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    Delhi Blast: कानपुर से आतंकी लिंक के बाद पुलिस अलर्ट, अमोनियम नाइट्रेट भंडारण की तलाश में 112 जगह छापे

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 04:40 PM (IST)

    दिल्ली में धमाके के बाद कानपुर से आतंकी कनेक्शन मिलने पर पुलिस अलर्ट हो गई है। अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण की तलाश में 112 जगहों पर छापे मारे गए हैं। पुलिस संभावित अवैध भंडारों का पता लगाने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। फरीदाबाद में बरामदगी और दिल्ली के बाद अब श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए धमाके में जिस विस्फोटक का प्रयोग हुआ है, वह अमोनियम नाइट्रेट है। आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले वाला यह रसायन अब खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बन चुका है। कानपुर में आतंकी शाहीन और आरिफ के बाद पुलिस मुख्यालय के आदेश पर कानपुर कमिश्नरेट की पुलिस टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

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    अमोनियम नाइट्रेट के अवैध भंडारण के तलाशी अभियान में 112 स्थानों पर छापेमारी की जा चुकी है। कुछ जगह भंडारण मिला, स्टाक की जांच की गई, लेकिन कोई अनियमितता नहीं मिली। पुलिस अवैध भंडारण करने वालों की तलाश में और जगहों को चिह्नित कर पड़ताल में जुटी है।

     

     

    हर लाइसेंस धारक व अन्य ठिकानों पर छापेमारी


    पिछले दिनों व्हाइट कालर टेरर के रूप में आतंक का नया रूप सामने आने व इस समूह में अधिकांश डाक्टरों के होने के बाद सतर्कता बढ़ाई गई है। अमोनियम नाइट्रेट को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने खाद की दुकानों को छोड़कर बाकी हर उस लाइसेंस धारक व अन्य ठिकानों पर छापेमारी का आदेश दिया है, जहां अमोनियम नाइट्रेट का भंडारण हो सकता है। क्षमता से अधिक रसायन पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कानपुर में अभी तक 112 जगह जांच की गई, लेकिन ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।

     


    अमोनियम नाइट्रेट सस्ता और कम मात्रा में भी दूर तक डालता असर

    विशेषज्ञों के अनुसार, आतंकियों के व्हाइट कालर टेरर ग्रुप ने विस्फोट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग इसलिए किया, क्योंकि केवल 10 किलो अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट से 15 से 20 मीटर दायरे तक गंभीर असर डालता है। खास बात यह है कि जितनी भारी मात्रा होगी, विस्फोट भी उतना ही ताकतवर होगा। जांच एजेंसियों का मानना है कि बेहद सस्ता यह रसायन आने वाले दिनों में आतंकियों के लिए बड़े अस्त्र के रूप में प्रयोग करने की आशंका है। इसलिए इस खतरे के प्रति अभी से सतर्कता बढ़ाई गई है।

     

     

    धमाके में इमारत तक ढह जाएंगी

    एचबीटीयू के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के डा. एसवीएआर शास्त्री ने बताया कि फरीदाबाद में बरामद 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट में धमाका हो जाए तो 100 मीटर दायरे में भारी तबाही हो सकती है। यह धमाका इतना तेज होगा कि दायरे में आने वाली इमारतें तक ढह जाएंगी और 140 किलो ट्रिनाइट्रोटोलुइन (टीएनटी) के बराबर ऊर्जा पैदा होगी। उन्होंने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट सस्ता है, लेकिन अपनी सुलभ उपलब्धता की वजह से यह अनियंत्रित खतरा भी बन सकता है।

     


    अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा व विस्फोट से तबाही

    • 20 पाउंड दबाव : 15 से 20 मीटर में इमारतें ढह जाएंगी व इस दायरे में बड़ी संख्या में मौतें।
    • 10 पाउंड दबाव : 30-40 मीटर तक घरों को बड़ा नुकसान, लोग होंगे गंभीर घायल।
    • 5 पाउंड दबाव : 50-60 मीटर तक घरों की दीवारों में दरारें पड़ेंगी व वाहनों को क्षति।
    • 3.5 पाउंड दबाव : 80-100 मीटर तक मध्यम असर। चोटें आएंगी व घरों व खिड़कियों में लगे कांच टूटेंगे।

     

     

    अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स

    डा. एसवीएआर शास्त्री के मुताबिक, अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स (रिसर्च डिपार्टमेंट एक्सप्लोसिव) दोनों विस्फोटक हैं। आरडीएक्स का उपयोग सैन्य हथियारों में किया जाता है, जबकि अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग खेती व खनन में होता है। अमोनियम नाइट्रेट सस्ता है। खेती में खाद बनाने में प्रयोग किया जाता है। दूसरी ओर विशेषज्ञों के मुताबिक, आरडीएक्स की विस्फोट गति 8750 मीटर प्रति सेकंड है और अमोनियम नाइट्रेट की विस्फोट गति सिर्फ 3000-5000 मीटर प्रति सेकंड है। आरडीएक्स बेहद संवेदनशील है, जिसे चिंगारी या जोर मारने से फोड़ा जा सकता है, जबकि अमोनियम नाइट्रेट कम संवेदनशील है। इसे बूस्टर (जैसे डेटोनेटर) चाहिए। हालांकि, अब शोध का विषय यह भी है कि आतंकियों ने जो दोनों विस्फोट किए हैं, उसमें विस्फोट के लिए क्या अन्य किसी रसायन का उपयोग भी किया है।