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    कानपुर में मौत का जाम, घायल वृद्ध को लेकर जा रही पुलिस की गाड़ी फंसी, मौत

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 05:02 PM (IST)

    कानपुर का जाम मौत का जाम बनता जा रहा है। कानपुर के सचेंडी थानाक्षेत्र में भौती हाईवे पर एक तेज रफ्तार कंटेनर ने सड़क पार कर रहे एक बुजुर्ग को टक्कर मार दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस उन्हें एलएलआर अस्पताल ले जा रही थी लेकिन मेडिकल कालेज पुल पर जाम में फंस गए। देर होने से उनकी मौत हो गई।

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    कौशांबी के रहने वाले रामदयाल का फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर के जाम ने एक और जिंदगी छीन ली। अभी कुछ दिन पहले ही जाम में फंसकर हार्ट की मरीज महिला की मौत के बाद ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधरी। हादसे में घायल वृद्ध को लेकर आ रही पुलिस की गाड़ी ही जाम में फंस गई। समय पर उपचार नहीं मिलने से वृद्ध की जान चली गई।

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    दरअसल, कानपुर (Kanpur) के संचेडी थाना क्षेत्र में भौती हाईवे पर तेज रफ्तार कंटेनर ने सड़क पार कर रहे बुजुर्ग को टक्कर मार दी। बुजुर्ग घायल हो गए। पुलिस पीआरवी 1570 गाड़ी उन्हें लेकर एलएलआर अस्पताल आ रही थी।

    तभी बारिश के दौरान मेडिकल कालेज पुल पर जाम लग गया। जाम में फंसकर उनकी हालत बिगड़ गई। किसी तरह जाम खुलवाकर पुलिसकर्मियों ने उन्हें एलएलआर पहुंचाया जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान उनके पास से मिले आधार कार्ड से 61 वर्षीय रामदयाल निवासी लुटेही ग्राम कुआहीड पश्चिम शरीरा जनपद कौशांबी के रूप में हुई है।

    बता दें कि 15 अगस्त की शाम को दबौली निवासी प्रापर्टी डीलर सोनू गुप्ता की पत्नी बरखा को दिल का दौरा पड़ा था। कार से कार्डियोलाजी लाते समय पहले सीटीआइ, फिर दादानगर पुल पार करने के बाद फजलगंज फायर स्टेशन के पास मेट्रो निर्माण और ट्रकों के खड़े होने से जाम लगा हुआ था। करीब 20 मिनट तक जाम में फंसने से उनकी मौत हो गई थी। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे छोटा बच्चा तीन साल का है। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उस रूट पर जाम न लगने का दावा भी किया था।

    चार साल पहले हादसे के बाद भी नहीं सुधरे हालात 

    चार साल पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जिस पर देश के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने दु:ख जताया। कानपुर पुलिस का वो ट्वीट जिसमें कहा गया कि हमें इस घटना पर खेद है और तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर मामले को खत्म कर दिया लेकिन सुधार के नाम पर कुछ पुल मिले, अतिक्रमण अभियान चले और बाकी जाम की स्थिति जस-तस बनी रही।

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