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    I Love Muhammad विवाद पर कानपुर के सपा विधायकों ने बताया सच, हंगामा करने वाले पेशेवर उन्मादी

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 03:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के कानपुर में I Love Muhammad पोस्टर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। सपा विधायकों ने पुलिस आयुक्त से मिलकर इस मामले पर चर्चा की और निर्दोषों पर कार्रवाई रोकने की मांग की। उनका कहना है कि कुछ लोग समाज में उन्माद फैला रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया कि मुकदमा I Love Muhammad बैनर को लेकर नहीं है बल्कि बिना अनुमति गेट लगाने को लेकर है।

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    पुलिस आयुक्त से मिलकर पत्रकारों से बातचीत करते सपा विधायक नसीम सोलंकी, हसन रूमी, अमिताभ बाजपेयी। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ विवाद धीरे-धीरे देशभर में फैलता जा रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग 'I Love Muhammad' के पोस्टर लेकर जुलूस निकाल रहे हैं। कुछ जगहों पर माहौल भी बिगाड़ने का प्रयास किया गया। शुक्लागंज में पुलिस पर पथराव भी हुआ। 'I Love Muhammad' से जुड़ा आखिर ऐसा क्या विवाद है जिसे इतना बड़ा बना दिया गया। कानपुर से फैले इस विवाद में सपा विधायक सामने आए। उन्होंने इसकी सच्चाई बताई।

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    'आई लव मोहम्मद' से जुड़े विवाद में मंगलवार को सपा के तीनों विधायक पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से मिले। पुलिस आयुक्त से काफी देर तक तीनों विधायकों ने बातचीत की। उन्होंने समाज में फैल रहे विवाद पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विवाद बढ़ रहा है वह गलत है। पुलिस आयुक्त ने उन्हें पूरा मामला स्पष्ट किया।

    'I Love Muhammad' बैनर को लेकर नहीं कोई विवाद: हसन रूमी

    पुलिस आयुक्त से मिलकर लौटे सपा विधायक हसन रूमी ने स्पष्ट किया कि मुकदमा आई लव मोहम्मद का बैनर लगाए जाने को लेकर नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर समाज में भ्रांति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस आयुक्त को बताया है कि जो मुकदमा हुआ है उसके तथ्य तोड़मरोड़ कर पेश किए जा रहे हैं। निर्दोष लोगों को आरोपित बना दिया गया है। इसलिए मुकदमा समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि समाज में शांति भी बनी रही।

    बवाल करने वाले पेशेवर बवाली हैं, चिह्नित किया जाए: अमिताभ बाजपेयी

    सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा की कुछ लोग पेशेवर बवाली हैं, जिनका काम ही समाज में भ्रांति पैदा करके बवाल करना है । ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जानी चाहिए। बारावफात के पांच दिन बाद मुकदमा लिखा गया। कानपुर में कम और कानपुर से बाहर और दूसरे देशों में विरोध हो रहा है। पेशेवर उन्मादी लोग चाहे बारावफात हो या दीपावली, उसमें उन्माद फैलाते हैं।

    कानपुर के अच्छे वातावरण का गलत संदेश जा रहा देश में : नसीम सोलंकी

    वहीं, विधायक नसीम सोलंकी ने मुकदमा वापस लेकर इस विवाद को समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा, चार सितंबर को बारावफात जुलूस को लेकर क्षेत्रीय पुलिस को कुछ भ्रांतियां हुई। आई लव मोहम्मद के खिलाफ कोई एफआइआर नहीं हुई। न ही एफआइआर में आइ लव मोहम्मद को लेकर कुछ लिखा है। दूसरे दिन कुछ विवाद को लेकर एफआइआर हुई है। इस एफआइआर को लेकर कानपुर के अच्छे वातावरण का पूरे देश में गलत संदेश जा रहा है। पुलिस आयुक्त ने साफ कहा है कि आइ लव मोहम्मद पर न मुकदमा है न था और न कोई लिख सकता है। इस तरह का कोई मामला नहीं था। इसकी संदेश गलत क्यों जा रहा है पूरी दुनिया में। पुलिस आयुक्त ने कहा यह कन्फ्यूजन करने वाली एफआइआर का पटाक्षेप से किया जाएगा। एफआइआर में केवल जिक्र है। वादी ने इसका जिक्र किया है। जबकि इससे कोई जुड़ाव नहीं है।

    कानपुर के बाद शुक्लागंज में पथराव से बढ़ा हंगामा

    कानपुर में 'आइ लव मोहम्मद लिखने के बाद हुए मुकदमे के विरोध में उन्नाव के शुक्लागंज में जुलूस निकालने से रोकने पर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया गया था। उधर, कानपुर में अखिल भारतीय सर्वधर्म सभा ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को दिया। इसमें आइ लव मोहम्मद की घटना की जांच सेवानिवृत्त जज से कराने की मांग की गई है। जालौन जिले के कालपी में रविवार रात होर्डिंग लगाए गए थे, जिन्हें प्रशासन ने हटवा कर पुलिस बल तैनात कर दिया है।

    ये था पूरा मामला

    चार सितंबर को रावतपुर के सैय्यदनगर में बारावफात पर कुछ लोगों ने यहां बने एक गेट को लेकर विरोध किया। इस गेट पर 'आइ लव मोहम्मद' लिखा बैनर भी लगाया गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करा दिया और गेट व बैनर भी हटा दिया गया। दूसरे दिन इसी स्थान पर बरावफात जुलूस के दौरान भंडारे का एक बैनर फट गया, जिसे लेकर विवाद हुआ। 10 सितंबर को रावतपुर पुलिस के दारोगा पंकज शर्मा ने आठ नामजद और 10-15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। तहरीर में साफ उल्लेख है कि मुकदमा परंपरा से हटकर बिना अनुमति गेट लगाने को लेकर किया गया है।

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    'आइ लव मोहम्मद' के बैनर को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। बल्कि वहां बिना अनुमति के गेट लगाया गया था, जिसका कुछ लोग विरोध भी कर रहे थे। जब पुलिस पहुंची तो विवाद होने लगा, लेकिन वहां पहले से गेट व बैनर लगाने की अनुमति नहीं ली गई थी। नई परंपरा डालने और माहौल बिगाड़ने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल की उनसे मुलाकात भी हो चुकी है। निष्पक्ष जांच की जाएगी। माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

    - आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था