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    खोड़ा में घरों तक पाइपलाइन डालकर किया जा रहा पानी का अवैध कारोबार, टैंकर से पेयजल लेने में खर्च हो रहे हजारों रुपये

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 06:46 AM (IST)

    खोड़ा में गंगाजल की आपूर्ति न होने से पानी माफिया सक्रिय हैं, जो नलकूपों से पाइपलाइन के जरिए पानी बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों को पानी के लिए हर महीने च ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, खोड़ा। गंगाजल आपूर्ति नहीं होने से एक तरफ खोड़ा की जनता परेशान है तो दूसरी ओर पानी माफियाओं की चांदी काट रहे हैं। पानी बेचने के लिए टैंकर और प्लांट के अलावा यहां बड़े-बड़े नलकूप लगाए गए हैं। इन नलकूपों से घरों तक लाइन डालकर पानी बेचा जा रहा है। इसके एवज में लोगों से हर माह चार से पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।

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    खोड़ा के एक स्थानीय निवासी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि उनके पड़ोस में ही सबमर्सिबल के बजाय पूरा नलकूप लगा रखा है। इस नलकूप से रोजाना यहां के सैकड़ों घरों तक पानी पहुंचता है। प्रत्येक घर में कितने पानी की खपत हो रही है इसके लिए मीटर भी लगाए गए हैं।

    हर माह मीटर के आधार पर ही प्रत्येक घर से पानी देने के एवज में वसूली की जाती है। हर परिवार को हर माह करीब चार से पांच हजार रुपये देने पड़ते हैं। अगर अधिक रुपये लेने का विरोध करते हैं तो वह पानी देना बंद कर देते हैं। इससे परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है।

    खोड़ा में पानी बेचने का यह कार्य कोई एक स्थान पर नहीं हो रहा है, बल्कि सैकड़ों की संख्या में बड़े स्तर पर पानी बेचकर माफिया धरती की कोख को खाली कर रहे हैैं। अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो भविष्य में परेशानी और बढ़ जाएगी।

    खोड़ा के लोगों का कहना है कि इस पर न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है और न ही जिला प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। सभी जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है। अधिकारियों को पता होते हुए पानी बेचने का यह अवैध कारोबार खूब फल-फूल रहा है।

    पानी बेचने के लिए बांट रखा है क्षेत्र

    खोड़ा में पानी बेचने के लिए माफिया ने क्षेत्र को बांट रखा है। सेक्टर के किस हिस्से में कौन जलापूर्ति करेगा यह अपने स्तर से निर्धारित कर रखा है। अगर कोई दूसरा पानी बेचने की कोशिश करता है तो आपस में झगड़ा होता है। लोगों ने बताया कि आए दिन पानी माफिया के आपस में झगड़े होते रहते हैं।

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    यहां हर छोटे कार्य के लिए पानी खरीदकर ही गुजारा करना पड़ता है। पीने के लिए प्लांटों से पानी खरीदना पड़ता है और जरूरी कार्यों के लिए टैंकर वालों से खरीदना होता है।


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    -दीपा बिष्ट मावड़ी, स्थानीय निवासीय

    जिला प्रशासन जब भी खोड़ा में गंगाजल आपूर्ति के लिए योजना बनाता है, लेकिन वह केवल कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। अभी गंगाजल मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।


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    -मीना बंसल, स्थानीय निवासी

    यहां नगर पालिका जो टैंकर भेजती है उनसे पानी मिलेगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है। इसीलिए पहले से ही पानी खरीदकर स्टोर करके रखना पड़ता है।


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    -नवाब खान, स्थानीय निवासी

    यहां रोजाना पानी खरीदना पड़ता है। अगर भी दिन ऐसा नहीं होता जब पानी खरीदना न पड़े। इससे हर माह वेतन का बड़ा हिस्सा पानी पर खर्च हो जाता है।


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    -मेघ सिंह, स्थानीय निवासी