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    हरिद्वार से लौटते समय भीषण हादसा: डीसीएम ने कार को मारी टक्कर, तीन दोस्तों की मौत

    Updated: Sun, 23 Feb 2025 09:28 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां हरिद्वार से मीटिंग कर लौट रहे तीन दोस्तों की भीखमपुर चौराहे पर सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। लखीमपुर की ओर से आ रही डीसीएम ने उनकी कार को टक्कर मार दी। चालक गंभीर रूप से घायल है। तीनों दोस्त एक पेस्टीसाइड कंपनी में बिजनेस करने के लिए हरिद्वार गए थे।

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    मैगलगंज कस्बे के बाईपास पर स्थित तुलसी ढाबा के भीतर घुसी अनियंत्रित डीसीएम। -जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण. ममरी (लखीमपुर)। हरिद्वार स्थित एक कंपनी की बैैठक में शामिल होकर घर लौट रहे तीन दोस्तों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई, जिसके साथ ही उनके व्यापार कर कामयाब इंसान बनने के सपने समय से पहले ही चूर-चूर हो गए।

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    यह सड़क हादसा मितौली क्षेत्र के गांव भीखमपुर चौराहे पर शनिवार की रात करीब 10 बजे हुआ, जब लखीमपुर की ओर से आ रही डीसीएम ने अल्टो कार को टक्कर मार दी, जिसमें यह तीनों दोस्त सवार थे। जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया है।

    हैदराबाद क्षेत्र के ग्राम खरगापुर निवासी 30 वर्षीय नवनीत वर्मा उर्फ सतीश पुत्र मूलचंद, ककलापुर निवासी 35 वर्षीय विपिन वर्मा पुत्र रामकुमार और फरधान क्षेत्र के गांव सिसावां कला निवासी 31 वर्षीय पंकज वर्मा पुत्र शिव कुमार तीनों आपस में गहरे दोस्त थे, जिससे यह लाेग एक साथ ही पढ़ाई करने के बाद रोजगार की तलाश में जुटे थे।

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    इसी दौरान उन्होंने हरिद्वार की एक पेस्टीसाइड कंपनी से बिजनेस करने का प्लान बनाया था, जिसके लिए विपिन कुमार, पंकज वर्मा, नवनीत वर्मा उर्फ सतीश अपने एक अन्य दोस्त डोकरपुर निवासी विपिन व पीलीभीत निवासी चालक सुनील के साथ हरिद्वार में पेस्टिसाइड की कंपनी में मीटिंग ज्वाइन करने के लिए 19 फरवरी को कार से रवाना हुए थे।

    मीटिंग से वापस लौटते समय तीनों दोस्तों ने अपने चौथे दोस्त डोकरपुर निवासी विपिन को उसके घर छोड़ दिया। इसके बाद तीनों दोस्त कार से अपने घर की ओर चले थे। तभी रास्ते में भीखमपुर में चौराहे के पास लखीमपुर की ओर से आ रही डीसीएम ने कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार हवा में उछलकर करीब 10 मीटर दूर जा गिरी।

    खरगापुर में मृतक सतीश वर्मा के घर लगी भीड़। जागरण


    बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई कार में सभी लोग फंस गए। चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्य में जुट गए। लोगों नें किसी तरह कार की बाडी को खींचकर व काटकर सभी को बाहर निकाला। सूचना पर पहुंची पीआरवी एवं एम्बुलेंस से सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला भेजा गया, जहां डाक्टरों ने कार चालक सुनील को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

    जबकि अन्य तीनों घायल दोस्तों को मृत घोषित कर दिया। बाद में गंभीर कार चालक सुनील को लखीमपुर से लखनऊ के लिए रेफर किया गया है। जानकारी होने पर परिवारजनों में कोहराम मच गया। डीसीएम चालक मौके से डीसीएम समेत फरार हो गया।

    बाएं से नवनीत वर्मा उर्फ सतीश, विपिन कुमार और पंकज वर्मा। फाइल फोटो।


    प्राइवेट कंपनी में भविष्य तराशने से पहले तीनों दोस्तों को मिली मौत

    भीखमपुर में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने बाले सभी युवा दोस्त प्राइवेट क्षेत्र की पेस्टीसाइड कंपनी में पूरे मनोयोग से कार्य कर अपनी खुशहाली और तरक्की का सपना संजोए हुए थे, लेकिन प्रकृति को यह सब रास नहीं आया। मंजिल पर पहुंचने से पहले ही सभी असमय मौत का शिकार हो गए।

    हरिद्वार में कम्पनी की आयोजित मीटिंग से वापस आने के दौरान हादसा हुआ। दरअसल भीखमपुर हादसे में जान गंवाने वाले विपिन वर्मा, पंकज वर्मा, नवनीत उर्फ सतीश व डोकरपुर निवासी दोस्त विपिन व पीलीभीत निवासी चालक के साथ हरिद्वार में पेस्टिसाइड की एक कंपनी में इसी कार से मीटिंग ज्वाइन करने के लिए 19 फरवरी को यहां से रवाना हुए थे।

    खरगापुर में सतीश वर्मा के अंतिम संस्कार में जुटी भीड़। जागरण।


    परिवारीजनों को उनके आने का इंतजार था। हरिद्वार से गोला सुरक्षित वापस आ गए। फिर डोकरपुर निवासी दोस्त को छोड़ने गए थे। वापस आते समय हादसे का शिकार बन गए। इसकी खबर मिलते ही परिवारीजनों में कोहराम मच गया।

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    मौत से शादी की खुशियां मातम में बदलीं

    भीखमपुर सड़क हादसे में जान गंवाने वाले नवनीत उर्फ सतीश के घर में उसकी शादी की तैयारियां चल रही थीं, जिससे उसकी मौत की खबर सुनते ही घर में खुशियां मातम में बदल गई। सतीश अपने माता पिता का दो बहनों के बीच में अकेला पुत्र ही था। उसकी 17 फरवरी को रोक भी हो चुकी थी।

    आने वाले समय में मगही की लड़की से शादी भी होनी थी। जिसकी तैयारियां दोनों पक्षों में जोर शोर से चल रही थीं। इसी बीच मौत की मनहूस खबर आने से सभी दुःखी हो गए हैं। माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल है, क्योंकि एकलौता पुत्र था जिसके चले जाने से उनके बुढ़ापे का सहारा ही छिन गया है।

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