कानपुर देहात में बारिश की चपेट में आ गया रावण.....फिर रोकना पड़ गया रामलीला का मंचन
कानपुर देहात में भारी बारिश ने रामलीला और दशहरा कार्यक्रमों में खलल डाला। रामलीला मैदानों में जलभराव हुआ पंडाल गिरे और रूरा में रावण का पुतला भीगकर क्षतिग्रस्त हो गया। कहिंजरी में रामलीला महोत्सव और मेले में जलभराव से कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा और दुकानदारों को नुकसान हुआ। अकबरपुर में कवि सम्मेलन का स्थान भी बदलना पड़ा।

जागरण टीम, कानपुर देहात। तेज बारिश से रामलीला, नवरात्र व दशहरा महोत्सव के कार्यक्रमों में खलल पड़ गया। रामलीला मैदानों में जलभराव हो गया तो कहीं पंडाल गिर गया साथ ही रूरा में रावण का पुतला भीगकर खराब हो गया। इससे सभी परेशान हो गए और कार्यक्रम भी बड़ी मुश्किल से हुए।
रूरा में तेज बारिश से कस्बा के नाला नाली उफनाने से कई बस्ती की गलियों में जलभराव हो गया जबकि रामलीला कार्यक्रम स्थल, मंच व पंडाल बुरी तरह से भीग जाने से अव्यवस्था हो गई। बारिश थमने पर कमेटी के लोग पंडाल को सही कराने में जुटे लेकिन कुछ देर बाद बारिश फिर से शुरू होने पर निराश हो गये। बारिश से कार्यक्रम स्थल के पास स्थापित किया गया रावण का पुतला बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया। सजावट व आकर्षक दिखाने के लिए लगाई रंगीन पन्नी पानी में बह गई जबकि उसका चेहरा भी खराब हो गया।
रामलीला कमेटी के दिलीप सिंह मुन्ना ने बताया कि बारिश से काफी नुकसान हो गया है अत्यधिक बारिश से पूरी व्यवस्था बिगड़ गई है। अध्यक्ष राजू भदौरिया ने बताया कि मंच पर टीनशेड से अधिक नुकसान नहीं हुआ है व्यवस्था कराई जा रही है। रात तक सीता हरण की लीला कराई जाएगी।
श्रीरामलीला कमेटी कहिंजरी के तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय श्रीरामलीला महोत्सव और विशाल मेले में मंगलवार को हुई लगातार चार से पांच घंटे की तेज बारिश ने पूरे मैदान को जलमग्न कर दिया। भयंकर जलभराव की स्थिति बनने के कारण रामलीला का निर्धारित कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। मैदान में पानी भर जाने से लीला मंचन प्रभावित हुआ है मेले में लगी सैकड़ों दुकानों पर भी इसका गहरा असर पड़ा।
दूर दराज से आए दुकानदारों ने बताया कि जलभराव की वजह से मेले में ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बारिश की मार झेलते हुए दुकानदार मायूस नजर आए।
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उधर 10 दिवसीय लीला की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को क्षेत्रीय बाल कलाकारों द्वारा पूजन, अर्चन, बंधन और आरती का आयोजन रामशाला परिसर में ही किया गया। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु और समिति के पदाधिकारी कार्यक्रम में सम्मिलित रहे। वहीं अकबरपुर में कवि सम्मेलन का कार्यक्रम का स्थान मैदान में पानी भर जाने के कारण टालना पड़ा और उसे सिंह लान बाढ़ापुर में करना पड़ा।
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