अब खड़ी मालगाड़िया नहीं आएंगी नजर, तैयार होगा वैकल्पिक गलियारा
गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी व सीतापुर के रूट पर समूह में चलेंगी माल गाड़ियां। रविवार को पैसेंजर ट्रेनें रोकी जाएंगी। तैयार होगा गलियारा। - अनूठी पहल गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशन यार्ड या छोटे स्टेशनों के साइड रेल लाइन
- अनूठी पहल
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशन यार्ड या छोटे स्टेशनों के साइड रेल लाइन पर अब खड़ी हुई मालगाड़ी नजर नहीं आएगी। मालगाड़ियां समय से अपने गंतव्य तक पहुंचेगी, बेवजह कहीं नहीं रुकेंगी। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने समूह में एक के पीछे एक मालगाड़ियों को चलाने की योजना तैयार की है। योजना के तहत पूर्वी छोर पनियहवा, बीच में गोरखपुर जंक्शन, पश्चिम में बाराबंकी और सीतापुर कैंट के बीच विकल्प के रूप में फ्रेट कारिडोर की तरह रेल लाइन (फ्रेट कन्वो) की एक गलियारा तैयार किया जाएगा।
मालगाड़ियों के लिए वैकल्पिक गलियारा तैयार करने के लिए रेलवे प्रशासन ने रविवार का दिन निश्चित किया है। गलियारा तैयार करने के लिए निर्धारित रेल लाइन पर एक निश्चित समय के लिए कम अनुपयोगी ट्रेनों के संचलन को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। विभागीय जानकारों का कहना है कि रेलवे प्रशासन के अनुसार रविवार को यात्रियों का लोड कम रहता है। ऐसे में नियमित चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को रोककर आसानी से मालगाड़ियों को समूह में पास कराया जा सकता है। दो दिसंबर को पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने पनियहवां और गोरखपुर जंक्शन यार्ड में छह-छह घंटे के लिए फ्रेट कन्वो तैयार किया है। इस निर्धारित समय में मालगाड़ियों को समूह में चलाकर उन्हें अन्य जोनल रेलवे को सौंप दिया जाएगा। इस दौरान 15 पैसेंजर ट्रेनें निरस्त रहेंगी। आधा दर्जन अन्य ट्रेनों का संचलन भी प्रभावित रहेगा। पिछले 18 नवंबर को भी रेलवे प्रशासन ने पनियहवा और गोरखपुर में ब्लाक लेकर समूह में ट्रेनों को पास कराया था। सूत्रों के अनुसार आगे ऐसे ही फ्रेट कारिडोर तैयार कर मालगाड़ियां पास होती रहेंगी।
एक दिन में पास करती हैं
40 से 50 मालगाड़ियां
पूर्वोत्तर रेलवे रूट से 40 से 50 मालगाड़ियां गुजरती हैं। असम से पंजाब की तरफ अधिकतर खाली मालगाड़ियां होती हैं। यह मालगाड़ियां पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न यार्डो में आकर खड़ी हो जाती हैं। रेलवे प्रशासन के लिए यात्री ट्रेनों के बीच इन मालगाड़ियों को पास कराना चुनौती बन जाती है। यार्ड में कई दिन मालगाड़ियां खड़ी रह जाती हैं। जबकि, रेलवे बोर्ड इन खाली मालगाड़ियों को समय से गंतव्य तक पहुंचाने के लिए लगातार दबाव बनाता रहता है। सूत्रों का कहना है कि खाली मालगाड़ियां पहुंचेगी तभी कोयला, सीमेंट, खाद्य सामग्री और पेट्रोलियम पदार्थो की लोडिंग हो पाएगी।
वैकल्पिक गलियारा
से मिलेगी राहत
- समूह में एक साथ पास हो जाएंगी अधिकतर मालगाड़ियां। खाली होंगी रेल लाइनें।
- खाली बोगियों में समय से होगी सामानों की लोडिंग। दुरुस्त होगा समय पालन।
- साफ होगा रास्ता, दूर होगी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों की लेटलतीफी।