UP News: आतंकी लजर ने पासपोर्ट के लिए 15 लाख में तय किया था सौदा, STF की छानबीन में सामने आया चौंकाने वाला सच
Terrorist Lazar News खालिस्तान समर्थक आतंकी लजर मसीह ने दिल्ली के एक गिरोह से अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए 15 लाख रुपये में सौदा तय किया था। एसटीएफ की छानबीन में यह भी सामने आया है कि लजर ने गुरदासपुर (पंजाब) के एक चिकित्सा अधिकारी से साठगांठ कर एक पते का फर्जी प्रमाणपत्र जारी कराकर अपने आधारकार्ड में पता बदलवाया था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) के सदस्य लजर मसीह ने दिल्ली के एक गिरोह से अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए 15 लाख रुपये में सौदा तय किया था। इसके लिए वह ढाई लाख रुपये का भुगतान भी कर चुका था।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की छानबीन में यह भी सामने आया है कि लजर ने गुरदासपुर (पंजाब) के एक चिकित्सा अधिकारी से साठगांठ कर एक पते का फर्जी प्रमाणपत्र जारी कराकर अपने आधारकार्ड में पता बदलवाया था।
लजर ने आधारकार्ड पर अपना पता बी-55 चंदननगर गाजियाबाद दर्ज करवा लिया था। 16 दिसंबर, 2024 को लजर ने फर्जी पते पर बने आधारकार्ड के जरिये नया सिम कार्ड भी खरीदा था। इसके बाद गाजियाबाद से पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था। जनवरी में उसे पासपोर्ट कार्यालय में अप्वाइंटमेंट डेट भी मिली थी, मगर वह उस दिन पंजाब से गाजियाबाद नहीं पहुंच सका था।
यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आतंकी लजर मसीह। सौजन्य इंटरनेट मीडिया
प्रदेश में खालिस्तान समर्थक आतंकियों के कनेक्शन की छानबीन में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) भी सक्रिय हो गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'आइएसआइ' के एजेंटों से खालिस्तान समर्थक आतंकियों के कनेक्शन की भी छानबीन की जा रही है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि लजर पाकिस्तान भी गया था। इसे लेकर भी छानबीन के कदम बढ़ रहे हैं।
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एसटीएफ की शुरुआती पूछताछ में सामने आया था कि लजर को सर्विलांस व साइबर क्राइम की अच्छी जानकारी है। उसे पाकिस्तान में इसका प्रशिक्षण दिए जाने का संदेह है। लजर के मोबाइल फोन से उसके साथियों के बारे में और जानकारियां मिलने की उम्मीद है। उसके स्थानीय मददगारों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
कोखराज थाने में एसटीएफ के अफसरों से बातचीत करते एसपी कौशांबी बृजेश कुमार श्रीवास्तव। जागरण
प्रदेश में सक्रिय आइएसआइ के एजेंटों से उसके मदद मिलने का भी संदेह है। यह पता लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है कि लखनऊ, कानपुर, कौशांबी व अन्य शहरों में वह किन-किन लोगों के संपर्क में था। छानबीन में यह भी सामने आया है कि लजर का छोटा भाई भी ड्रग्स की तस्करी में लिप्त है और वह वर्तमान में पंजाब की एक जेल में बंद है।
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लजर को पुलिस रिमांड पर लेकर कई बिंदुओं पर नए सिरे से पूछताछ किए जाने की तैयारी है। लजर बीकेआइ के जर्मन बेस्ड माड्यूल के मुखिया स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी का बेहद खास है। वह महाकुंभ के दौरान आतंकी घटना के बाद पुर्तगाल भागने की फिराक में था।
आतंकी लहर मसीह।
वह फर्जी पते पर बने आधार कार्ड के माध्यम से गाजियाबाद से अपना पासपोर्ट बनवाने की जुगत में था। एसटीएफ व पंजाब की संयुक्त टीम ने लजर को कौशांबी से गिरफ्तार किया था।
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