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    Bulandshahr Accident: हादसे के मृतकों की संख्या 11 हुई, 11 थानों की पुलिस को नहीं दिखी यातायात नियमों की अनदेखी

    Bulandshahar News कासंगज से राजस्थान के गोगामेड़ी जा रहे श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर-ट्राली में कंटेनर ने टक्कर मार दी। हादसा रविवार देर रात हुआ। सोमवार शाम तक इस हादसे में मृत लोगों संख्या 11 हो गई। कमिश्नर और डीआइजी आदि अधिकारियों ने घटना स्थल का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख व घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

    By Bhupendra Kumar Edited By: Praveen Vashishtha Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:00 AM (IST)
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    खुर्जा के कैलाश अस्पताल में विलाप करती मृतक विनोद की पत्नी मंजू। जागरण

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। यातायात के मानकों को रौंदते हुए ट्रैक्टर ट्राली को डबल डेकर बनाकर धार्मिक यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए रविवार की रात बड़ी हृदयविदारक साबित हुई। देर रात बुलंदशहर में राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर घटाल गांव के पास 1.45 बजे तक 130 किमी का सफर पूरा कर नींद में सो रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्राली को पीछे से तेज रफ्तार कंटेनर ने टक्कर मार दी। भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा और दो महिलाएं शामिल हैं। सोमवार शाम तक यह संख्या 11 पहुंच गई। 45 लोग घायल हुए।

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    हादसे के दस मिनट के भीतर एनएचएआइ की पेट्रोलिंग टीम और 15 मिनट में थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। हाईवे पर दोनों तरफ जाम लग गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 

    एक बार फिर परिवहन नियमों की अनदेखी और सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही को उजागर किया है। रास्ते में तीन जि‍लों कासगंज, अलीगढ़ और बुलंदशहर के 11 थाने और एक दर्जन से अधिक पुलिस चौकियां होने के बावजूद कहीं पर भी डबल डेकर ट्रैक्टर ट्राली को रोकने की किसी ने कोशिश नहीं की।

    रविवार शाम सात बजे निकले थे सभी

    सोरों (कासगंज) से श्रद्धालु एक ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर गोगामेड़ी (हनुमानगढ़, राजस्थान) जा रहे थे। मौत की काली छाया तभी से पीछा कर रही थी जब श्रद्धालुओं ने इस बार टैक्सी या ट्रेन के बजाय यात्रियों के लिए प्रतिबंधित ट्रैक्टर ट्राली से यात्रा शुरू की। ट्रैक्टर की ट्राली में लकड़ी के पट्टे डालकर इसे डबल डेकर बनाया गया। रविवार शाम सात बजे सभी निकले। श्रद्धालुओं को सोमवार सुबह दस बजे जहारवीर का दर्शन करना था। हाईवे पर धीमी गति से चल रहे ट्रैक्टर को पीछे से कंटेनर से टक्कर मारा।

    झटके व तेज आवाज के साथ ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई।

    ट्राली की दूसरी मंजिल पर बैठे कई श्रद्धालु 15 फीट दूर सड़क किनारे जा गिरे। दर्जनों लोग ट्रैक्टर-ट्राली के नीचे दब गए। घायलों में चीख-पुकार मच गई। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि अस्पताल में भर्ती किए गए घायल दिनभर सदमे में नजर आए। ट्राली की दूसरी मंजिल से गिरकर घायल आकाश ने कहा कि सब कुछ सामने था, लेकिन तेज चोट की वजह से हम एक दूसरे की मदद नहीं कर पा रहे थे।

    डीएम श्रुति ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के बाद कासगंज के लिए भेज दिया गया है। एसएसपी दिनेश सिंह ने बताया कि कंटेनर फरीदाबाद की एक महिला के नाम पर है। चालक कंटेनर में रांची से धान की भूसी लेकर हरियाणा जा रहा था। हादसे के बाद कंटेनर को छोड़कर चालक मौके से फरार हो गया। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के स्वजन को दो-दो लाख रुपये व घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

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    परिवहन नियम और उनकी अनदेखी 

    भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग केवल कृषि और माल परिवहन के लिए अनुमत है। यात्रियों को ले जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग गैर-कानूनी है।

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    ट्रैक्टर-ट्राली में 60 से अधिक लोग सवार थे, जो कि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। रात के समय राजमार्ग पर यात्रा करना और अनधिकृत वाहन का उपयोग करना हादसे के प्रमुख कारणों में से एक रहा। इसके अलावा, कंटेनर की तेज रफ्तार भी एक महत्वपूर्ण कारक थी, जो सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी को दर्शाता है।