I Love Muhhamad: बरेली में बवाल का आरोपित मौलाना तौकीर रजा सेंट्रल जेल स्थानांतरित, लाया गया फतेहगढ़
बरेली में आई लव मुहम्मद के समर्थन में हुए बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। सुरक्षा कारणों से उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है और जेल प्रशासन कड़ी निगरानी रख रहा है।

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। कानपुर से शुरू हुए आई लव मोहम्मद के समर्थन देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में हुए बवाल की साजिश के आरोप में देर रात गिरफ्तार कर मौलाना तौकीर रजा खां को न्यायालय के आदेश पर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। हालांकि तनाव को देखते हुए मौलाना को शनिवार को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
करागार प्रशासन एवं सुधार विभाग के संयुक्त सचिव शिव गोपाल सिंह के आदेश से बरेली से कड़ी सुरक्षा के बीच मौलाना को प्रशासनिक आधार पर वज्र वाहन से फतेहगढ़ लाया गया। यहां पर शाम करीब चार बजे वज्र वाहन को बाहर न रोक कर सीधे सेंट्रल जेल के अंदर ले जाया गया। जहां उनको हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। मामले में जेल प्रशासन कुछ भी बताने से कतरा रहा है।
हालांकि जेल सूत्रों के अनुसार मौलाना की हाई सिक्योरिटी बैरक की निगरानी बढ़ा दी गई है और सीसी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि मौलाना तौकीर रजा पहले भी 2010 के बरेली दंगों में जेल जा चुके हैं। वह बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खां के वंशज हैं। शहर में शांति बनाए रखने के लिए जेल परिसर और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गईहै। सूत्रों के अनुसार मौलाना को पहले जिला जेल ले जाने की योजना थी। बाद में सुरक्षा की दृष्टि से सेंट्रल जेल में रखने का निर्णय लिया गया।
इस वजह से गिरफ्तार किए गए थे
बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं। अपने विवादास्पद बयानों की वजह से पहले भी पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बरेली में उपद्रव के बाद मौलाना तौकीर रजा समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ चार थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कोतवाली प्रेमनगर और किला थाने में भी मुकदमे लिखे गए हैं जिनमें मौलाना तौकीर रजा का नाम भी शामिल था।
कानपुर में सपा विधायकों ने कहा था कि बवाल करने वाले पेशेवर उन्मादी
कानपुर में इस मामले में पुलिस आयुक्त से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी, हसन रूमी, नसीम सोलंकी ने मुलाकात की थी। उन्होंने पूरे विवाद और एफआइआर के बारे में समझा। इसके बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा था कि कुछ लोग पेशेवर बवाली हैं, जिनका काम ही समाज में भ्रांति पैदा करके बवाल करना है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जानी चाहिए। बारावफात के पांच दिन बाद मुकदमा लिखा गया। कानपुर में कम और कानपुर से बाहर और दूसरे देशों में विरोध हो रहा है। पेशेवर उन्मादी लोग चाहे बारावफात हो या दीपावली, उसमें उन्माद फैलाते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
चार सितंबर को रावतपुर के सैय्यदनगर में बारावफात पर कुछ लोगों ने यहां बने एक गेट को लेकर विरोध किया। इस गेट पर 'आइ लव मोहम्मद' लिखा बैनर भी लगाया गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करा दिया और गेट व बैनर भी हटा दिया गया। दूसरे दिन इसी स्थान पर बरावफात जुलूस के दौरान भंडारे का एक बैनर फट गया, जिसे लेकर विवाद हुआ। 10 सितंबर को रावतपुर पुलिस के दारोगा पंकज शर्मा ने आठ नामजद और 10-15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। तहरीर में साफ उल्लेख है कि मुकदमा परंपरा से हटकर बिना अनुमति गेट लगाने को लेकर किया गया है।
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