Bulandshahr Accident : कफन में लिपटे अपनों को देख स्वजन के नहीं रूक रहे थे आंसू, वृद्ध मां रोते-रोते हुईं बेहोश
Bulandshahar News बुलंदशहर में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली को कंटेनर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई। 50 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद बुलंदशहर के जिला अस्पताल में हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला। हादसे में मृत अपने प्रियजन के शव देखकर पोस्टमार्टम हाउस पर लोग बिलख रहे थे।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। सड़क दुर्घटना में 11 श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक के घायल होने से जिले भर में शोक की लहर है। श्रद्धालु कासगंज से राजस्थान के गोगामेडी में जाहरवीर बाबा के दर्शन के लिए जा रहे थे।हादसे के बाद सोमवार को जिला अस्पताल परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस चीत्कार से गूंज उठा।
कफन में लिपटे अपनों को देख स्वजन के आंसू रोके नहीं रूक रहे थे। वृद्ध मां मृत बेटे को देखने के लिए दो बार पोस्टमार्टम हाउस में घुस गईं। उन्हें पुलिस कर्मियों से समझा बुझाकर वहां से हटाया। महिला एक बार चेहरा देखने की जिद करती रोते-रोते बेहोश हो गई।
सोमवार की सुबह जिला अस्पताल में सन्नाटा पसरा था। मरीज-तीमारदार एवं डाक्टर जहां टहल रहे थे, वहीं सफाईकर्मी अपने काम में लगे थे। लगभग सात बजे सायरन बजाते एक के बाद एक एंबुलेंस का अस्पताल परिसर पहुंचना शुरू हुआ। अस्पताल की इमरजेंसी में चिकित्सक एवं कर्मी सतर्क थे। घायलों को चिकित्सकों ने उपचार के बाद भर्ती एवं रेफर करना शुरू किया।
उधर, कर्मियों ने एंबुलेंस से एक-एक कर शवों को उतारा पोस्टमार्टम हाउस में रखना शुरू किया। मरीजों की मौके पर भीड़ लग गई। मरीज एवं तीमारदार शवों के बारे में एक-दूसरे से जानकारी करने लगे। कुछ ही देर में अस्पताल परिसर छावनी में तब्दील हो गया। कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल परिसर पहुंच गए।
शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए लगभग साढ़े सात बजे चिकित्सकों की टीम पहुंच गई। आठ बजे के बाद मृतक एवं घायलों के स्वजन का जिला अस्पताल पहुंचना शुरू हुआ। उसके बाद पोस्टमार्टम हाउस चीत्कारों से गूंज उठा। सबसे पहले हादसे में मारे गए धनीराम का बेटा अर्जुन अपनी वृद्ध दादी के साथ पहुंचा। उसने बताया कि उसके पिता धनीराम को ट्रैक्टर स्वामी प्रमोद मजदूरी पर ट्रैक्टर चलाने के लिए लेकर आए थे।
अर्जुन के बताया कि वह तीन बहन और दो भाई हैं। अर्जुन की दादी दो बार मृत बेटे का चेहरा देखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के अन्दर घुस गई और रोते हुए बेहोश हो गई। उसके बाद ईयू बाबू की बेटी मोनिका स्वजन के साथ पहुंची। उसने बताया कि उसके पिता मजदूरी करते थे, वह तीन बहन नंदनी, मोनिका और गुंजन हैं।
लगभग तीन वर्ष पहले उनके इकलौते भाई की मौत हो चुकी है। मृत योगेश की बहन रेखा ने बताया कि उसका भाई मजदूरी करते था, उसके तीन बेटी माया, लक्ष्मी और रश्मि और अनिकेत सहित दो पुत्र हैं। साढ़े दस बजे तक पोस्टमार्टम हाउस चीत्कार से गूंजता रहा।
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उधर, स्याना से भाजपा विधायक देवेन्द्र सिंह लोधी और भाजपा के जिलाध्यक्ष विकास चौहान पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और मृतकों के स्वजन को सांत्वना दी।
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