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नगरीय क्षेत्र को मिलेंगे शिक्षक, विद्यालयों का होगा जीर्णोद्धार

गाजियाबाद जिले के नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पहले से ही चल रही है लेकिन कोरोना संक्रमण काल में जब स्कूल नहीं खुल रहे हैं और बच्चों के पास आनलाइन कक्षाओं के लिए साधन नहीं हैं तो बच्चों के घर जाकर पढा़ई करनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 11:27 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 11:27 PM (IST)
नगरीय क्षेत्र को मिलेंगे शिक्षक, विद्यालयों का होगा जीर्णोद्धार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले के नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पहले से ही चल रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में जब स्कूल नहीं खुल रहे हैं और बच्चों के पास आनलाइन कक्षाओं के लिए साधन नहीं हैं, तो बच्चों के घर जाकर पढा़ई करनी पड़ रही है। इससे शिक्षकों की कमीं और ज्यादा महसूस हो रही है। 2021 में उम्मीद है कि नगरीय क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों को शिक्षक मिल जाएंगे। वहीं जर्जर विद्यालयों के जीर्णोद्धार की भी पूरी उम्मीद है। इसके अलावा भी शिक्षा के क्षेत्र को 2021 से कई उम्मीदें हैं। 12 तक होंगे कस्तूरबा गांधी विद्यालय

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जिले में चार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रजापुर, लोनी, भोजपुर, मुरादनगर में हैं, जो फिलहाल आठवीं कक्षा तक संचालित हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजभूषण चौधरी का कहना है कि इन चारों विद्यालयों को इंटरमीडिएट तक संचालित करने की प्रक्रिया चल रही हैं। इसके लिए बजट भी जारी हो चुका है। 2021 में इंटरमीडिएट तक संचालन शुरू हो जाएगा। इससे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को काफी मदद मिलेगी। पहले कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को आठवीं करने के बाद दूसरे विद्यालय में दाखिला लेना पड़ता था। अब इंटरमीडिएट करने के बाद ही छात्राएं विद्यालय से निकलेंगी। विद्यालयों का होगा जीर्णोद्धार

नगरीय क्षेत्र कुल 93 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें से 18 विद्यालयों की हालत काफी जर्जर है। विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक काफी दिन से इसे लेकर परेशान हैं। इनके जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण के लिए कायाकल्प किया जाना है। विद्यालय के कायाकल्प की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। विद्यालयों के कायाकल्प की प्रक्रिया चल रही है। 2021 में उम्मीद है कि कायाकल्प का कार्य पूरा हो जाएगा। विद्यालयों का जीर्णोद्धार के साथ दीवारों पर पेंटिग, फर्नीचर और अन्य व्यवस्थाएं दुरूस्त होंगी। नगरीय क्षेत्र के विद्यालयों को मिलेंगे शिक्षक:

जिले के नगरीय क्षेत्र के विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की कमीं चल रही है। हालांकि देहात में शिक्षकों की संख्या जरूरत से ज्यादा है। लंबे समय से उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ द्वारा देहात से नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों के समायोजन की मांग की जा रही है। हाल ही में प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को देखते हुए देहात और नगरीय क्षेत्र के कैडर को खत्म करने के लिए केबिनेट में बिल रखेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं का होगा संचालन : अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर निजी प्ले स्कूल की तर्ज पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन होगा। इसके लिए बीएलटी एआरपी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब वह जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कक्षा तीन से छह तक के बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित होंगी। इसमें बच्चों के लिए किताबें, बैग, यूनिफार्म आदि भी मिलेंगी और बच्चों की पढ़ाई होगी। शनिवार को नो बैग डे होगा। वर्जन..

2021 में शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े सुधार होने की उम्मीदें हैं। सबसे बड़ी समस्या नगरीय क्षेत्र के जर्जर स्कूल और शिक्षकों की है। विद्यालयों के कायाकल्प की जिम्मेदारी नगर-निगम को मिली हुई है। जल्दी ही विद्यालयों के कायाकल्प होगा। वहीं कैडर खत्म होने से नगरीय क्षेत्र के विद्यालयों को शिक्षक मिलने की भी उम्मीद है। इसके अलावा कस्तूरबा गांधी विद्यालय इंटरमीडिएट तक हो जाएंगे।

-बृजभूषण चौधरी, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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