Bulandshahr: ग्रामीणों को आज भी याद है स्याना हिंसा का भयावह मंजर, बोले- सपने में भी नहीं सोचा था आएगी ऐसी आफत
Bulandshahr News बुलंदशहर के स्याना हिंसा मामले में साढ़े छह वर्ष बाद कोर्ट ने 38 लोगों को बुधवार को दोषी ठहराया। सजा की तारीख एक अगस्त तय की गई है। हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो की हत्या हुई थी। हिंसा पर क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि अपने जीवन में ऐसा भी भयावह मंजर देखना होगा।

संवाद सूत्र, जागरण स्याना (बुलंदशहर)। स्याना हिंसा में न्यायालय द्वारा 38 आरोपितों को दोषी करार दिए जाने पर ग्राम चिंगरावठी, महाव व नयाबांस में सन्नाटा पसरा हुआ है।
हिंसा का मंजर ग्रामीणों की आंखों में आज भी जिंदा है। तीनों गांव में हर एक ग्रामीण एक ही बात कहता है कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था, कि उनको अपने जीवन में ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा।
साढ़े छह वर्ष बाद न्यायालय का फैसला शुक्रवार एक अगस्त को आएगा। घटना का जिक्र आते ही आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। चिंगरावठी निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हिंसा की घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। पुलिस की कार्रवाई के डर से कई माह तक गांव के अधिकांश युवा भूमिगत हो गए थे।
हरिओम सिंह ने बताया कि युवाओं के भूमिगत होने से किसानों की खेती का कार्य भी पूरी तरह चौपट हो गया था। इतना ही नहीं घरों में रोजी-रोटी का संकट भी गहराने लगा था। जिस कारण काफी समय तक गांव बुजुर्गों व महिलाओं के हवाले रहा।
महाव निवासी ओमपाल ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि गांव में एक दिन इतनी बड़ी आफत भी आएगी। आज भी गांव में सभी लोगों की आंखों में घटना का पूरा मंजर जिंदा है।
तीन दिसंबर 2018 का है मामला
स्याना क्षेत्र के महाव गांव में गोवंशी के अवशेष मिलने पर तीन दिसंबर 2018 को हिंसा तथा आगजनी हुई थी। इसमें स्याना कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की। इसके बाद 44 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मामला सुनवाई के लिए एडीजे-12 की अदालत में पहुंचा। अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपित आशीष उर्फ छोटू, चंद्रपाल, अजय कुमार, ओमिंदर व कुलदीप की मृत्यु हो गई।
बुधवार को न्यायाधीश गोपाल जी ने आरोपित प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जोनी को तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार की हत्या का दोषी करार दिया। वहीं 33 आरोपितों को जानलेवा हमले और हिंसा का दोषी करार दिया। 33 दोषियों में भाजपा नेता योगेशराज जिला पंचायत सदस्य, सचिन अहलावत भाजपा बीबीनगर मंडल अध्यक्ष आदि भी शामिल हैं।
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आरोपितों की सजा पर सभी की नजर
न्यायालय द्वारा हिंसा के 38 दोषी करार दिए जाने के बाद नगर क्षेत्र में सभी लोगों की न्यायालय द्वारा दी जाने वाली सजा पर नजर बनी हुई है। जिसको लेकर चारों ओर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं न्यायालय द्वारा शुक्रवार को हिंसा के सभी आरोपितों को सजा सुनाई जाएगी।
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