उत्तर प्रदेश की नदियां फिर उफनाई, बाराबंकी में तटबंध कटा
कई दिनों से थमकर बह रहीं नदियां फिर बढऩे लगीं और कटान तेज है। बाराबंकी में तटबंध कट गया तो बलरामपुर के ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए।
लखनऊ (जेएनएन)। कई दिनों से थम कर बह रहीं नदियां आज फिर बढऩे लगीं हैं और कटान भी तेज है। बाराबंकी में तटबंध कट गया तो बलरामपुर में कई गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर गए हैं। करीब 300 गांवों के खेतों में पानी भर गया है।
उत्तर प्रदेश की नदियों की बाढ़ में सैकड़ों गांव घिरे, फसलें जलमग्न
सीतापुर में घाघरा व शारदा के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। आज दोपहर तक करीब एक फीट पानी बढ़ा है। रेउसा के गोलोक कोडऱ ग्राम के लोधपुरवा, पासिनपुरवा, सिसैया बाजार, लोधपुरवा पश्चिम, टेपरी गांवों में पानी चल रहा है। घाघरा की कटान से चार मकान कट गए हैं। बाराबंकी एल्गिन ब्रिज-चरसड़ी तटबंध माझारायपुर गांव के निकट कट गया। यहां पिछले साल से नदी दबाव बना रही थी, जिसके मद्देनजर एक ङ्क्षरग बांध बनाया गया था ताकि तटबंध कटने पर पानी का बहाव रोका जा सके। हालांकि रिंगबांध काफी कमजोर है। नदी में पानी बढऩे पर वह भी कट सकता है। प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चंद्रा ने मौके पर पहुंच हालात का जायजा लिया। लखीमपुर में नदियों का जलस्तर घट-बढ़ रहा है। पलिया में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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गोंडा में एल्गिन ब्रिज चरसड़ी तटबंध पर कटान हो रही है। नकहरा काशीपुर के पास तटबंध करीब एक फीट शेष बचा है। इसे बचाने के लिए प्रशासन की टीम लगी हुई है। मौके पर प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चंद्रा, डीएम आशुतोष निरंजन सहित अन्य अधिकारी कैंप कर रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों के साथ ही अन्य कर्मियों को अलर्ट कर दिया है।बलरामपुर में उतरौला के अल्लीपुर गांव में लोग अपना आशियाना स्वयं उजाड़ कर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। करीब तीन सौ गांवों की फसल पानी भरने से खराब होने लगी है।
मथुरा में यमुना नदी उफान पर है। इससे तटवर्ती कई कॉलोनियों में घरों तक पानी पहुंच चुका है। लोग दहशत में हैं। मुरादाबाद में दो दिनों हुई बरसात के पानी से रामगंगा उफान पर है। बरेली में रामगंगा का जलस्तर कुछ घट गया है। पीलीभीत में शारदा नदी पूरनपुर के ट्रांस क्षेत्र में नहरौसा व राणाप्रताप नगर में कटान कर रही है।