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    Kanpur से उठी I Love Muhammad की गूंज, बरेली तक पहुंचा बवाल, अब मौलाना सज्जाद नोमानी की ये अपील

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 06:34 PM (IST)

    कानपुर से शुरू हुआ आई लव मोहम्मद विवाद बरेली में बवाल का रूप ले चुका है। इस विवाद के बाद से देशभर में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में उग्र प्रदर्शन को देखते हुए मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपील की है। उन्होंने यह मद्दों से भटकाने की साजिश है। ये प्रदर्शन सही नहीं है। इसे रोक दिया जाए।

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    मदरसा जामे उल उलूम पटकापुर में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते मौलाना सज्जाद नोमानी (बाएं)। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। आइ लव मोहम्मद (I Love Muhammad) सिर्फ मुस्लिमों की नहीं हर शरीफ इंसान के दिल की आवाज है। इसका प्रयोग किसी को चिढ़ाने अथवा भड़काने में न किया जाना चाहिए। आइ लव मोहम्मद के नाम पर प्रदर्शन की जरूरत नहीं है। कुछ ताकतें हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने तथा अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है। यह बात आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी ने कही। वे मदरसा जामे उल उलूम पटकापुर में आयोजित सम्मेलन व हलीम कालेज ग्राउंड में होने वाली कान्फ्रेंस में शिरकत करने आए थे।

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    मौलाना सज्जाद नोमानी ने मदरसा जामे उलूम में बातचीत के दौरान कहा कि आइ लव मोहम्मद का इजहार इस तरह होना चाहिए कि उसका नतीजा अच्छा निकलें। कोई काम करने से पहले यह जरूर सोचें की उसका नतीजा अच्छा है अथवा नहीं। अगर नतीजा अच्छा है तो कदम आगे बढ़ाएं, नतीजा अगर बुरा निकलने तो अपने आपको रोक लें। 

    उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की मोहब्बत का सबूत अपने अमल से दें। उन्होंने कहा कि मुल्क का एजेंडा हिंदू-मुस्लिम नफरत से हटकर महंगाई, बेरोजगारी, औरतों की सुरक्षा, शिक्षा का है। कुछ ताकतें इससे ध्यान भटकाकर हिंदू-मुस्लिम की तरफ इसे मोड़ना चाहती है। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने तीन अक्टूबर को भारत बंद की घोषणा की है।

    वहीं सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उलमा की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं का मार्गदर्शन करें तथा उनको गलत रास्तों पर जाने से बचाएं। कुरआन व पैगबंर-ए-इस्लाम के जीवन को जिंदगी बिताने का आधार बनाएं। सम्मेलन में मुहियुद्दीन खुसरो ताज, मौलाना अमीन उल हक अब्दुल्लाह, मौलाना अनीस खान, मौलाना फरीद कासमी, मौलाना हबीबुर्रहमान, मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी, मोहम्मद साद हातिम, कारी गजाली खान आदि उपस्थित रहे।

    जानें क्या है पूरा मामला

    चार सितंबर को कानपुर के रावतपुर के सैय्यदनगर में बारावफात पर कुछ लोगों ने यहां बने एक गेट को लेकर विरोध किया। इस गेट पर 'आइ लव मोहम्मद' लिखा बैनर भी था। दूसरे दिन इसी स्थान पर बरावफात जुलूस के दौरान भंडारे का एक बैनर फट गया, जिसे लेकर विवाद हुआ। 10 सितंबर को रावतपुर पुलिस के दारोगा पंकज शर्मा ने आठ नामजद और 10-15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। तहरीर में साफ उल्लेख है कि मुकदमा परंपरा से हटकर बिना अनुमति गेट लगाने को लेकर किया गया है।

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