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वन रेंज से आए हाथियों ने किसानों की फसलों को रौंदा

बिजनौर जेएनएन। अमानगढ़ वन रेंज से सटे गांव छतरीपट्टा में रविवार रात जंगली हाथियों ने फसलो

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 08:51 PM (IST)
वन रेंज से आए हाथियों ने किसानों की फसलों को रौंदा

बिजनौर, जेएनएन। अमानगढ़ वन रेंज से सटे गांव छतरीपट्टा में रविवार रात जंगली हाथियों ने फसलों को रौंद डाला। सुबह खेतों पर पहुंचे किसानों को इसकी जानकारी हुई। आधा दर्जन किसानों के खेतों में फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने वन विभाग से मुआवजे की मांग की है। वन रेंज से सटे गांवों में आए दिन हाथियों के झुंड नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन किसानों की लगातार मांग के बावजूद विभाग कोई स्थाई समाधान नहीं निकाल सका है।

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अमानगढ़ वन रेंज की कलारामपुर बीट के पास गांव छतरीपट्टा स्थित है। यहां आसपास के क्षेत्र के कई किसानों के खेत हैं। रविवार रात अमानगढ़ वन रेंज से निकल कर आए हाथियों के झुंड ने गांव छतरीपट्टा में फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया। अफजलगढ़ के गांव कासमपुरगढ़ी निवासी नवाब खान पुत्र अमीदुल्लाह ने बताया कि उनकी कृषि भूमि गांव छतरीपट्टा में स्थित है। सोमवार सुबह वे खेत पर पहुंचे तो देखा कि उनकी धान की फसल पूरी तरह नष्ट पड़ी है। खेत में हाथियों के पदचिन्ह और लीद मिली, जिससे आशंका जताई जा रही है कि वन रेंज से निकलकर आए हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा किसान इरफान की तीन बीघा गन्ने की फसल, प्रेम सिंह की तीन बीघा धान की फसल, मस्तान की एक बीघा धान की फसल एवं अशोक सिंह की दो बीघा गन्ने की फसल भी हाथियों ने नष्ट कर दी।

आए दिन हाथी करते हैं बड़ा नुकसान :

इसी माह पांच सितंबर को भी हाथियों के झुंड ने गांव गादला में आधा दर्जन किसानों की गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया था। पीड़ित किसानों का कहना है कि शाम ढलते ही हाथियों का झुंड खेतों में आ जाता है। इससे पहले भी कई बार नुकसान हो चुका है। किसान लगातार वन विभाग से स्थाई समाधान की मांग करते हैं, लेकिन अभी तक समस्या समाधान नहीं हो सका है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गन्ना हाथियों की प्रिय फसल है, जिससे वे खेतों में आते हैं।

सोलर फैंसिग न होना है बड़ा कारण :

स्थानीय किसानों की मानें तो अमानगढ़ वन रेंज से सटे कई गांवों में किसानों की फसलों का नुकसान आम बात है। गांव गादला, लालपुरी, अलीगंज, मकोनिया, केहरीपुर जंगल, किरतपुर, हजमलवाला और छतरापट्टी आदि में वन विभाग ने कुछ साल पहले वन क्षेत्र से सटे गांवों में सोलर फैंसिग लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो बीच में ही दम तोड़ गई। इससे बचने के लिए अब किसान खेतों में मचान बना कर रखवाली भी करते हैं।

इनका कहना है :

किसानों की मांग पर सोलर फैंसिग का कार्य कराया गया था। अभी कुछ स्थानों पर काम पूरा नहीं हो सका है। किसानों की फसल के नुकसान के लिए टीम भेज कर जांच कराई जाएगी ओर प्रार्थना पत्र के आधार पर मुआवजे का प्रयास करा जाएगा।

- राकेश कुमार शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी, अमानगढ़ वन रेंज।

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--सुभाष--राहुल--


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