Delhi Blast: शाहीन के कानपुर के सैलरी बैंक अकाउंट की जांच में जुटी एजेंसियां, कौन- कौन फंडिंग के मददगार ?
Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट मामले में एजेंसियां शाहीन के कानपुर स्थित सैलरी अकाउंट की जांच कर रही हैं। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि शाहीन को फंडिंग कहां से हो रही थी और इसमें कौन लोग शामिल थे। जांच के बाद फंडिंग में मदद करने वाले लोगों का पर्दाफाश होने की संभावना है।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। Delhi Blast: दिल्ली में हुए धमाके के षड्यंत्र में शामिल डा. शाहीन और डा. मोहम्मद आरिफ मीर की ''व्हाइट कालर टेरर'' के तार अब कई डाक्टरों से जुड़ते दिख रहे हैं। जो शाहीन के साथ बिना कालेज को सूचना दिए अनुपस्थित हो गए थे। ऐसे डाक्टरों का डाटा जीएसवीएम मेडिकल कालेज परिसर से जुटाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2006 से 2013 तक आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता और 15 माह विभागाध्यक्ष रही शाहीन के सैलरी अकाउंट की जांच हो सकती है। इसके साथ ही शाहीन के पेंचबाग क्षेत्र के बैंक में अकाउंट की तलाश जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही है। ताकि शाहीन की फडिंग में मदद करने वालों का पर्दाफाश हो सके।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2021 में शाहीन की बर्खास्ती के बाद फिजियोलाजी विभाग के हफीजुल रहमान, एनाटामी के हामिद अंसारी व सर्जरी विभाग के निसार अहमद को बर्खास्त किया गया था। कालेज परिसर के एल 29 में रहने वाली शाहीन की तरह ही डी ब्लाक में हफीजुल रहमान तथा हामिद अंसारी रहते थे। जांच एजेंसी अब उनके बीच संपर्क की तलाश को पुख्ता करने के लिए अकाउंट की डिटेल्स खंगाल रही है।
बेटे न जानें आतंकी मां की करतूत, इसलिए टीवी पर लगाया प्रतिबंध
डा. शाहीन के आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद परिवार में तनाव है। उनके पूर्व पति डा. जफर आलम ने अपने दोनों बेटों को टीवी और मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से रोक दिया है। उनका कहना है कि वह नहीं चाहते कि बच्चे अपनी मां से जुड़े गंभीर आरोपों और मीडिया में चल रही खबरों को देखकर मानसिक रूप से आहत हों। बताया जा रहा है डा. जफर बच्चों को पढ़ाई और सामान्य दिनचर्या में व्यस्त रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से भी इस विषय पर चर्चा न करने की अपील की है। फिलहाल दोनों बच्चे पिता के साथ रह रहे हैं।

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