Kanpur News: डी-टू गैंग का एक लाख का इनामी बच्चा गिरफ्तार, तलाश में पुलिस टीम गई थी मुंबई वो मिला शहर में
Kanpur Latest News कानपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक लाख के इनामी अपराधी अमजद उर्फ बच्चा को गिरफ्तार किया। उस पर डाक्टर नसीम आलम पर जानलेवा हमला करने का आरोप है जिसके बाद से वह फरार था। अमजद जो पहले रफीक नामक अपराधी का ड्राइवर था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पूर्व में डी-टू गैंग वर्तमान में आइएस- 273 गैंग के सदस्य और गैंग लीडर अतीक से जुड़े एक लाख रुपये इनामी अपराधी अनवरगंज निवासी अमजद उर्फ बच्चा को अनवरगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। उसने पांच अक्टूबर को डाक्टर नसीम आलम पर तमंचे से जानलेवा हमला किया था। इसमें उसके खिलाफ हत्या का प्रयास,बलवा समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। उस पर पहले 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था जो बाद में बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि अमजद उर्फ बच्चा अनवरगंज थाने से हिस्ट्रीशीटर है। उसकी तलाश में एसटीएफ व कमिश्नरेट पुलिस महीनों तक उसके संभावित ठिकानों मुंबई, कोलकाता में डेरा डाले रही लेकिन वह हाथ नहीं लगा।
अनवरगंज थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने बताया कि अपराधी अमजद उर्फ बच्चा की तलाश में टीम मुंबई गई थी लेकिन बाद भी पता चला कि वह शहर आ गया है। जिसमें अनवरगंज पुलिस,सेंट्रल क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अमजद उर्फ बच्चा को गुरबतुल्ला पार्क स्थित उसके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
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डाक्टर नसीम आलम पर हुए जानलेवा हमले के बाद कमिश्नरेट पुलिस द्वारा उन्हें सुरक्षा के लिहाज से गनर भी मुहैया कराया गया था। अमजद उर्फ बच्चा पर फजलगंज,अनवरगंज में कुल छह मुकदमे दर्ज हैं। उसे गिरफ्तार करने वालों में अनवरगंज थाना प्रभारी अशोक दुबे के साथ ही,एसआइ राहुल शुक्ला,सेंट्रल,सर्विलांस सेल से पवन प्रताप और क्राइम ब्रांच से नवीन कुमार शामिल रहे।
कभी अपराधी रफीक का चालक रहा
अनवरगंज थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने बताया कि अमजद उर्फ बच्चा कभी अपराधी रफीक का चालक हुआ करता था। खुद डी-टू गैंग का सदस्य बन गया। यह अमजद बच्चा वही अपराधी है जिसे पकड़ने के लिये करीब 18 साल पहले हीर पैलेस टाकीज में सटीक मुखबिरी पर यूपी एसटीएफ ने घेराबंदी की थी जिसके बाद फायरिंग में सिपाही धर्मेन्द्र गाेली लगने से शहीद हो गये थे।
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