अखिलेश का पीएम मोदी से चुनाव के बाद बजट पेश करने का अनुरोध, लिखा पत्र
अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की है, बजट को चुनाव के बाद पेश करने पर विचार करें, ताकि उत्तर प्रदेश के विकास व जनता के हित में योजनाओं की घोषणा हो सके।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी दो सभा में केंद्र सरकार के बजट में इस बार समाजवादी पार्टी का घोषण पत्र शामिल करने की बात कहने वाले अखिलेश यादव ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर बजट को चुनाव के बाद पेश करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है आम बजट को विधानसभा चुनाव के बाद पेश करने पर विचार करें, ताकि उत्तर प्रदेश के विकास व जनता के हित में योजनाओं की घोषणा हो सके। अखिलेश ने अपने पत्र में चुनाव आयोग की ओर से भारत सरकार को 23 जनवरी को जारी किए गए पत्र का हवाला देते हुए लिखा है।इस पत्र में आयोग ने निर्देश दिया है कि भारत सरकार के आगामी बजट में चुनाव आचार संहिता से प्रभावित पांच राज्यों के हित में कोई भी विशेष योजना घोषित नहीं की जाए।
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अखिलेश ने अपने पत्र में लिखा है कि अगर चुनाव से पहले बजट पेश होता है तो यूपी के लिए आप किसी योजना का ऐलान नहीं कर सकते, ऐसे में यूपी का बड़ा नुकसान होगा। यूपी राज्य जिसमें देश की बड़ी जनसंख्या निवास करती है को भारत के आगामी सामान्य/रेल बजट में कोई विशेष लाभ/योजना प्राप्त नहीं हो सकेगी, जिसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव यूपी के विकासकार्यों एवं यहां के 20 करोड़ निवासियों के हितों पर पड़ेंगा। साथ ही अखिलेश ने यह भी लिखा है कि 2012 में राज्यों के चुनाव की वजह से चुनाव बाद बजट पेश किया गया था।
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अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसी स्थिति में अब प्रबल संभावना बन गई है कि उत्तर प्रदेश को आम बजट का कोई विशेष लाभ या योजना मिलने नहीं जा रही है। अखिलेश ने लिखा है जनसंख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, ऐसे में यह उत्तर प्रदेश के साथ इंसाफ नहीं होगा। इसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश के विकास कार्यों और यहां के 20 करोड़ निवासियों के हितों पर पड़ेगा। अखिलेश ने याद दिलाया कि फरवरी-मार्च 2012 में भी राज्यों के आम चुनावों को देखते हुए तत्कालीन केंद्र सरकार ने चुनावों की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए खुद ही निर्वाचन के बाद सामान्य और रेल बजट पेश किया था। उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। इसके बाद बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं।
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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने केंद्र से कहा कि बजट में वह पांच राज्यों के बारे में कोई विशेष घोषणा न की जाए, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने एक फरवरी को बजट पेश करने को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि पंजाब और गोवा में मतदान 4 फरवरी से शुरू होना है, वहीं उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से होगा. पांचों राज्यों में 11 मार्च को नतीजे आएंगे। 16 राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वह सरकार से चुनाव के बाद केंद्रीय बजट पेश करने के लिए कहे ताकि इसका उपयोग पांच राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सके, जहां चुनाव होने हैं। केंद्र सरकार के एक फरवरी को बजट पेश करने के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि आम बजट केंद्रीय होता है और इसका राज्यों से कोई लेना-देना नहीं है।
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