गर्भवतियों में प्रसव के दौरान जान जाने का खतरा, भूलकर भी इन खाद्य पदार्थों को न खाएं
कानपुर में डॉक्टर सीमा द्विवेदी ने गर्भावस्था में एनीमिया बीपी और मधुमेह के खतरों के बारे में बताया। उन्होंने मोटा अनाज खाने जंक फूड से बचने और संतुलित जीवनशैली अपनाने की सलाह दी। एनीमिया के लक्षणों सर्वाइकल कैंसर से बचाव और मोटापे से होने वाले नुकसानों पर भी चर्चा की। गर्भावस्था में योग और प्राणायाम के महत्व पर भी जोर दिया गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। गर्भावस्था के दिनों में महिलाओं में एनीमिया का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। जो खून की कमी के कारण कई प्रकार की गंभीर स्थिति का कारण बन रहा है। खून की कमी जच्चा के साथ बच्चा के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक है। इससे ग्रसित गर्भवतियों में प्रसव के दौरान जान जाने का खतरा बना रहता है। वहीं, थायराइड और मोटापा की अनदेखी भी गर्भावस्था के दिनों में कई गंभीर बीमारी जैसे उच्च रक्तचाप और डायबिटिक का रोगी बना रहा है। इससे बचाव के लिए संतुलित दिनचर्या और खान-पान जरूरी है।
दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के जच्चा-बच्चा अस्पताल की वरिष्ठ प्रो. डा. सीमा द्विवेदी ने कहा कि मोटा अनाज गर्भावस्था के दिनों में शरीर के लिए संपूर्ण आहार है। जो गर्भवती के शरीर में होने वाली सभी प्रकार की खामियों को दूर करने में मददगार होता है। पेश है पाठकों से बातचीत के मुख्य अंश..
प्रो. डा. सीमा द्विवेदी।
- 50 वर्ष की हूं, दिनभर शरीर में कमजोरी और चिड़चिड़ापन रहता है?
- बढ़ती उम्र में शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हीमोग्लोबिन, थायराइड, बीपी और डायबिटिक का खतरा बढ़ जाता है। जो अर्थराइटिस, मोटापा और अन्य कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा बनता है। ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के जच्चा-बच्चा अस्पताल में एक बार ओपीडी में दिखा लें। इससे आपकी कमजोरी का कारण स्पष्ट हो जाएगा और आप रोग मुक्त शरीर के लिए बढ़ सकेंगे।
- एनीमिया से ग्रसित होने का पता कैसे लगाएं। इसके क्या प्राथमिक लक्षण होते हैं?
- एनीमिया से ग्रसित महिलाओं में चेहरे पर सूजन और सफेदपन दिखता है। थकान दिखती है। जो दिनभर बनी रहती है। इससे बचाव के लिए संतुलित खान-पान और आयरन रिच फूड का सेवन करें। खाने में लोहे की कढ़ाई में सब्जी बनाएं, गुड़ खाएं, चुकंदर, केला खाएं। इसके साथ ही महिला रोग विशेषज्ञों की देखरेख में आयरन से जुड़े खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पर्याप्त नींद लें और जंक फूड का सेवन करें। इससे आप एनीमिया के खतरे से बच सकते हैं।
- गर्भावस्था में एनीमिया, बीपी और मधुमेह रोग के क्या खतरे हो सकते हैं?
- गर्भावस्था में एनीमिया, बीपी और मधुमेह का खतरा सर्वाधिक रहता है। जो अनदेखी करने से प्रसव के दौरान खतरनाक हो सकता है। इससे बचाव के लिए गर्भावस्था में योग, प्राणायाम और संतुलित दिनचर्या का सेवन करें। गर्भावस्था में समय-समय पर जांच, तनाव मुक्त रहना चाहिए। शारीरिक और मानसिक शांति के लिए योग और प्राणायाम करना चाहिए। इससे जच्चा और बच्चा का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- मेरी बेटी जंक फूड का अधिक सेवन करती है। पिछले एक वर्ष से उसका शरीर मोटापे से ग्रसित हो रहा है?
- मोटापा दिनचर्या और खान-पान की बीमारी है। शारीरिक रूप से सक्रिय होने से आप मोटापे को कम कर सकते हैं। जंक फूड का सेवन कम करें और घर में बने कम तेल-मसालेदार भोजन का प्रयोग करें। ऐसा करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी एकत्र नहीं होगी। जंक फूड में अधिक मात्रा में सोडियम, वसा की मात्रा होती है। इसलिए यह मोटापे का कारण बनता है।
- मेरी उम्र 42 वर्ष है, मुझे मोनोपाज के लक्षण दिख रहे हैं। क्या करें?
