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    बीमारी का इलाज नहीं, जड़ से खत्म करना जरूरी, किडनी से लेकर हार्ट के लिए होम्योपैथी कारगर

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:08 PM (IST)

    कानपुर में दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में डॉ. पुनीत मिश्र ने होम्योपैथिक उपचार के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक खांसी बुखार जुकाम जैसे मौसमी रोगों में कारगर है और बीमारियों को जड़ से खत्म करती है। इसके अलावा होम्योपैथिक किडनी फेल्योर और हृदयघात जैसी बीमारियों में भी उपयोगी है। उन्होंने पाठकों के सवालों के जवाब भी दिए और स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी।

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    होम्योपैथिक उपचार हर मर्ज में कारगर है।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सीजनल फ्लू हर घर में लोगों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। खांसी, बुखार, जुकाम और गले में संक्रमण के साथ पेट के रोग और जोड़ों का दर्द हर किसी के लिए समस्या बना हुआ है। ऐसे में होम्योपैथिक उपचार हर मर्ज में कारगर है। जो बीमारी को जड़ से समाप्त करता है। किडनी फेल्योर से लेकर हृदय घात जैसी बीमारियों में होम्योपैथिक के सटीक परिणाम आ रहे हैं। यह बातें शनिवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में पंडित जवाहरलाल नेहरू होम्योपैथी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के रीडर प्रैक्टिस आफ मेडिसिन डा. पुनीत कुमार मिश्र ने पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कही। पेश है मुख्य अंश...

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    Homeopathy

    डा. पुनीत कुमार मिश्र। जागरण

    • मेरी उम्र 70 वर्ष है। रात में नींद नहीं आती है और बदन में हमेशा दर्द बना रहता है? - आरबी सैनी, विनायकपुर। राम किशोर कश्यप, कैंट।
    • अगर दिन में सोने की आदत है, तो उसे कम करें। सर्केडियम रिदम के लिए रात में सोना जरूरी है। दिन में शरीर को आराम होने पर रात में नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है। इसलिए योग और प्राणायाम करें। इससे शारीरिक वर्क बढ़ेगा और नींद नहीं आने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

    • करीब एक वर्ष से फिश्चुला है। होम्योपैथिक इलाज करा रहा हूं? - उमेश गुप्ता, यशोदा नगर।
    • फिश्चुला आमतौर पर कब्ज के कारण होने वाली बीमारी है। जो रेक्टम की कमजोर दीवार से रास्ता बना लेती है। इसलिए फिश्चुला होता है। बचाव के लिए कब्ज करने वाले खाद्य पदार्थ से बचें। फाइबर युक्त भोजन का प्रयोग करें और गरिष्ठ भोजन से बचें। खान-पान को बेहतर करें और नियमित योग और प्राणायाम करें। होम्योपैथिक दवा हर मर्ज के लिए कारगर है।

    • खांसी, जुकाम और सीने में जकड़न है। क्या इसमें होम्योपैथिक इलाज करा सकते हैं? - सुरेश अवस्थी, पांडु नगर। धीरेंद्र नाथ सिंह, नौबस्ता।
    • होम्योपैथिक इलाज खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या को जड़ से समाप्त करता है। होम्योपैथिक में श्वसन तंत्र को ठीक करने की कई दवाएं हैं। जो बिना नुकसान के एलर्जी और संक्रमण से बचाती है। इसलिए मौसम परिवर्तन में सीजनल समस्या होने पर होम्योपैथिक विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज कराएं। अधिक उम्र में प्रतिरोधक क्षमता कम होने से एलर्जी और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हल्दी वाला दूध और अदरक, काली मिर्च, सोंठ, का प्रयोग पेय के रूप में कर सकते हैं।

    • यूरिक एसिड की समस्या रहती है। इससे बचाव कैसे करें? - पूर्णिमा, नौघड़ा।
    • एक बार यूरिक एसिड की जांच कराकर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में दिखा लें। घुटने और जोड़ों में होने वाला हर प्रकार का दर्द यूरिक एसिड का दर्द नहीं होता है। होम्योपैथी में यूरिक एसिड के बेहतर इलाज की व्यवस्था है। बिना डाक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवा खाना खतरनाक होता है। जो रोग की गंभीरता को बढ़ा देता है।

    • घुटनों में सीढ़ी चढ़ने पर दर्द होता है। जो अब बढ़ता ही जा रहा है? - नीरज मिश्रा, फतेहपुर। राम प्रताप सिंह, पनकी।
    • अगर एक वर्ष से आपके घुटनों में समस्या है तो एक बार विटामिन डी और बी 12 की जांच कराकर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में दिखा लें। विटामिन डी की कमी से घुटनों में दर्द हो रहा है तो एक बार जरूर दिखा लें। होम्योपैथिक दवा शरीर में विटामिन की कमी को पूरा कर उससे होने वाले नुकसान से बचाती है। बढ़ती उम्र में वजन उठाने से बचें, लंबे समय तक बैठने और खड़े रहने से बचें।

    • एलर्जी की शिकायत रहती है, खांसी और गले में खरास की समस्या हमेशा रहती है? - सुधीर पांडेय, सनिगवां।
    • अगर सात से आठ वर्ष से आपको एलर्जी की समस्या है, तो धूम्रपान करने से बचें और प्रदूषण युक्त वातावरण में रहने से बचें। नमी युक्त वातावरण में फंगस की ग्रोथ होती है। इसलिए ऐसे स्थान पर रहने से बचें। होम्योपैथिक एलर्जी के इलाज कारगर है। इसलिए आप होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में जरूर दिखा लें। यहां आपकी एलर्जी की समस्या को पूरी तरह से सही करने का इलाज शुरू किया जाएगा।

    • मेरी मां को कई दिन से बुखार आ रहा है। अब भूख नहीं लगती और कमजोरी हो रही है? - सारिका गुप्ता, यशोदा नगर। सुषमा श्रीवास्तव, विष्णुपुरी।
    • वायरल बुखार के बाद स्वाद लेने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें जो पसंद हो वो खिलाएं। खिचड़ी, दही, फल और पचने वाला खाना, मूंग की दाल की खिचड़ी भी खिला सकते हैं। शरीर में पानी की कमी न होने दें। होम्योपैथिक हर उम्र में बिना नुकसान के कारगर है। इसलिए बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक में होम्योपैथिक के सटीक परिणाम आते हैं।
    • मौसम बदलने में 16 वर्ष के बच्चे को सांस फूलने लगती है और एलर्जी होने लगती है? - विष्णु कुमार अग्रवाल, कृष्णापुरम।
    • सबसे पहले मौसम बदलने पर बच्चे को एलर्जी करने वाले कारकों का विशेष ध्यान रखें। बचाव के लिए ठंडा गर्म से बचाएं। फ्रीज का पानी, एसी की आदत से दूर रखें। खान-पान प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला रखें। भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाते समय बच्चे को मास्क लगाएं। मास्क लगाने से भीड़ में लोगों से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।

    • मेरी उम्र 58 वर्ष है, खाना खाते समय खट्टी डकार आती है। यह समस्या लंबे समय है? - मनोज कुमार श्रीवास्तव, पनकी।
    • गैस्ट्रो से जुड़ी समस्या के कारण ऐसा होता है। जो खट्टी डकार का कारण बनता है। इसलिए तीखा खाना खाने पर भी यह समस्या बढ़ती है। इसलिए छोटे-छोटे टुकड़ों में खाना खाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और एसिडिटी करने वाले भोजन से बचें। फाइबर की मात्रा खाने में बढ़ाएं।

    • मेरी पत्नी के कंधे में दर्द रहता है। कई वर्ष से यह समस्या है? - राकेश अरोड़ा, गोविंद नगर।
    • यह सर्वाइकल की समस्या है। इसमें फिजियोथेरेपी से इलाज संभव है। इसके साथ ही दर्द मुक्त करने में होम्योपैथिक का इलाज करा सकते हैं। आप होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में दिखा लें। जहां पर सर्वाइकल की समस्या का इलाज संभव किया जाता है।

    • तीन हफ्ते से बुखार आ रहा है, जो रात में बढ़ जाता है? - आभा अग्रवाल, मनीराम बगिया।
    • सामान्य बुखार में दवा का प्रयोग करने से बचें। दर्द नाशक दवा का शरीर में असर पड़ता है। इसलिए बिना डाक्टर की सलाह दवाएं नहीं लें। पर्याप्त नींद लें और पानी की मात्रा शरीर में बढ़ाएं।

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    इन्होंने किए प्रश्न 

    यशपाल भााटिया, कृष्णा नगर। जय प्रकाश साहू, आजाद नगर। माया रावत, नानकारी। पूजा कुशवाहा फतेहपुर। श्यामा देवी फजलगंज। राम कुमार गुप्ता, कैनाल रोड। दयाराम प्रजापति, पनकी।

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