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    UPPCL: सरकारी निवेश के बाद भी निजीकरण का विरोध, बिजली कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

    Updated: Sun, 23 Feb 2025 07:38 PM (IST)

    UPPCL News करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी गोरखपुर में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए निजीकरण की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं बिजली कर्मचारी। उनका कहना है कि सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए काफी निवेश किया है फिर भी निजीकरण की कोशिश समझ से परे है। निजीकरण से जनता के हितों पर कुठाराघात होगा।

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    बिजली विभाग के नीजीकरण के विरोध में मोहद्दीपुर में प्रदर्शन करते बिजली विभाग जूनियर इंजीनियर संगठन के सदस्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिले की बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन ने विद्युत सुधार गोष्ठी की। कहा कि सरकार के करोड़ों रुपये खर्च कर बिजली व्यवस्था में सुधार किया गया। फिर सिर्फ गोरखपुर जिले में डेढ़ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा के सुधार कार्यों को स्वीकृति मिली है।

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    इसके बाद भी निजीकरण की कोशिश समझ से परे है। यदि निजी घराने आए तो उन्होंने शानदार व्यवस्था मिलेगी और वह सिर्फ कमाई कर जनता के हितों पर कुठाराघात करेंगे। रविवार को मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने हुई गोष्ठी में जिले की बिजली व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए सुधार कार्यों को हर हाल में गर्मी से पहले पूरा कराने की बात कही गई।

    इसमें उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, नए उपकेंद्रों का निर्माण, फीडरों को बांटकर ओवरलोड कम करना, जर्जर तार बदल कर एरियल बंच कंडक्टर लगाना, ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि आदि कार्य शामिल हैं।

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    संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष शिवम चौधरी ने कहा कि गोरखपुर विश्व के पुरातन शहरों में से एक होने के कारण राजनैतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा, चिकित्सा, व्यापारिक गतिविधियों व विकास की योजनाओं में हमेशा अग्रणी रहता है। विकास कार्यों के कारण बड़ी कंपनियां यहां आ रही हैं। लोग शहर में बस रहे हैं, मल्टीस्टोरी भवन बन रहे हैं।

    इसे देखते हुए भविष्य की जरूरतों के अनुसार बिजली व्यवस्था के मूलभूत ढांचे में सुधार होना चाहिए। काफी कार्य हो चुके हैं या हो रहे हैं। बिजली निगम फायदे में है लेकिन निगम प्रबंधन पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के के लिए निजीकरण करने पर तुला है। इसके खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।

    बिजली का निजीकरण। जागरण


    अध्यक्ष अमित यादव ने कहा कि जिले में गर्मी से पहले ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, फीडर बांटने, उपकेंद्रों के ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि आदि कार्य कराने बहुत जरूरी हैं। इस दौरान पारेषण के क्षेत्रीय अध्यक्ष गौतम कुमार, नीरज यादव, राम इकबाल, दीपक श्रीवास्तव, प्रद्युम्न सिंह, संजय यादव, रामजनक सिंह, नवनीत पटेल, रणंजय सिंह, दुर्गा प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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    निजीकरण के खिलाफ 26 जून को राष्ट्रव्यापी हड़ताल

    पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और कई अन्य निगमों के निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों ने 26 जून को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने हड़ताल के पहले सभी को एकजुट करने के लिए अप्रैल और मई में सभी प्रदेशों में बड़े सम्मेलन करने का एलान किया है।

    विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का कहना है कि 1.15 लाख करोड़ रुपये का बिजली राजस्व का बकाया है और 1.10 लाख करोड़ का घाटा है। इससे स्पष्ट है कि बिजली निगम फायदे में है। निजीकरण का लाभ सिर्फ पूंजीपतियों को मिलेगा।