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    Krishna Janmashtami 2025: गोकुल में कब मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी, तीन दिन तक रहेगी उत्सव की धूम

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 10:55 AM (IST)

    मथुरा के गोकुल में 15 से 17 अगस्त तक जन्मोत्सव की धूम रहेगी। यमुना नदी कान्हा के दर्शन के लिए आतुर है और गोकुल का कण-कण उनका इंतजार कर रहा है। नंदभवन मंदिर में छठ पूजन होगा और 16 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। 17 अगस्त को नंदोत्सव में कान्हा और बलराम के स्वरूप नंदचौक तक जाएंगे जहाँ उपहार लुटाए जाएंगे। मंदिर की सजावट भक्तों को आकर्षित करेगी।

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    कान्हा के दर्शन को मचल रहीं यमुना, गोकुल का कण-कण कर रहा इंतजार

    जागरण संवाददाता, मथुरा। कान्हा की बाल क्रीड़ा स्थली गोकुल में कान्हा के दर्शन को यमुना मचल रही है। द्वापरयुग जीवंत हो रहा है और घाटों तक पानी है। गोकुल का कण-कण भी कान्हा का इंतजार कर रहा है। गोकुल में तीन दिवसीय जन्मोत्सव 15 से 17 अगस्त तक मनाया जाएगा। नंदकिला नंदभवन मंदिर में 15 अगस्त को शाम छह बजे छठ पूजन होगा।

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    राक्षसों के डर से मैया यशोदा कान्हा का छठ पूजन करना भूल गईं। पहला जन्मोत्सव आया तो एक दिन पहले छठ पूजन किया। 16 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। 17 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा। कान्हा,बलराम के स्वरूप नंदचौक तक बैंडबाजों के साथ जाएंगे। वहां उपहार लुटाए जाएंगे। गोकुल का नंदोत्सव विश्व प्रसिद्ध है।

    गोकुल में 15 से 17 अगस्त तक रहेगी जन्मोत्सव की धूम

    पूर्पावतार, रसावतार के आगमन को कान्हा की नगरी में उल्लास है। बाल क्रीड़ा स्थल गोकुल में तो मानो बैकुंठ उतर आया है। गोकुल की कुंज गलियां भक्ति में सराबोर हैं। मंदिरों से लेकर घर-घर में कान्हा के स्वागत की तैयारी चल रही हैं। श्री नंदकिला नंद भवन मंदिर भी कान्हा का यशोगान कर रहा है। कान्हा के जन्मोत्सव पर मंदिर की साज-सज्जा भक्तों को आकर्षित करेगी। बिजली की सजावट ऐसी होगी, तारे जमीन पर आ गए हैं। तीन दिन आयोजित होने वाले उत्सव को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

    मंदिर के मुख्य सेवायत मथुरादास पुजारी नंदबाबा ने बताया कि जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मंदिर की सज्जा नयनाभिराम की जाएगी। सेवायत अवध बिहारी ने बताया कि गोकुल में तीन दिन हर्ष और उल्लास रहेगा। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गिरधारीलाल भाटिया ने बताया कि गोकुल का नंदोत्सव आकर्षण का केंद्र रहता है।

    15 को होगी छठ पूजा

    जन्मोत्सव से एक दिन पहले छठ पूजा होती। मंदिर में 15 अगस्त को शाम छह बजे से छठ पूजन होगा। हलवा और पूड़ी का प्रसाद वितरित किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मैया यशोदा ने राक्षसों के डर के कारण भगवान का छठ पूजन नहीं किया था। इस कारण जन्मोत्सव से एक दिन पहले छठ पूजन किया गया।

    जन्मोत्सव पर मंदिर की सजावट मोह लेगी मन

    जन्मोत्सव 16 अगस्त को मनाया जाएगा। मंदिर की सजावट भक्तों का मन मोह लेगी। मंदिर को फूल, गुब्बारा, बिजली की रोशनी से सजाया जाएगा। ठाकुरजी केसरिया पोशाक धारण करेंगे। सोने के मुकुट, माला, मोरपंख से शृंगार किया जाएगा। सुबह छह बजे अभिषेक होगा। रात को जन्म के समय महाभिषेक किया जाएगा।

    17 को होगा नंदोत्सव

    गोकुल का नंदोत्सव आकर्षण का केंद्र है। सुबह 11 बजे कृष्ण-बलराम, नंदबााब, यशोदा मैया के स्वरूप बैंडबाजों के साथ नंद चौक पहुंचेंगे। वहां उपहार लुटाए जाएंगे। इन उपहारों को लूटने के लिए होड़ मची रहती है।

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