गाजीपुर की हाकी खिलाड़ी अंकिता पाल और मनोज यादव का सीआइएसएफ में चयन
मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर की खिलाड़ी अंकिता पाल और मनोज यादव का चयन CISF में हुआ है जो स्टेडियम के लिए बड़ी उपलब्धि है। अंकिता ने जूनियर और सीनियर नेशनल में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया जबकि मनोज भारतीय सब-जूनियर हॉकी टीम का हिस्सा रह चुके हैं। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने इसे पूरे प्रदेश के लिए गर्व बताया।

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर)। जिले में मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर की बड़ी उपलब्धि सामने आई है इस पर पूर्व सांसद ने बधाई भी दी है। दरअसल अंकिता पाल और मनोज यादव को सीआइएसएफ में नौकरी पक्की हो गई है।
उन दोनों की इस सफलता से पूर्वांचल और गाजीपुर में गौरव बढ़ा है। खेलों के माध्यम से नारी सशक्तीकरण और अंतरराष्ट्रीय पहचान की मिसाल दोनों खिलाड़ी बने हैं।
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खेल प्रतिभाओं को तराशने और उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर एक बार फिर बड़ी उपलब्धि का गवाह बना है। स्टेडियम की नई बैच की होनहार खिलाड़ी अंकिता पाल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा चुके मनोज यादव का चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में हुआ है।
मूलतः प्रतापगढ़ के निवासी सुमेर पाल की बेटी अंकिता पाल पिछले पांच वर्षों से मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर में प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने जूनियर नेशनल (2022) और सीनियर नेशनल (2023) में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स, विश्वविद्यालय खेलों और पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से पूर्वी क्षेत्रीय विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीता। इधर ईदिलपुर, सैदपुर निवासी मनोज यादव का सफर भी प्रेरणादायक रहा है।
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वे भारतीय सब-जूनियर हाकी टीम का हिस्सा रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश से जूनियर नेशनल में खेले हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने जर्मनी के बर्लिन में आयोजित चार नेशन टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया। स्टेडियम के निदेशक और पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि केवल करमपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का गर्व है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और सामूहिक प्रयासों का परिणाम आज अंकिता और मनोज की सफलता है। स्टेडियम के महासचिव अनिकेत सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि स्व. श्री तेज बहादुर सिंह (संस्थापक) के सपनों को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर है।
कोच इन्द्रदेव ने भी दोनों खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। यह सफलता न केवल खेल प्रतिभाओं की पहचान बढ़ाती है बल्कि खेलों के माध्यम से नारी सशक्तीकरण और गरीब-पिछड़े वर्ग के बच्चों को अवसर प्रदान करने का संदेश भी देती है।
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