Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP Assembly Election: प्रियंका-डिंपल के मुकाबले भाजपा की स्मृति-अनुप्रिया

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 25 Jan 2017 10:25 AM (IST)

    सपा का कांग्रेस से गठबंधन के बाद तय है कि इनके प्रचार में प्रियंका गांधी के साथ डिंपल यादव भी कई जगह पर मंच पर रहेंगी। इनके मुकाबले भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी तैयारी कर रही।

    UP Assembly Election: प्रियंका-डिंपल के मुकाबले भाजपा की स्मृति-अनुप्रिया

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार प्रचार कार्यक्रमों में महिलाओं का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिलेगा। सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन होने के बाद तय है कि इनके प्रचार में प्रियंका गांधी के साथ डिंपल यादव भी कई जगह पर मंच पर रहेंगी। इनके मुकाबले भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी तैयारी कर रही। भाजपा इनके मुकाबले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ अनुप्रिया पटेल को सभाओं में उतारेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजनीति में सक्रिय होने की ओर बढ़ रहीं प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में अभी तक अमेठी तथा रायबरेली को छोड़कर अन्य कहीं पर भी कांग्रेस का प्रचार नहीं किया है। अब माना जा रहा है कि वह डिंपल यादव के साथ प्रदेश में जनसभाएं करेंगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी प्रियंका को चुनाव प्रचार में उतरने के प्रति आश्वस्त दिखाई दिए हैं। ऐसे में बहुत हद तक संभव है कि डिंपल-प्रियंका की जोड़ी साथ-साथ चुनाव प्रचार करे।

    यह भी पढ़ें: UP Elections 2017 : सुल्तानपुर से आज सपा का चुनावी अभियान शुरू करेंगे अखिलेश

    गठबंधन में हिट रहेगी डिंपल-प्रियंका की जोड़ी

    डिंपल और प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार को लेकर लोगों का मानना है कि सूबे के युवा मतदाता इन दोनों नेत्रियों से प्रचार से कितना आकर्षित होते हैं ये तो बाद में मालूम होगा लेकिन गठबंधन के लिए ये एक अच्छी रणनीति हो सकती है। सबसे अहम तो यह है कि दोनों महिला मतदाताओं को बड़े पैमाने पर गठबंधन की ओर मोडऩे में कामयाब हो सकती हैं। दोनों ही महिलाओं के हितों वाले मुद्दे पर सकारात्मक रुख रखती हैं। अपनी हाई प्रोफाइल लाइफ़ स्टाइल के कारण दोनों चर्चाओं में रहती हैं। प्रियंका गांधी तो नेहरू परिवार की बेटी हैं, जबकि डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव की बहू और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी है। डिंपल यादव तो राजनीति में काफी पहले से ही सक्रिय हैं। वह कन्नौज से सासंद भी हैं। कर्नाटक के बेल्लारी में सुषमा स्वराज के सामने जिस तरह से प्रियंका ने अपनी मां का प्रचार संभाला हुआ था, उसके बाद लोगों ने प्रियंका को दूसरी इंदिरा गाँधी की संज्ञा तक दे डाली। प्रियंका आम लोगों में एकदम घुलमिल जाती हैं। इंदिरा गांधी जैसा अंदाज उनके प्रशंसकों को काफी अच्छा लगता है।

    यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव 2017 : प्रथम चरण में राहुल गांधी करेंगे छह रैलियां

    समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के प्रचार में अखिलेश-राहुल की तरह ही प्रियंका-डिंपल भूमिका निभा सकती हैं। गठबंधन की घोषणा के दौरान राज बब्बर के एलायंस के एजेंडे से लगाया जा सकता है, जिसमें महिला सुरक्षा के मुद्दे को अहमियत दी गई है। महिला सुरक्षा को लेकर डिम्पल यादव भी अपना स्पष्ट रुख बयान कर चुकी हैं। अखिलेश के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी उनको प्रचार का मौका देती है या नहीं इसका फैसला नहीं हो पाया है।

    यह भी पढ़ें: UP Elections 2017 : अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी

    स्मृति-अनुप्रिया पर भी बड़ी जिम्मेदारी

    भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रियंका तथा डिंपल के मुकाबले में उतरने वाली स्मृति ईरानी को अभी तक मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। वह उत्तर प्रदेश का लगातार चुनावी दौरा करती रही हैं। अमेठी में राहुल गांधी को तगड़ी चुनौती देने वाली स्मृति ईरानी अपने भाषण से भीड़ को आकर्षित करने में कामयाब रही हैं। अमेठी में भले ही स्मृति को हार मिली लेकिन स्मृति ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। स्मृति ईरानी भाजपा की स्टार प्रचारक होंगी।

    मथुरा से पार्टी की सांसद हेमा मालिनी भी मौजूद होंगी। इसके अलावा पिछले दिनों चर्चा में आयीं दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह से पार्टी चुनाव प्रचार कराने पर भी विचार कर सकती है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी महिला नेता के तौर पर प्रचार करेंगी। अनुप्रिया पटेल बीते कुछ महीनों से लगातार उत्तर प्रदेश में चुनावी दौरा करती रही हैं और उनकी छवि भी आकर्षक है। स्मृति ईरानी और अनुप्रिया पटेल भी काफी पढ़ी लिखी नेता हैं। खास बात यह है कि दोनों बहुत अच्छे ढंग से बोलती हैं, लोगों के बीच अपनी बात पहुंचाने की काबिलियत दोनों में है। ऐसे में प्रियंका और डिम्पल के लिए दोनों महिला नेता चुनौती साबित हो सकती हैं। अनुप्रिया पटेल का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुर्मी बहुल्य सीटों तक ही दिखेगा, जबकि स्मृति ईरानी का किरदार काफी अहम होगा।

    यह भी पढ़ें: अखिलेश का घोषणा पत्र : एक करोड़ को हजार रुपया मासिक पेंशन

    अनुप्रिया व स्मृति शहरी मतदाताओं को अपनी बातों से आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इन्हें मुश्किलें आ सकती हैं। जबकि प्रियंका और डिंपल शीर्ष स्तर के राजनीतिक पारिवारिक की विरासत के कारण इन परिस्थितियों से काफी हद तक अवगत हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner