Maharastra में देश की पहली मेट्रो बनेगी साइबर हमलों से सुरक्षित, IIT कानपुर देगा सुरक्षा कवच
भारतीय प्रोद्यौगिक संस्थान कानपुर साइबर सुरक्षा को लेकर एक बेहतरीन प्रयास करने जा रहा है। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कारपोरेशन को आईआईटी कानपुर साइबर सुरक्षा देगा। उसे साइबर हमलों से सुरक्षित रखेगा। देश की यह पहली मेट्रो होगी जो साइबर हमलों से सुरक्षित रहेगी। साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए आइआइटी कानपुर का सी3 आइहब काम करेगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। आइआइटी कानपुर अब महाराष्ट्र की मेट्रो ट्रेन सेवा को भी साइबर सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके लिए आइआइटी ने महाराष्ट्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (महा मेट्रो) के साथ एमओयू किया है। जिसके तहत नागपुर और पुणे मेट्रो सिस्टम को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए आइआइटी कानपुर का सी3 आइहब काम करेगा।
आइआइटी के साइबर एक्सपर्ट महामेट्रो की सिग्नलिंग, किराया संग्रह और संचार जैसी प्रमुख प्रणालियों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।आइआइटी कानपुर का सी3आइ हब के भारतीय बंदरगाह ट्रस्ट अधिकारी संगठन समेत ऊर्जा व वित्त संगठनों को भी साइबर सुरक्षा प्रदान कर रहा है। मेट्रो सेवाओं को साइबर सुरक्षा प्रदान करने के लिए देश में पहली बार ऐसी कोशिश की जा रही है।
आइआइटी कानपुर के साइबर सुरक्षा और साइबर-भौतिक प्रणाली नवाचार केंद्र ( सी3आइ हब) की साझेदारी का उद्देश्य साइबर हमलों के बढ़ते जोखिमों से नागपुर और पुणे मेट्रो संचालन को सुरक्षित करना है। स्वचालित किराया संग्रह और ट्रेनों की वास्तविक समय निगरानी के लिए मेट्रो सेवाएं एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर अत्यधिक निर्भर हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रणालियों पर साइबर हमले होते रहते हैं, जिससे परिचालन क्षमता और यात्रियों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। इसी को ध्यान में रखकर महामेट्रो और आइआइटी के सी3आइ हब ने यह पहल की है। जिसके तहत नागपुर और पुणे मेट्रो के सिग्नलिंग, टिकटिंग, किराया संग्रह और डिजिटल संचार प्रणालियों का विश्व स्तरीय साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार किया जाएगा।
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इससे देश में मेट्रो रेल आपरेटरों के लिए उन्नत शहरी परिवहन रणनीतियों का विकास किया जा सकेगा और उन्हें साइबर हमलों से सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इस गठबंधन के माध्यम से सी3 आइहब की विशेषज्ञता अब वास्तविक दुनिया के मेट्रो रेल संचालन में भी बढ़ जाएगी।
क्या है सी3आइ हब
आइआइटी कानपुर का सी3आइ हब भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से स्थापित संस्था है जिसे केंद्र सरकार के राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (एनएम -आइसीपीएस) के तहत वित्त पोषण दिया जा रहा है। यह केंद्र उन्नत साइबर सुरक्षा समाधानों के अनुसंधान, विकास और परिनियोजन के लिए काम करता है। इस केंद्र की मदद से विभिन्न संस्थानों के डिजिटल और इंटरनेट प्रणालियों की कमजोरियों की पहचान की जाती है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा उपाय भी विकसित किए जाते हैं।
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साझेदारी के तहत किए जाने वाले कार्य
महामेट्रो के साथ मिलकर आइआइटी कानपुर की साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ टीम के निम्न लक्ष्य हैं।
- साइबर खतरों से मेट्रो रेल प्रणालियों की सुरक्षा के लिए स्मार्ट समाधानों का कार्यान्वयन।
- मेट्रो की सिग्नलिंग, संचालन नियंत्रण और किराया संग्रह नेटवर्क की सुरक्षा।
- मेट्रो कर्मियों को साइबर सुरक्षा तकनीक और उपकरणों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित करना।
महामेट्रो की साइबर सिकयोरिटी का आडिट करने के साथ ही सी3आइ हब पूरे सिस्टम को साइबर हमलों से सुरक्षित भी करेगा। देश की मेट्रो सेवाओं को साइबर सुरक्षा ढांचा प्रदान करने के लिहाज से भी यह समझौता महत्वपूर्ण है।
डा. तनिमा हाजरा, सीओओ- सी3आइहब आइआइटी कानपुर
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