पहले पिता, अब पत्नी की जान ले गया कानपुर का जाम, हार्ट अटैक पीड़िता ने पति की गोद में तोड़ा दम
कानपुर में जाम लगातार नासूर बनता जा रहा है। एक महिला की मौत ने जाम और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है। महिला को समय पर उपचार नहीं मिल पाया। जाम में फंसने की वजह से अस्पताल तक नहीं पहुंच सकी। महिला को हार्टअटैक आया तो पति कार्डियोलाजी ले जाने के लिए निकला था। नौ साल पहले पिता की भी जाम की वजह से मौत हो गई थी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। कानपुर की सबसे बड़ी समस्या जाम अब जानलेवा हो गई है। शुक्रवार रात जाम में फंसने के कारण अस्पताल जा रही महिला की सांसें रास्ते में ही टूट गईं। हार्ट अटैक पड़ने पर पत्नी को हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) ले जा रहे पति की कार फजलगंज फायर ब्रिगेड के पास मेट्रो निर्माण के चलते जाम में फंस गई। पति चीखता-चिल्लाता रहा लेकिन उन्हें रास्ता नहीं मिल सका और जब तक अस्पताल पहुंचे, देर हो चुकी थी।
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इधर, मां की मौत के बाद डेढ़ साल की बच्ची बेहाल है। शहर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविन्द जब 25 जून 2021 को पहली बार कानपुर आए तो उनकी विशेष ट्रेन को दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग से गुजारने के दौरान यातायात विभाग ने गोविंदपुरी रेल ओवरब्रिज (आरओबी) पर यातायात रोक दिया था। यातायात खुलने पर अचानक वाहनों का दबाव बढ़ने से आरओबी पर लगे जाम में फंसकर महिला उद्यमी वंदना मिश्रा की मृत्यु हो गई थी। परिवार वाले उन्हें बीमारी की अवस्था में अस्पताल लेकर जा रहे थे।
दबौली निवासी प्रापर्टी डीलर सोनू गुप्ता ने बताया कि उनकी शादी वर्ष 2009 में नौबस्ता हंसपुरम निवासी बरखा से हुई थी, जिनसे तीन बच्चे शौर्य, अंशु व शुभि हैं। 15 अगस्त की रात नौ बजे 37 वर्षीय पत्नी बरखा को हार्ट अटैक पड़ा। वह कार से उसे कार्डियोलाजी लेकर जा रहे थे लेकिन पहले सीटीआइ, फिर दादानगर पुल पार करने के बाद फजलगंज फायर स्टेशन के पास मेट्रो निर्माण और ट्रकों के खड़े होने से जाम लगा हुआ था। एक तरफ पत्नी दर्द से तड़प रही थी और दूसरी तरफ वह रास्ता देने के लिए मिन्नतें कर रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। 15 से 20 मिनट वहीं फंसे रहे। तभी उन्होंने नाली वाला रास्ता देखा तो कार उधर मोड़ दी।
फजलगंज फैक्ट्री एरिया से मरियमपुर चौराहा, कोकाकोला क्रासिंग होते हुए कार्डियोलाजी पहुंचे लेकिन इस बीच 45 मिनट से ज्यादा समय लग गया। पत्नी को लेकर अस्पताल के अंदर पहुंचे तो डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सोनू ने बताया कि उनके परिवार की ये दूसरी घटना है, जब जाम की वजह से जान गई है। उनके पिता रामप्रकाश गुप्ता को वर्ष 2016 में हार्ट अटैक पड़ा था। उस समय दादानगर क्रासिंग बंद थी। क्रासिंग खुलने के बाद जाम लग गया और पिता को अस्पताल ले जाने में देरी हुई। समय पर उपचार न मिलने से उनकी भी जान चली गई थी।
डीसीपी यातायात रवीन्द्र कुमार ने बताया कि जानकारी में नहीं है। जाम लगने की वजह पता करवाएंगे। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन के जनसंपर्क अधिकारी पंचानन मिश्रा ने कहा कि हादसा दुखद है। शुक्रवार को मैं लखनऊ में था। त्योहार के कारण जाम लग सकता है लेकिन मेट्रो निर्माण की वजह से जाम नहीं लगा होगा। फिर भी उसका पता कराता हूं।
पिता की भी जाम में फंसने से गई थी जान
जाम में फंसने से अस्पताल जा रही दबौली निवासी महिला बरखा की मौत के बाद से डेढ़ साल की बच्ची बेहाल है। महिला के पति प्रापर्टी डीलर सोनू ने बताया कि उनके परिवार की ये दूसरी घटना है, जब जाम की वजह से जान गई है। उनके पिता रामप्रकाश गुप्ता को वर्ष 2016 में हार्ट अटैक पड़ा था। उस समय दादानगर क्रासिंग बंद थी। क्रासिंग खुलने के बाद जाम लग गया और पिता को अस्पताल ले जाने में देरी हुई। समय पर उपचार न मिलने से उनकी भी जान चली गई थी। उनकी शादी वर्ष 2009 में नौबस्ता हंसपुरम निवासी बरखा से हुई थी, जिनसे तीन बच्चे शौर्य, अंशु व शुभि हैं।
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