NCR वालों को दमघोंटू हवा से कैसे मिलेगी राहत? पर्यावरण एक्सपर्ट ने बताए प्रदूषण से बचाव के उपाय
पर्यावरण एक्सपर्ट ने NCR के निवासियों को दमघोंटू हवा से राहत पाने के उपाय बताए हैं। प्रदूषण से बचाव के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि NCR क ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। लोग एनसीआर में बेहतर सुविधाओं के लिए आते हैं। जीवनभर की कमाई से यहां ऊंची-ऊंची इमारतों में घर खरीदते हैं, लेकिन इन इमारतों में लोगों की सांसों को साफ हवा तक नहीं मिल पाती। इस मुद्दे पर पर्यावरण कार्यकर्ता प्रसून पंत कहा कि एनसीआर की हवा ज्यादातर दिन जहरीली ही रहती है। एक्यूआई 400 से अधिक पहुंच जाता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। अगर आप एक्यूआई के घटकों का विश्लेषण करेंगे, तो पाएंगे कि पीएम 2.5 सबसे ज्यादा है, जो बताता है कि इस वायु प्रदूषण में सबसे अधिक जिम्मेदार निर्माण गतिविधियां, वाहनों से निकलने वाला धुआं, सड़कों पर उड़ती धूल और अवैध फैक्ट्रियों का संचालन है।
इससे सांस की गंभीर बीमारियां, दिल की समस्याएं और ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो जाती हैं। सिस्टम के साथ इसके जिम्मेदार हम भी हैं। हमें भी अपनी कार्यशैली में बदलाव करना होगा। हमें जरूरत है कि अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। जिम्मेदारों को भी वर्षभर के लिए पहले से ही ठोस योजना बनाकर जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा।
इसके लिए जरूरी है कि जैसे ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो निर्माण कार्यों व रोक लगे, जाम नहीं लगना चाहिए, अवैध फैक्ट्रियों को पूरी तर से बंद किया जाए, फैक्ट्रियों से प्रदूषण बोर्ड के मानकों का पालन कराया जाए। इसके अलावा पेड़ लगने के साथ टूटी सड़कों का निर्माण किया जाएगा
इसके अलावा जल प्रदूषण का मुख्य कारण नदियों, नहरों और बरसाती नालों में औद्योगिक कचरा डालना है। इसमें क्रोमियम, कैडमियम, आर्सेनिक आदि जैसी हानिकारक धातुएं और साथ ही कई तरह के बैक्टीरिया भी होते हैं। इसके लिए एसटीपी व ईटीपी का पालन कराना होगा। ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध और ट्रैफिक पुलिस के साथ नियमित चेकिंग अभियान जरूरी है।

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