तेरहवीं भोज से लौट रहे ग्रामीण की गोली मारकर हत्या, गांव से एक किलोमीटर दूर खेत में पड़ा मिला शव
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में तेरहवीं भोज से लौट रहे एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शव गांव से एक किलोमीटर दूर खेत में मिला। पुलिस मामले की ...और पढ़ें

सोबरन की फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, जागरण फर्रुखाबाद। कायमगंज में पड़ोसी गांव में तेरहवीं भोज में शामिल होकर घर लौट रहे ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रात में वह जब घर नहीं पहुंचे तो स्वजन ने तलाश शुरू की।
उनका शव गांव से एक किलोमीटर दूर खेत के पास खाली जमीन पर पड़ा मिला। वहां से करीब 100 मीटर दूरी पर उनकी साइकिल पड़ी थी। अपर पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लेकर फाेरेंसिक टीम के जरिए साक्ष्य जुटाए।
बुधवार देर शाम गांव रसीदपुर मई निवासी सोबरन कश्यप पड़ोस के गांव कुद्दीपुर में ब्रह्मानंद यादव की मौत होने पर आयोजित तेरहवीं भोज में शामिल होने गए थे। शाम छह बजे तक वह वहां देखे गए। रात को जब वह घर नहीं पहुंचे तो स्वजन ने अनुमान लगाया कि कहीं और रुक गए होंगे।
गुरुवार सुबह भाई जयशरन उनकी खोजबीन में निकले। करीब आठ बजे गांव से एक किलोमीटर दूर रामकेश के खेत के पास खाली पड़ी ग्राम समाज की जमीन पर उनका शव पड़ा मिला। उनकी गोली मारकर हत्या की गई थी। घटनास्थल के पास ही सोबरन का स्वेटर, जूते व कारतूस का एक खोखा भी पड़ा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतक के सीने व कमर के पीछे गोली लगने के निशान हैं। सिर पर भी चोट के निशान हैं। सीओ राजेश कुमार द्विवेदी, प्रभारी निरीक्षक मदन मोहन चतुर्वेदी फोर्स के साथ पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद स्वजन से पूछताछ की, लेकिन किसी तरह की रंजिश या विवाद के बारे में इनकार कर दिया गया।
फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाए। घटनास्थल पर सोबरन की पत्नी पानवती रो-रोकर कर बेहाल हो रही थीं। 45 वर्षीय सोबरन कश्यप के पांच पुत्रियों में वैष्णो, मीना व रीना की शादी हो गई है। नेहा व काजल अविवाहित हैं। उनका इकलौता 15 वर्षीय पुत्र अंकित पढ़ रहा है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने स्वजन व अन्य लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतक के भाई जयशरन की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। जल्द ही घटना का राजफाश किया जाएगा।
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हत्या से पहले काफी देर तक हुआ था संघर्ष
सोबरन हत्याकांड में घटनास्थल पर जो तथ्य मिले हैं, इससे माना जा रहा है कि हत्यारों ने जब सोबरन को घेरा तो उनके बीच संघर्ष हुआ था। जिस स्थान पर उनका शव पड़ा था, वहां से करीब 100 मीटर की दूरी पर उनकी साइकिल पड़ी थी।
इससे माना जा रहा है कि हत्यारों ने जब उनके गोली मार दी तो वह साइकिल छोड़कर भागे होंगे। साइकिल जिस स्थान पर पड़ी थी, उससे कुछ दूरी पर ही खून पड़ा था। जान बचाने के लिए भागे सोबरन को हत्यारों ने आगे से घेरकर गोली मारी होगी।
शव सील होने के बाद मृतक के जूते व स्वेटर वहां पड़े थे। जिनके बारे में बताया गया कि फोरेंसिक टीम ने जांच के दौरान शव से स्वेटर व जूते हटाए थे।
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मारी गई तीन गोलियां, दो हुई बरामद
सोबरन कश्यप के शव का पोस्टमार्टम डॉ. नीरज कुमार ने किया। रिपोर्ट के मुताबिक सोबरन सिंह के तीन गोलियां मारी गईं। इसमें एक सिर में, एक कमर में और एक सीने पर गोली मारी गई थीं। गोलियों को तलाश करने के लिए चिकित्सक को काफी मशक्कत करनी पड़ीं।
शरीर में गोली कहां पर हैं, इसके लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पातल में शव का एक्स-रे भी कराया गया। उसके बाद सिर और सीने में लगी गोली निकाली गई। कमर में लगी गोली नहीं मिली। पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजन को सौंप दिया गया।

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