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    यूपी में यहां लाल सोने का काला कारोबार! भ्रष्टाचार की आड़ में सीसीटीवी, धर्मकांटा और खाकी खा जाती मात

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 04:30 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में लाल सोने (मौरंग) का काला कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। वर्षा काल में भी अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही जारी रहती है। माफिया पहले से डंप तैयार कर लेते हैं और सेटिंग के बल पर पूरे साल कारोबार चलाते हैं। 

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    बांदा-नरैनी रोड में लगा मौरंग का डंप। जागरण 

    जागरण संवाददाता, बांदा। बांदा में लाल सोने का कारोबार इस कदर हावी है कि यह वर्षा काल में भी प्रभावित नहीं होता है। वर्षा शुरू होने से पहले ही माफिया मौरंग डंप कर लेते हैं। इन समय में भी मौरंग भरे निकल रहे ओवरलोड ट्रक डंप से ही लोड होकर गुजर रहे हैं। यानी सेटिंग से पूरे वर्ष भर लाल सोने का कारोबार फलता-फूलता रहता है।

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    नियमावली इन पर लागू नहीं होती

    खेल मौरंग ड़प में भी किया जाता है। कारोबारी लाइसेंस एक हजार घन मीटर का लेकर दो से तीन गुना मौरंग का डंप करते हैं। इतना ही नहीं मौरंग के बेचने की भी कोई नियमावली इन पर लागू नहीं होती है। हजारों घन मीटर डंप मौरंग को बारिश के दिनों में कई गुना अधिक दामाें पर बेंचा जाता है। इनमें सीसीटीवी, धर्मकांटा आदि दिखाने के लिए लगे होते हैं। लेकिन इसके बाद भी ओवरलोड होकर ट्रक निकलते हैं। जिसको लेकर प्रशासन मौन बना रहता है।

    भारी भरकम डंप लगे हैं

    नरैनी, पैलानी, तिंदवारी व मटौंध के आसपास के क्षेत्रों में जहां से मुख्य मार्ग नजदीक हो वहीं पर भारी भरकम डंप लगे हैं। जिले भर में वर्षाकाल से पहले 32 बड़े-बड़े मौरंग के डंप बना लिए गये, जैसे ही वर्षा शुरू हुई वैसे ही खदान के बजाय इन डंपों से कारोबार शुरू हो गया। इस समय इन्हीं डंपों से मौरंग का परिवहन हो रहा है।

    लाल सोने के लूटेरे

    जिले भर में इस समय 32 मौरंग के बड़े-बड़े डंप है। वर्षाकाल से पहले जिले में चल रही वैध रूप से 22 मौरंग खदानों से कारोबारियों ने यह डंप तैयार कर लिए थे, जहां से इस समय मौरंग बेंच रहे हैं। खनन माफिया एक हजार घन मीटर की परमिशन लेकर कई गुना मौरंग डंप कर लेते हैं। लाल सोने के लूटेरे का कारोबार पूरे वर्ष चलता है। इन डंपों में भी देखा जाए तो मौरंग खनन, डंप व परिवहन आदि के नियमों के पालन करने रुपरेखा तैयार होती है। यहां पर सीसीटीवी, धर्मकांटा आदि लगे होते हैं। लेकिन इनकी सीसीटीवी फुटेज व धर्मकांटा की रीड़िंग भी इनके ओवरलोड़िंग आदि को रोक पाने में सक्षम साबित नहीं हुई। यानी स्थिति साफ है कि लाल सोने का काला कारोबार अधिकारियों की सरपस्ती में वर्ष भर चलता रहता है। बारिश भी इस कारोबार को नहीं रोक पाती।

    यहां चल रहा कारोबार


    इस समय मौरंग के डंप में बांदा-नरैनी मार्ग पर गिरवां के पास, शहर के नजदीक बांदा-लुकतरा मार्ग पर, पपरेंदा-पैलानी मार्ग पर साड़ी, खप्टिहाकला के पास, तिंदवारी में छापर, माटा आदि गांवों में नेशनल हाईवे के नजदीक लगे हुए हैं जिनसे कारोबार चल रहा है।

    मौरंग के डंप के लिए लाइसेंस जारी किया जाते हैं। इस समय 32 डंप संचालित थे, लेकिन कई डंप तो अब खत्म हो चुके होंगे। समय-समय पर इनकी जांच भी की जाती है। यदि अधिक मौरंग डंप पाई जाती है तो कार्रवाई की जाती है। ओवरलोड किए जाने पर ट्रक व मौरंग डंप मालिक पर भी कार्रवाई की जाएगी।
    राज रंजन, खनिज अधिकारी

     

    अभी तक दीपावली पर्व में सभी लोग व्यस्त रहे। अब जल्द ही ओवरलोडिंग को लेकर अभियान चलाया जाएगा। मौंरंग लेकर निकलने वाले ट्रकों पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
    श्यामलाल, एआरटीओ

     

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