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    UP : बुलंदशहर के स्याना हिंसा मामले में कोर्ट ने भाजपा नेता समेत 38 को दोषी ठहराया, इंस्पेक्टर की हुई थी हत्या

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 05:30 PM (IST)

    Bulandshahr News बुलंदशहर के स्याना हिंसा मामले में सात साल बाद कोर्ट ने 38 लोगों को दोषी ठहराया है। सजा की तारीख एक अगस्त तय की गई है। 3 दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली के महाव गांव में गोवंशीय अवशेष मिलने पर हिंसा हुई थी जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो की हत्या हुई थी।

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    स्याना हिंसा में कोर्ट ने 38 लोगों को दोषी ठहराया, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हुई थी हत्या

     जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। स्याना हिंसा एवं तत्कालीन इंस्पेक्टर हत्याकांड में लगभग साढ़े छह साल बाद आगामी एक अगस्त को अदालत का फैसला आएगा। बुधवार को अदालत ने सभी 38 आरोपितों को दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। आरोपितों में भाजपा नेता सचिन अहलावत (भाजपा बीबीनगर मंडल अध्यक्ष) और जिला पंचायत सदस्य योगेश राज का भी नाम शामिल है। उक्त हिंसा का एक आरोपित बाल अपचारी होने के कारण किशोर न्यायालय में मामला विचाराधीन है।

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    तीन दिसंबर 2018 को हुई थी हिंसा और आगजनी

    स्याना कोतवाली के महाव गांव में गोवंशी के अवशेष मिलने पर तीन दिसंबर 2018 को हिंसा और आगजनी हुई थी। इसमें स्याना कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई थी।

    पुलिस ने भाजपा नेता व मौजूदा जिला पंचायत सदस्य योगेश राज समेत 44 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से पांच की मौत हो चुकी है, एक बाल अपचारी रिहा हो चुका है। एडीजे-12 गोपाल जी ने दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा। अदालत ने पांच को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का दोषी करार दिया है।

    गांव महाव के जंगल में मिले थे गोवंशी के अवशेष 

    शासन से स्याना हिंसा मामले में नियुक्त अधिवक्ता यशपाल सिंह राघव ने बताया कि तीन दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली की चिंगरावठी पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में गोवंशी के अवशेष मिले थे। इसी दौरान बुलंदशहर में आयोजित इज्तमा में गोवंशी के मांस को ले जाने की अफवाह उड़ गई। इसके बाद नयाबांस, हरवानपुर, नयागांव, चिंगरावठी, महाव समेत अन्य गांवों के ग्रामीण एवं हिंदू संगठनों के लोगों ने हंगामा करते हुए बुलंदशहर-स्याना मार्ग पर जाम लगा दिया था।

    कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार की उन्हीं की सरकारी पिस्टल से की गई थी हत्या

    उन्होंने बताया कि इसके बाद चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पथराव करते हुए पुलिस के सरकारी व निजी वाहनों को जला दिया था। हिंसा में स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार की उन्हीं की सरकारी पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिंसा में चिंगरावठी निवासी सुमित की भी मौत हो गई थी।

    पुलिस ने 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना उपरांत 44 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मामला सुनवाई के लिए एडीजे-12 की अदालत में पहुंचा। अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपित आशीष उर्फ छोटू, चंद्रपाल, अजय कुमार, ओमिंदर और कुलदीप की मृत्यु हो गई।

    बुधवार को न्यायाधीश गोपाल जी ने आरोपित प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जोनी को तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार की हत्या का दोषी करार दिया। वहीं 33 आरोपितों को जानलेवा हमले और हिंसा का दोषी करार दिया। 33 दोषियों में योगेशराज वार्ड नंबर पांच से भाजपा के जिला पंचायत सदस्य, सतेन्द्र गांव लौंगा का प्रधान, सचिन अहलावत भाजपा बीबीनगर मंडल अध्यक्ष, पवन राजपूत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्याना नगर कार्यवाह है। न्यायाधीश ने सभी दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। एक अगस्त को सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।

    कोतवाल सुबोध की हत्या के दोषी

    प्रशांत नट पुत्र सुरेंद्र, डेविड पुत्र महीपाल, लोकेंद्र पुत्र वीर सिंह, जोनी पुत्र सुशील कुमार सभी निवासीगण गांव चिंगरावठी थाना स्याना और राहुल पुत्र भीमसेन निवासी गांव हरवानपुर थाना स्याना।