फर्रुखाबाद में गजब...अब स्कूलों में कुत्ते घुसे तो मास्टर जी की खैर नहीं, रखनी होगी निगरानी
फर्रुखाबाद में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इनका मुख्य कार्य स्कूल परिसर में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकना औ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़(फर्रुखाबाद)। कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गलियों से लेकर चौक चौराहों में कुत्ते के आतंक से लोग परेशान है। नगर निगम व पालिका भी कुत्ते से बचाव के लिए कोई खास प्रयास नहीं दिखे। अब ऐसे में मास्टर साहब को एक अनोखी ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी अध्यापकों को आदेश दिए गए हैं।
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए विद्यालय परिसर में कुत्ता न घुस सके, इसका मास्टर साहब को ध्यान रखना होगा। इसके लिए नगर निकाय क्षेत्र में संचालित परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक को नोडल बनाया गया है। किसी छात्र को अगर कुत्ता काट लेता है तो उसके उपचार के लिए नोडल को पास के अस्पताल से समन्वय स्थापित करना होगा। इसमें लापरवाही बरतने पर नोडल पर कार्रवाई होगी।
बच्चों को कुत्ता काटने का खतरा
बेसिक शिक्षा विभाग नगर क्षेत्र में संचालित बाउंड्रीवाल विहीन या गेट खुला रहने से विद्यालय परिसर में निराश्रित कुत्ते घुस जाते हैं। बच्चों को कुत्ता काटने का खतरा बना रहता है। अब शिक्षकों को ध्यान रखना होगा कि स्कूल में कुत्ता न घुसे। इसके लिए फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र के 44 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नोडल बनाया गया है। इन्हें स्कूल परिसर में निराश्रित कुत्तों को घुसने पर नजर रखनी होगी। अगर किसी छात्र को कोई कुत्ता काट लेता है तो नोडल शिक्षक को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से समन्वय स्थापित कर एंटी रैबीज दवाओं की उपलब्धता एवं पीड़ित के उपचार की शीघ्र व्यवस्था करानी होगी। इसमें लापरवाही बरतने की जानकारी पर नोडल के खिलाफ कार्रवाई होगी।
शिक्षा अधिकारी ने जानें क्या कहा
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर शिक्षा निदेशक बेसिक के आदेश पर नगर निकाय क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षक को नोडल बनाया गया है। उनका कार्य बच्चों को निराश्रित कुत्तों से दूर रहने, अगर कोई कुत्ता किसी छात्र को काट लेता है तो अभिभावकों को अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए जागरूक करना है।

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