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    तिहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंट्रल जेल फतेहगढ़ के कैदी की मौत,  25 साल पहले सुर्खियों में रहा था ये मामला

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:04 PM (IST)

    फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में तिहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी की मौत हो गई। यह मामला 25 साल पहले सुर्खियों में आया था। कैदी की मौत से जेल ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। तिहरे हत्याकांड में मिली आजीवन कारावास की सजा काट रहे सेंट्रल जेल फतेहगढ़ के कैदी की रात में हालत बिगड़ गई। जेल के सुरक्षा कर्मी उसे लेकर डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। 84 वर्षीय कैदी को हृदय संबंधी बीमारी पीड़ित बताया गया है। जेल प्रशासन से सूचना मिलने के बाद स्वजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

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    सोमवार देर रात सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी रमेश चंद्र पांडेय की हालत बिगड़ गई। रात 12:38 बजे जेल वार्डन नरेंद्र कुमार व उमेश चंद्र कैदी रमेश चंद्र को बेहोशी की हालत में लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे। वहां आकस्मिक सेवा में तैनात चिकित्सक नूरुल हुदा ने रमेश को मृत घोषित कर दिया और शव लोहिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। जेल प्रशासन की ओर से घटना की जानकारी स्वजन को भेजी गई।

    जेल प्रशासन के अनुसार औरैया जनपद के थाना सहार के गांव फतेहपुर निवासी 84 वर्षीय कैदी रमेश चंद्र पांडेय काफी समय से हृदय रोग से पीड़ित था। रमेश चंद्र को धारा 302 (हत्या) के तहत एक ही घटना में तीन लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। गांव में हुए एक पुराने विवाद के दौरान तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने के दोषी में उसे 01 मई 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

    वह इटावा से स्थानांतरित होकर 03 नवंबर 2019 को सेंट्रल जेल फतेहगढ़ भेजा गया था। उसका हृदय संबंधी बीमारी का इलाज भी चल रहा था। रमेश चंद्र पांडेय की मौत की खबर पर पुत्र श्यामजी, रिश्तेदार प्रशांत पाठक, अमित पोरवाल, शंकरदत्त त्रिपाठी आदि पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। कैदी रमेश के परिवार में पत्नी मालती देवी, तीन पुत्रों में रामजी, श्यामजी, ओमजी हैं। वह चार भाइयों में सबसे बड़ा था।

     

    श्यामजी ने बताया कि पिता रमेश चंद्र शिक्षक थे। वह ऐरवाकटरा में किराए के मकान में रहते थे। वहां पर वर्ष 2000 में मकान मालिक, उनकी पत्नी व भांजे की हत्या कर दी गई थी। तीनों की हत्या मकान मालिक के रिश्तेदारों ने की थी। घटना में उनके पिता को भी आरोपित बना दिया गया था। वर्ष 2015 में पिता सेवानिवृत्त हुए थे। 23 नवंबर को उनके भाई ओमजी पांडेय ने पिता से मुलाकात की थी। दो दिन पहले पिता से फोन पर बात हुई थी, लेकिन उन्होंने बीमारी के बारे में नहीं बताया था।

     

    मंगलवार सुबह 7:30 बजे पिता की मौत होने की सूचना पुलिस द्वारा दी गई। मंगलवार दाेपहर को कैदी का पोस्टमार्टम डा. अंबरीश कुमार व डा. शोभित कुमार के पैनल से वीडियोग्राफी के बीच किया गया। हार्ट-अटैक से कैदी रमेश चंद्र पांडेय की मौत होने का कारण बताया गया। जेलर करुणेंद्र यादव ने बताया कि मौत की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया और परिजनों को सूचना भेजी थी। प्रशासन द्वारा नियमानुसार पोस्टमार्टम और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कराई जा रही हैं।

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