I Love Muhammad की आड़ में बवाल पर UP CM Yogi की सख्ती, कानपुर में दंगा कराने की साजिश में एक नामजद समेत 26 पर केस
कानपुर में आई लव मोहम्मद विवाद के बाद सीएम योगी की सख्ती के बाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। सुजातगंज में जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने के प्रयास में पुलिस ने एक नामजद समेत 26 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि जुबैर अहमद खान नामक व्यक्ति ने विवादित ऑडियो सुनाकर लोगों को भड़काया। पुलिस आयुक्त ने कहा है कि उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। आइ लव मोहम्मद विवाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अब पुलिस ने भी कड़ा रुख अपनाया है। सुजातगंज में जुमे की नमाज के बाद आडियो सुनाकर लोगों को भड़काने और माहौल बिगाड़ने के प्रयास में रेलबाजार पुलिस ने एक नामजद समेत 26 पर आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने साफ कहा है कि उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे।
सुजातगंज चौकी प्रभारी राजमोहन मिश्र ने बताया कि सुजातगंज स्थित अजमेरी मस्जिद में शुक्रवार को नमाज के बाद लोग बाहर निकले। इस दौरान मदार होटल तिराहा पर पहले से मौजूद आरोपित मूल रूप से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर के गांव महेंद्र (वर्तमान में चंदारी सुजातगंज) निवासी 46 वर्षीय जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी ने एक विवादित आडियो सुनाकर वहां से निकल रहे लोगों को सरकार और प्रशासन के खिलाफ भडकाकर दंगा कराने का प्रयास किया। उसकी बात सुनकर इलाके के 20 से 25 युवक भी जमा हो गए। इससे शांति व कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी।
जांच में सामने आया कि आरोपित योजना दंगा कराने की थी। रेलबाजार थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि चौकी प्रभारी ने सभी को समझाया तो वह चले गए। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 192 यानी दंगा भड़काने के लिए उकसाने और धारा 189 (2) के तहत गैरकानूनी जमावड़े का मुकदमा दर्ज किया गया है।
बवाल करने वाले पेशेवर उन्मादी: सपा विधायक
कानपुर में इस मामले में पुलिस आयुक्त से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी, हसन रूमी, नसीम सोलंकी ने मुलाकात करके निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने पूरे विवाद और एफआइआर के बारे में समझा। इसके बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा था कि कुछ लोग पेशेवर बवाली हैं, जिनका काम ही समाज में भ्रांति पैदा करके बवाल करना है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जानी चाहिए। बारावफात के पांच दिन बाद मुकदमा लिखा गया। कानपुर में कम और कानपुर से बाहर और दूसरे देशों में विरोध हो रहा है। पेशेवर उन्मादी लोग चाहे बारावफात हो या दीपावली, उसमें उन्माद फैलाते हैं।
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