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उत्तर प्रदेश की नदियों की बाढ़ में सैकड़ों गांव घिरे, फसलें जलमग्न

पहाड़ों पर बारिश से उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हैं। गंगा, घाघरा व शारदा के रौद्र रूप धारण करने से सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 02 Aug 2016 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 02 Aug 2016 08:40 PM (IST)

लखनऊ (जेएनएन)। पहाड़ों में हुई जोरदार बारिश से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गंगा, घाघरा व शारदा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। सैकड़ों गांव पानी से घिर चुके हैं तो कुछ गांवों का संपर्क कट गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलें डूब चुकी हैं तो वायरल के मरीज बढऩे से लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

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अवध में घाघरा व शारदा लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती में 250 से ज्यादा गांव अब भी पानी से घिरे हैं। लखीमपुर में शारदा व घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। पलिया में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पलिया व निघासन तहसील क्षेत्र के कई गांवों में फसलें बाढ़ के पानी में डूबी हैं, तो कई रास्तों पर आवागमन बाधित है। धौरहरा के गांव हुलासपुरवा में कटान जारी है। निघासन के तिकुनिया इलाके में मोहाना नदी तेजी से कटान कर हाहाकार मचाए है। सीतापुर में घाघरा व शारदा नदी के जल स्तर में वृद्धि हुई है। नदियों की कटान से पचीसा गांव के पांच घर और कट गए हैं। बाराबंकी में घाघरा नदी लाल निशान के ऊपर बह रही है। बारिश से तटबंधों पर निवास कर रहे परिवारों के सामने समस्या और बढ़ गई है। बाढ़ पीडि़त परिवारों के सदस्य वायरल बुखार की गिरफ्त में भी आते जा रहे हैं।

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बहराइच में घाघरा के पानी से 50 गांव घिरे हुए हैं। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। महसी तहसील के कायमपुर में पांच घर नदी की धारा में समा गए हैं। बेलहा-बेहरौली तटबंध पर बाढ़ व कटान पीडि़त डेरा डाले हुए हैं। बलरामपुर में राप्ती नदी का पानी घटा लेकिन अभी भी करीब दो सौ गांव बाढ़ की जद में हैं। अंबेडकरनगर में घाघरा नदी जलस्तर लाल निशान से ऊपर रहा।

पूर्वांचल में गंगा और घाघरा का पानी उतरने का नाम नहीं ले रहा है। लोग पलायन को मजबूर हैं। बलिया, गाजीपुर व मऊ में ये नदियां उफान पर हैं। मऊ में घाघरा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारत माता मंदिर और मुक्तिधाम पर लहरों का दबाव सर्वाधिक बना हुआ है। इसी तरह गाजीपुर में गंगा लगातार बढ़ रही है। सिद्धार्थनगर जनपद में राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दो दर्जन गांवों में अब भी बाढ़ का पानी जमा है।

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गोरखपुर में घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बड़हलगंज क्षेत्र में घाघरा नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है। देवरिया, संतकबीर नगर, कुशीनगर और महराजगंज में नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। चारों जिलों के सीवान में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश में हुई बारिश से बेतवा फिर उफान पर आ गई है। इस कारण झांसी स्थित माताटीला बांध से डेढ़ लाख क्यूसिक पानी नदी में छोड़ा गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर नदी किनारे रहने वालों को सावधान किया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली में रामगंगा का जलस्तर और बढ़ा है। शंखा नदी पर बने रपटा पुल पर अब भी पानी ऊपर चल रहा है। आसपास के गांवों का आवागमन बंद है। प्रशासन नाव की व्यवस्था नहीं करा पाया है। बदायूं के सहसवान में गंगा के जलस्तर में भी आज कमी देखी गई पर उसहैत के अहमद नगर रसौली में बाढ़ का पानी घुस जाने से गांव वालों को काफी परेशानी हुई। पीलीभीत, शाहजहांपुर में भी फिलहाल नदियों का जलस्तर जस का तस बना हुआ है। एटा के कासगंज में गंगा अब खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। तराई क्षेत्र में तबाही मची है। सैकड़ों बीघा फसल नष्ट कर चुका है। कछला पर गंगा सामान्य निशान पार कर चुकी है। फिलहाल लो फ्लड के हालात हैं।


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