इमरान मसूद हाउस अरेस्ट, बरेली जा रहे थे सांसद, जताई नाराजगी, बोले- लोकतांत्रिक मूल्यों का हुआ हनन
MP Imran Masood सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद का बरेली में हुूए उपद्रव के पीड़ितों से मिलने का कार्यक्रम था लेकिन पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। उन्हें अंबाला रोड स्थित उनके आवास से बाहर नहीं जाने दिया गया। सांसद ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे लेकिन उन्हें रोका गया यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। समर्थकों ने हाउस अरेस्ट पर नाराजगी जताई।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। सांसद इमरान मसूद बरेली में हुए उपद्रव के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। पुलिस ने उन्हें अंबाला रोड स्थित उनके बड़ी नहर आवास से बाहर नहीं जाने दिया। बुधवार को सुबह से ही सांसद के आवास पर पुलिस की तैनाती रही।
इमरान मसूद बरेली जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने एहतियातन उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया। इस दौरान उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में आवास पर पहुंच गए और सांसद से मुलाकात की।
समर्थकों ने हाउस अरेस्ट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जनता का प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें अपने क्षेत्र से बाहर जाकर पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। सांसद इमरान मसूद ने कहा कि वह सिर्फ पीड़ित परिवारों से मिलने और उनका हालचाल लेने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोका, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ है।
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मोहम्मद साहब के नाम पर दे सकते हैं हर तरह का बलिदान: महमूद मदनी
संवाद सहयोगी, जागरण, देवबंद (सहारनपुर)। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ‘आइ लव मोहम्मद’ कैंपेन को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई अन्यायपूर्ण और चिंताजनक है। महमूद मदनी ने मंगलवार को कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब से प्यार करके ही अल्लाह को राजी किया जा सकता है। पैगंबर के बिना मुसलमानों का सब कुछ अधूरा है। यही वजह है कि मुसलमान मोहम्मद साहब के नाम पर किसी भी तरह का बलिदान देने से पीछे नहीं हटता है।
महमूद मदनी ने कहा कि इस मामले में पुलिस का रवैया बेहद निंदनीय है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि केवल नारों और पोस्टरों के आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालने के अन्यायपूर्ण कृत्य से बचा जाए। मदनी ने मुस्लिमों से भी आह्वान किया और कहा कि इस्लाम के मानने वालों की भी यह जिम्मेदारी है कि वह मोहम्मद साहब को अपने जीवन का आदर्श और मार्गदर्शक बनाएं। उनके व्यक्तित्व को किसी भी प्रतिक्रिया या विरोध का विषय न बनाएं।
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