- बढ़ती उम्र में मोनोपाज का बढ़ने लगता है। जिसे योग, प्राणायाम, संतुलित आहार और दिनचर्या से काफी हद तक कम किया जा सकता है। एक बार आप जीएसवीएम मेडिकल कालेज के जच्चा-बच्चा अस्पताल में दिखा लें। ताकि कुछ जांच कराकर आपकी समस्या का निवारण किया जा सके।
- सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। घर में बना खाना खाना चाहिए। मानसिक और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए। आयरन, कैल्शियम और मल्टीविटामिन का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से योग और प्राणायाम करना चाहिए। गर्भावस्था में घरेलू कार्य जरूर करने चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती का शरीर सक्रिय रहेगा और वो तनाव मुक्त रहेगी।
- सर्वाइकल कैंसर की पहचान महिलाएं कैसे कर सकती हैं। ताकि समय रहते इससे बचा जा सके?
- सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी के मुहाने का कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती कोई लक्षण नहीं होते हैं। जो यौन स्वच्छता की कमी के कारण होती है। खून आना और बच्चेदानी के मुहाने पर ट्यूमर की ग्रोथ दिखती है। इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। इसके टीकाकरण से सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है। यौन शिक्षा महिलाओं में होने वाले गंभीर रोग से बचाव के लिए सबसे अधिक लाभदायक है।
- गर्भावस्था में मोटे अनाज के सेवन से क्या फायदे होते हैं। इसका प्रयोग कैसे करना चाहिए?
- मोटा अनाज में कैल्शियम और मिनरल्स होते हैं। जो पेट का स्वास्थ्य बेहतर रखता है और इससे शरीर बीमारियों से बचता है। क्योंकि शरीर में पेट से ही अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है। ऐसे में हर किसी को दिन में एक बार मोटे अनाज का सेवन करना चाहिए। मोटा अनाज शरीर के लिए संपूर्ण आहार है, जो गर्भवतियों के लिए सुपर फूड का काम करता है।
- दर्दनाशक दवाएं खुद से आने से क्या नुकसान होता है। मासिक धर्म में दौरान दर्द से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
- मासिक धर्म के दौरान अगर दर्द हो रहा है तो एक बार किसी विशेषज्ञ को दिखाएं। आमतौर पर पीरियड्स में दर्द नहीं होता है। दर्द होने पर कुछ जांच कराकर इससे बचा जा सकता है। खुद से दर्दनाशक दवाएं बिना चिकित्सीय सलाह के लेने से कई प्रकार के नुकसान होते हैं। जो मासिक धर्म के समय में असंतुलन पैदा करते हैं।
- मोटापा समाज के लिए समस्या बनता जा रहा है। जो कई रोगों का कारण बन रहा है। इससे बचाव के लिए क्या करें? - गुरदीप सिंह, साकेत नगर।
- बाजार में बिक रहे जंक फूड के सेवन से मोटापा हर उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ रहा है। जो महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। मोटापे से ग्रसित महिलाओं में मोटापा गर्भ धारण के समय सबसे बड़ी चुनाैती बनता है। जो गर्भावस्था की बीमारी पैदा कर रह है। इसकी अनदेखी करने से लिवर, किडनी को भी खतरा हो जाता है।
इन्होंने किए प्रश्न
सुरेश अवस्थी, पांडु नगर। समा परवीन, लाटूश रोड। सुमित कुमार पांडेय, नौबस्ता। रश्मि शुक्ला, जरौली। अलका द्विवेदी, पी रोड। रमा अग्रवाल, किदवई नगर। सीता द्विवेदी, जाजमऊ। फरहीन खां परेड। सुष्मिता शर्मा, गोविंद नगर। शैली शर्मा, किदवई नगर। अंकिता द्विवेदी, नवाबगंज। अंजलि शर्मा, रतनलाल नगर। सीमा जैन, साकेत नगर। पूजा कुशवाहा, लालबंगला।
गर्भावस्था में रखें इन बातों का ख्याल
मोटे अनाज का सेवन करें।
घर में बने खाने का ही प्रयोग करें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें।
घर के काम-काज के रूप में शारीरिक वर्क करें।
मन की शांति की के लिए योग और प्राणायाम करते रहें।
गर्भावस्था में किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर चिकित्सीय सलाह जरूर लें।
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