बेबस बेटा-बेशर्म जिम्मेदार! पिता की लाश लेकर शव वाहन के लिए हमीरपुर जिला अस्पताल भटकता रहा पीएसी जवान
हमीरपुर में पीएसी जवान अपने बुजुर्ग पिता की मृत्यु के बाद जिला अस्पताल में शव वाहन की तलाश में भटकता रहा। पिता की मौत बीमारी के कारण हुई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन की कमी और जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण जवान को कई घंटे तक शव वाहन के इंतजार में परेशानी झेलनी पड़ी।

शव वाहन न मिलने से परेशान पीएससी जवान बेटा। जागरण
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। बीमारी से ग्रस्त बुजुर्ग पिता की मौत के बाद आंखों में आंसू भरे पीएसी का जवान जिला अस्पताल में शव वाहन के लिए भटकता रहा। शव वाहन न मिलने से वह अपने पिता के शव को लेकर अस्पताल गेट पर बैठा रहा। इस घटना के करीब एक घंटे बाद उसे जिला अस्पताल से शव मिल सका। जिसके बाद वह अपने मृत पिता के शव को वाहन में रखकर अपने घर ले गया। इस दौरान उसने कई उच्चाधिकारियों को भी फोन लगाए और जिला अस्पताल की अव्यवस्था को बताया।
सदर कोतवाली के मांझखोर रमेड़ी खजांची मोहाल निवासी दिनेश सिंह परिहार ने बताया कि वह गाजियाबाद में 47वीं वाहिनी पीएसी में तैनात है। दीपावली के मौके पर वह अपने घर आया हुआ था। शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे उसके 88 वर्षीय पिता शिवराम सिंह परिहार की अचानक श्वास बढ़ी और तबीयत बिगड़ गई। जिस पर वह उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। जहां पर कुछ देर इलाज चला और फिर पिता की मौत हो गई।
पिता की मौत के बाद वह बेसुध हो गया और शव ले जाने के लिए वह इधर उधर भटकने लगा। उसने जिला अस्पताल से शव वाहन उपलब्ध कराने की भी मांग की। लेकिन उसे करीब एक घंटे तक शव वाहन नही मिल सका और वह मजबूरी में अपने पिता के शव को लेकर स्ट्रेचर अस्पताल गेट पर बैठा रहा और परेशान हालात में इधर उधर भटकता रहा। करीब एक घंटे बाद उसे जिला अस्पताल से शव वाहन मिल सका। जिसके बाद वह शव वाहन में अपने पिता के शव को घर ले गया।
इस दौरान उसने कई उच्चाधिकारियों को भी फोन लगाया और अस्पताल की अव्यवस्था के बारे में बताया। इस संबंध में प्रभारी सीएमएस डा.एके सिंह ने बताया कि सुबह से दो मौतें होने के कारण शव वाहन शव लेकर मोर्च्युरी गया था। जिसके कारण आने में देर हो गई। पीड़ित को शव वाहन उपलब्ध करा दिया गया था। ताकि वह शव लेकर घर जा सके।

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