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    यूपी के इस शहर में अब रफ्तार पकड़ने को तैयार हैं प्लास्टिक उद्योग, मार्च से शुरू हो जाएगा उत्पादन

    गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क की स्थापना से औद्योगिक विकास को गति मिली है। इस पार्क में कई फैक्ट्रियां स्थापित हो चुकी हैं और कुछ में उत्पादन भी शुरू हो गया है। इस पार्क के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। 29 भूखंडों के लिए गीडा प्रशासन ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है।

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 23 Feb 2025 02:36 PM (IST)
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    गोरखपुर प्लास्टिक पार्क में बनी फैक्टरी। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। औद्योगिक क्षितिज पर गोरखपुर को स्थापित करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल अब काफी तेजी से परवान चढ़ने लगी है। न सिर्फ यहां की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि काफी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। करीब 70 करोड़ रुपये की लागत का प्लास्टिक पार्क अब मूर्त रूप लेने लगा है।

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    एक में उत्पादन शुरू हो चुका है, वहीं दूसरी फैक्ट्री भी उत्पादन करने को तैयार हो चुकी है। मार्च में ही उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। इस फैक्ट्री में करीब 70 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस प्लास्टिक पार्क के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

    गीडा में गोरखपुर-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के पास भगवानपुर गांव में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क अब मूर्त रूप लेने लगा है। कुछ कमियों के बीच इस पार्क में 92 औद्योगिक भूखंडों में से 61 का आवंटन हो चुका है। वहीं, बचे रह गए 29 भूखंडों के लिए गीडा प्रशासन ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है।

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    प्लास्टिक पार्क की सड़क, लाइट, पानी की टंकी। जागरण


    इसके अलावा बाहर के एक उद्योगपति के द्वारा स्थापित फैक्ट्री में उत्पादन शुरू भी हो चुका है। वहीं, दूसरी में मार्च से उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है। बाकी तीन का निर्माण कार्य चल रहा है। बिजली के पीवीसी पाइप का उत्पादन की फैक्ट्री लगाने वाले उद्यमी शिवेंद्र टेकरीवाल ने बताया कि उनकी फैक्ट्री का निर्माण अंतिम चरण में है। मार्च में उत्पादन शुरू हो जाएगा। फैक्ट्री में करीब 70 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस फैैक्ट्री में उत्पादन होने वाला बिजली का पाइप पूरे पूर्वांचल की जरूरतों को पूरा करेगा।

    अभी बिजली-पानी, सड़क की होनी है व्यवस्था, भरे जाने हैं गड्ढे प्लाट

    गीडा प्रशासन के द्वारा प्लास्टिक पार्क के लिए भूखंडों का आवंटन किया है, इनमें कई भूखंड काफी गड्ढे में हैं। साथ ही सभी भूखंडों तक बिजली, पानी, सड़क आदि की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में उद्यमी इन कमियों को दूर होने का इंतजार कर रहे हैं। अभी 29 भूखंडों का आवंटन नहीं हो सका है। इसके लिए गीडा प्रशासन की ओर से विज्ञापन जारी किया गया है।

    देश में गोरखपुर समेत कुल सात प्लास्टिक पार्क

    अब तक मध्य प्रदेश के तामोंट गांव, मध्य प्रदेश के ग्वालियर के बिलौआ गांव, ओडिशा में जगतसिंहपुर के पास प्रदीप गांव, असम के गेल्लापुखुरी, झारखंड के देवीपुर, तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के वायल्लूर में प्लास्टिक पार्क बनाए गए हैं। वहीं, गोरखपुर में बनाया जा रहा है प्लास्टिक पार्क सातवां है।

    प्लास्टिक पार्क में अब उत्पादन भी शुरू हो गया है। वहीं, अभी कुछ भूखंडों का आवंटन होना बाकी रह गया है। इसके लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसके बाद कई लोगों के आवेदन आए हैं। कुछ को भूखंड का आवंटन कर भी दिया गया है। -अनुज मलिक, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, गीडा

    खुलेंगे तकनीकी संस्थान, शोध होगा

    प्लास्टिक पार्क में तकनीकी संस्थान खुलेगा और शोध भी होंगे। पांच एकड़ में केंद्रीय पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीआईपीईटी) की स्थापना होगी। सेंटर में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के निर्माण के लिए आधुनिक प्लांट एवं मशीनरी लगाई जाएंगी।

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    टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन व रिसर्च की सुविधा भी दी जाएगी। प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क में लगभग चार एकड़ भूमि आरक्षित की गई है, जिस पर कच्चे माल की आपूर्ति व भंडारण किया जाएगा। गीडा प्रशासन ने सिपेट प्रबंधन को जल्द ही इसे स्थापित करने को पत्र लिखा है।