मैडम! छह लोगों का बनाना पड़ता है खाना, मुझे नहीं रहना साथ...मोबाइल और शराब की लत बिगाड़ रही घर के रिश्ते
Mathura News मथुरा पुलिस ने पिछले तीन वर्षों में 1865 वैवाहिक विवादों को सुलझाया है। काउंसिलिंग के ज़रिए पति-पत्नी के बीच आई दरारों को कम करने में महिला पुलिस कर्मी अहम भूमिका निभा रही हैं। कई मामलों में काम का बोझ ईगो और परिवार के हस्तक्षेप जैसे मुद्दे सामने आए हैं। पुलिस का प्रयास है कि रिश्तों को टूटने से बचाया जाए और परिवारों में सद्भाव बना रहे।

जागरण, संवाददाता, मथुरा। मैडम, घर में छह लोगों का परिवार है। ये सुबह साढ़े 11 बजे दुकान जाते हैं, जबकि अन्य लोग जल्दी जाते हैं। सुबह जल्दी उठकर रसोई में लगना पड़ता है। पूरे दिन काम लोड अधिक रहता है। मुझसे सबके लिए काम नहीं होता है। कई बार पति से कहा, लेकिन वह परिवार नहीं छोड़ना चाहता हैं। इसलिए साथ में ही नहीं रहना है।
ये एक मामला नहीं है। महिला थाने में तीन वर्ष में साढ़े तीन हजार से अधिक मामले ऐसे आए हैं। इनमें मोबाइल, शराब, लड़की-लड़के के स्वजन, विवाहेत्तर संबंध के साथ ईगो ने पति-पत्नी के रिश्तों में दरार ला दी। 1865 प्रकरण में महिला पुलिस ने काउंसिलिंग कराकर पति-पत्नी के बीच के दरार को खत्म किया। 508 ऐसे मामले हैं, जिनमें विवाद नहीं सुलझ सका। मजबूरी में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
केस एक : महिमा की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व मथुरा में हुई थी। पति पत्नी दोनों इंजीनियर हैं। काम के कारण पत्नी घर में समय नहीं दे पा रही है। पति चाहता है कि वह काम छोड़ दे। इसी को लेकर घर से शुरू हुई कहासुनी थाने तक पहुंच गई। महिला पुलिस कर्मी काउंसिलिंग कर रिश्तों में आई दरारों को कम करने में जुटी हुई हैं।
केस दो : कोसीकलां के रहने वाले अशफाक दिल्ली में सिलाई का काम करते हैं। उनकी पत्नी ने शक जताते हुए शिकायत कर दी कि वह दिल्ली में किसी और महिला के संपर्क में हैं। साथ रखना नहीं चाहते। पुलिस ने पति को बुलाया तो सामने आया कि पत्नी घर में 10 लोगों का खाना नहीं बनाना चाहती है।
केस तीन : सुनील की चार वर्ष पूर्व बलदेव की सुनीता से हुई थी। पति-पत्नी अपनी सारी बातें मां से शेयर करते हैं, जो दोनों के रिश्तों के बीच दरार ला रही है। बात इतनी बढ़ी कि दोनों अब तलाक लेने पर अड़े हैं। कोई झुकने को तैयार नहीं है।
महिला थाना प्रभारी रंजना सचान ने बताया, मामलों में जरा-जरा सी बात पर विवाद सामने आ रहे हैं। पति-पत्नी आपस में बैठकर विवाद को सुलझाने का प्रयास नहीं करते हैं। एक-दूसरे के प्रति इतनी नाराजगी होती है कि बात को मन में रखकर उसे बड़ी बना लेते हैं। फिर इनके विवाद थाने तक पहुंच जाते हैं।
697 शिकायत पहली काउंसिलिंग के बाद हुई बंद
महिला थाने में एक वर्ष में 697 शिकायती-पत्र आने पर पुलिस कर्मियों ने पति-पत्नी को बैठाकर काउंसिलिंग कराई। इसमें पुलिस को सफलता मिली और इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने पति-पत्नी के बीच आए रिश्तों की दरारों के साथ फाइल को बंद किया।
129 मामलों में चार्जशीट, 53 में जांच जारी
महिला थाना प्रभारी रंजना सचान ने बताया, इस वर्ष 1784 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें 422 में पति-पत्नी के बीच समझौता हो गया। 697 प्रकरण में पहली काउंसिलिंग के बाद ही फाइल बंद हो गई। 184 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पांच मुकदमों में एफआर लगा दी गई। 129 में चार्जशीट दाखिल की गई है। 53 मामलों की जांच की जा रही है।
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निपटारा कराने के बाद पुलिस लेती फीडबैक
महिला थाने में प्रार्थना-पत्र के निस्तारण के बाद पुलिस फीडबैक भी लेती है। दावा है कि तीन वर्ष में 1865 से अधिक प्रकरण का निस्तारण किया गया। इसमें आठ से 10 प्रकरण में बाद में भी विवाद हुआ, लेकिन अधिकांश में अब पति और पत्नी के बीच कोई शिकायत नहीं रही है।
वर्ष-प्रार्थना-पत्र-निस्तारण, दर्ज मुकदमा
- 2022-651-788-137
- 2023-1232-655-187
- 2024-1784-422-184
महिला थाने में तमाम ऐसी शिकायतें आ रही हैं, इसमें ईगो के साथ कोई झुकना पसंद नहीं कर रहा है। इससे तलाक तक नौबत आ रही है। हम रिश्तों को टूटने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। -रंजना सचान, प्रभारी, थाना महिला
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