 किलोमीटर दूर जाम में फंसे हुए है। फिलहाल ज्यादा थकान होने से वह कार में सो रहे हैं। बता दें कि इजहार के साथ मेरठ के एरा गार्डन निवासी अमन शुक्रवार शाम चार बजे हंगरी बार्डर के लिए कार से रवाना हुए थे।
सुरक्षित जोन में हैं छात्र
डा. अब्दुल कलाम ने बताया कि हंगरी बार्डर वेस्ट जोन में हैं। यह जोन सेफ है। यहां पर कोई लड़ाई नहीं है। वहां पर हंगरी व पोलेंड बार्डर पर आर्मी तैनात है। लेकिन, भारतीय दूतावास को बार्डर पर परेशानी हो रही है। क्योंकि, भारतीयों के साथ यूक्रेन के भी लोग भारी तादाद में बार्डर पर जा रहे हैं। ऐसे में कुछ भारतीय लोगों को पहचानना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि एक भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें उन्होंने बताया कि बिना सूचना के कोई भारतीय वहां से ना निकले। वहां उन्ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। जिनके पासपोर्ट नंबर उनके पास हैं।