कार का चालान कट गया है... मैसेज पर क्लिक करते ही फोन हो गया हैंग, आने लगे ट्रांजेक्शन के संदेश
बरेली में एक एसी कारोबारी साइबर ठगी का शिकार हो गया। ठगों ने व्हाट्सएप के जरिए एक एपीके फाइल भेजकर उनके फोन का क्लोन बना लिया और उनके आठ खातों से 17 लाख रुपये निकाल लिए। कारोबारी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बरेली। साइबर ठगों ने अब एसी कारोबारी को अपना निशाना बना लिया। वाट्सएप के माध्यम से ठगों ने उन्हें एक एपीके फाइल भेजी और फाइल पर क्लिक करते ही उनके पूरे फोन का क्लोन बन गया। कुछ ही देर में मोबाइल नंबर से जुड़े करीब आठ खातों से 17 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया।
चूंकि मामला शाम का था इसकी वजह से बैंक से भी उन्हें कुल ट्रांजेक्शन की जानकारी नहीं मिल सकी हैं। उन्होंने साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
मूल रूप से आवास विकास निवासी विक्रम गुप्ता ने पुलिस को बताया कि, मंगलवार को वह जरूरी काम से गए हुए थे, लौटते समय शाम करीब 5:30 बजे उनके वाट्सएप पर एक अनजान नंबर से संदेश आया। उस संदेश में एक एपीके फाइल आई उस पर लिखा था कि उनकी कार का चालान कट गया है।
फाइल पर क्लिक करते ही फोन हो गया हैंग, आने लगे ट्रांजेक्शन के संदेश
यह संदेश देखकर वह चौंके और चालान कहां कटा यह जानने के लिए उन्होंने उस फाइल पर क्लिक कर दिया। फाइल के डाउनलोड होते ही पूरा फोन हैंग हो गया और कुछ भी काम नहीं कर रहा था। विक्रम बताते हैं कि उन्हें लगा था कि शायद लगातार चलने की वजह से फोन हैंग हुआ है तो उन्होंने फोन को कार की सीट पर ही रख दिया। कुछ ही देर में वह ऑफिस पहुंचे तो फोन पर संदेश आने लगे। लगातार दो तीन संदेश आए जिसमें 1.5 लाख रुपये कई ट्रांजेक्शन के ओटीपी थे।
कारोबारी का कहना करीब आठ खातों से निकाले गए हैं 17 लाख रुपये
विक्रम ने अपने बेटे से कहा कि उन्होंने किसी को भी ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो यह ओटीपी कैसे आ रहे हैं। देखने पर पता चला कि वह सिर्फ दो तीन संदेश नहीं थे बल्कि करीब 17 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन के ओटीपी आए थे। यह देख वह घबराए और उन्होंने तत्काल अपने परिचित पुलिस अधिकारी को फोन किया। उन्होंने तत्काल साइबर पोर्टल और 1930 नंबर पर शिकायत करने को कहा।
टोल फ्री नंबर पर की शिकायत
टोलफ्री नंबर पर फोन करने पर वहां से उन्हें पूरा फोन फार्मेट करने की बात कही गई। इसके बाद उन्होंने फोन को फार्मेट कर दिया। इसके बाद उन्होंने साइबर सेल में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। अभी तक उन्हें करीब 1.79 लाख रुपये ठगी की ट्रांजेक्शन आइडी मिल चुकी है। बाकी बुधवार को बैंक खुलने के बाद मिल सकेगी।
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