UP News: पूर्व सीएम को पता नहीं और बिक गई उनकी जमीन, प्रशासन ने रोकवाई निर्माण कार्य
Land Sold Illegally मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम से आलापुर के रामनगर महुवर में दर्ज जमीन को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बेच दिया गया। 36 साल बाद भी बैनामा धारक ने खारिज दाखिल नहीं कराया। निर्माण कार्य शुरू होने पर मामला सामने आया और प्रशासन ने कार्रवाई की। जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच जारी है।

संवाद सूत्र, जागरण, जहांगीरगंज। आलापुर के रामनगर महुवर में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम से वरासत में दर्ज भूमि बिक गई और उनको पता भी नहीं चला। पावर आफ अटार्नी की आड़ में रियासती भूमि का बंदरबांट चल रहा है। बैनामा धारक ने 36 वर्षों बाद भी खारिज दाखिल नहीं कराया है। उक्त गांव में दिग्विजय सिंह के नाम पर भूमि है। यह भूमि पूर्व में उनकी मां के नाम थी।
18 फरवरी 1986 को मां के निधन के उपरांत वरासत के दिए गए। आवेदन के बाद भूमि पुत्र के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम पर दर्ज हो गई। बाद में उन्होंने मकरही रियासत में अपनी पुराने रिश्तों के चलते भूमि का अधिकार पत्र मकरही रियासत के नृपेंद्र शाह को सौंप दिया। हालांकि वह अभी अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सका।
मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब गत शुक्रवार को भूमि पर कुछ लोगों ने निर्माण के लिए नींव खोदाई शुरू किया। बताया जाता है कि केयरटेकर अनिल यादव ने इसकी जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री समेत प्रशासनिक अधिकारियों को दी तो मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया और प्रशासन ने निर्माण कार्य रोकवा दिया।
भूमि से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दिया। अनिल के अनुसार हंसवर के केवटला के एक व्यक्ति ने मुख्तारे-ए-आम दिग्विजय सिंह बनकर 1989 में रामनगर महुवर के सगे भाईयों जियालाल यादव, राजबहादुर यादव व मंगली यादव को बैनामा कर दिया।
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बैनामा कराने वाले भी लंबे समय तक खामोश रहे और खारिज दाखिल नहीं कराया। बैनामा कराने वालों में जियालाल यादव का दावा है कि उन्होंने वैधानिक तरीके से अधिकृत व्यक्ति द्वारा बैनामा कराया है। जियालाल ने बताया कि यहां बिहार प्रांत के मुंगेरी स्टेट की संकरी देवी और दिग्विजय सिंह से पावर आफ अटार्नी धारक रामहरख और सभाजीत से उन्होंने बैनाम लिया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह। जागरण
संकरी देवी के हिस्से की 10 बिस्वा भूमि और दिग्विजय सिंह के हिस्से की 12 बिस्वा भूमि मिलाकर कुल 22 विस्वा भूमि का बैनामा लिया है। उक्त भूमि का खारिज दाखिल कराए जाने के लिए तहसील में आवेदन लंबित है। फिलहाल यहां कोई निर्माण नहीं कराया जा रहा है। उक्त बैनामा भूमि पर 10 बिस्वा में सहमति पर काफी लोग रहते हैं।
रामनगर महुवर में पूर्व मुख्यमंत्री के भूमि से जुड़े मामले की पड़ताल की जा रही है। रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। - सुभाष सिंह, एसडीएम
आये दिन हेराफेरी के मामले आते सामने
जालसाजी और कागजात में हेराफेरी से भूमि खरीदने और बेचने के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं, जिनके तार उपनिबंधक कार्यालय से लेकर तहसील के राजस्व महकमे से जुड़े रहते हैं। इसके चलते विवादों में भी बढ़ोतरी देखी जाती है।
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इन शिकायतों के जल्द निस्तारण में रुचि दिखाने की बजाय लंबी जांच प्रक्रिया या आपत्तियों के नाम पर राजस्व कोर्ट के जरिए फैसलों के इंतजार तक सीमित रहते हैं। रामनगर के महुवर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जुड़ा मामला बानगी है।
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