Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Khichdi Festival Vrindavan: राधावल्लभलाल जू को परोसी गई पंचमेवा की खिचड़ी, ठाकुरजी रखेंगे हर दिन अलग रूप

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sun, 25 Dec 2022 01:16 PM (IST)

    Khichdi Festival Vrindavan ठा. राधावल्लभलाल मंदिर में खिचड़ी उत्सव आरंभ। ब्रज के मंदिरों में खिचड़ी महोत्सव मंगल समय खिचरी जेंवत हैं राधाबल्लभ। महोत्सव में प्रतिदिन समाज गायन में ठाकुरजी के पदों का गायन किया जाता है ।

    Hero Image
    ठा. राधावल्लभलाल मंदिर में खिचड़ी उत्सव आरंभ।

    संवाद सहयोगी, वृंदावन-मथुरा। ब्रज के मंदिरों में शरद ऋतु में ठाकुर को गर्म भोजन परोसा जाता है। रविवार को ठा. राधावल्लभलाल जू को सर्दी से राहत देने के उद्देश्य से पंचमेवा युक्त खिचड़ी परोसी, तो मंदिर में एक महीने तक चलने वाला खिचड़ी महोत्सव आरंभ हुआ। खिचड़ी महोत्सव पर मंदिर सेवायतों ने पदों का गायन किया। तो सदियों पुरानी परंपरा के साक्षी बने सैकड़ों भक्त आनंदित नजर आए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

    श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के सेव्य ठा. राधाबल्लभलाल के मंदिर में रविवार की भोर से ही उमंग नजर आई। खिचड़ी उत्सव के पहले दिन दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पौष मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया से शुरू होने वाला ये खिचड़ी उत्सव मंदिर में एक महीने तक चलेगा। इसमें प्रतिदिन मंगला आरती से पहले ठाकुरजी को गर्म और पंचमेवायुक्त खिचड़ी परोसी गई।

    ये भी पढ़ें...

    Kasganj News: स्कूल में प्रधानाध्यापिका और शिक्षामित्र में जमकर हुई भिड़ंत, अफसरों तक पहुंची लड़ाई

    मंदिर सेवायत देवकीनंदन गोस्वामी ने बताया, करीब तीन सौ साल पहले हित कमल नयन महाराज ने इस परंपरा की शुरूआत की थी। दिव्य खिचड़ी प्रसाद में काजू, बादाम, अखरोठ, पिस्ता, जायफल, जावित्री, कालीमिर्च और लौंग जैसी गर्म मेवा का प्रयोग किया जाता है। दिव्य प्रसाद में कुलिया, रबड़ी की ठंड में जमी हुई चिपिया, श्रीखंड के रूप में दही स्वाद बढ़ाते हैं।

    ये भी पढ़ें...

    Shri Krishna Janmabhoomi Case: 1832 में शुरू हुआ था ईदगाह व जन्मस्थान का विवाद, पढ़ें अब तक दाखिल-खारिज वाद

    ये भी पढ़ें...

    Akhilesh Yadav भाजपा पर गरजे, कहा- मैनपुरी ने सभी माडल कर दिए फेल, कितने भी इंजन लगा दो, इनके सभी डिब्बे खाली

    ठाकुरजी रखेंगे हर दिन अलग रूप

    ठा. राधाबल्लभ मंदिर में एक महीने तक चलने वाले इस खिचड़ी महोत्सव में ठाकुरजी हर दिन अलग-अलग रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। उत्सव परंपरा के अनुसार, ठाकुरजी किसी दिन मनिहारिन बनकर चूड़ी बेचते दर्शन देते नजर आएंगे। किसी दिन खिलौने बेचते हुए और किसी दिन सांवरिया के भेष में तो कभी इत्र बेचने वाली बनकर भक्तों को दर्शन देंगे। मान्यता है कि ठाकुरजी प्रियाजू को मनाने के लिए इस तरह के भेष बदलते हैं।