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    आजमगढ़ में टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन, सरकार से राहत की मांग

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 02:10 PM (IST)

    अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर आजमगढ़ में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के हजारों शिक्षक डीएवी इंटर कॉलेज में एकत्रित हुए। उन्होंने टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई। शिक्षकों ने सरकार से कानून बनाकर उनकी आजीविका सुरक्षित करने की अपील की और ज्ञापन सौंपा।

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    TET अनिवार्यता के विरोध में आजमगढ़ में शिक्षक सड़क पर उतरे।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर 19 सितंबर को पूरे देश में आयोजित ज्ञापन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के हजारों शिक्षकों का हुजूम डीएवी इंटर कालेज के मैदान में इकट्ठा हुआ।

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    जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदेश में आरटीई एक्ट लागू होने के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर टीईटी अनिवार्यता किए जाने पर क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण एवं अव्यावहारिक बताते हुए प्राथमिक शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की।

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    वेदपाल सिंह ने बताया कि पूर्व में भी केंद्र सरकार ने काला कानून लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन संगठन के विरोध के कारण आरटीई एक्ट लागू होने के पूर्व शिक्षकों को टीईटी से छूट प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से देश के लगभग दस लाख शिक्षकों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

    प्रांतीय महामंत्री एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष उमाशंकर सिंह ने बताया कि संगठन का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, खाद्य एवं रसद मंत्री प्रहलाद जोशी एवं केंद्रीय मंत्री कुमारास्वामी से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्पन्न संकट से शिक्षकों को निजात दिलाने की मांग कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय संगठन विधिक परामर्श के द्वारा सुप्रीम कोर्ट से न्याय दिलाने की पुरजोर कोशिश में लगा है।

    राष्ट्रीय काउंसलर मंजूलता राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से शिक्षक समाज के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। 20-25 वर्ष से पढ़ा रहे शिक्षकों को अपनी दक्षता साबित करने के लिए कहना शिक्षकों का घोर अपमान है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय के संदर्भ में हमारा माध्यमिक शिक्षक संघ सदैव मजबूती के साथ खड़ा रहेगा।

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    जिलामंत्री जितेंद्र कुमार राय ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस विषय पर कानून बनाकर शिक्षकों की रोजी-रोटी बहाल करने की मांग की और शिक्षकों से आत्महत्या जैसे कदम न उठाने की अपील भी की।

    इस दौरान कई शिक्षकों ने संबोधित किया, जिनमें कोषाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, अनिल सिंह, राजेश सिंह, अवधराज सिंह, प्रमोद लाल श्रीवास्तव, वकील मौर्य, हरेंद्र यादव, केदारनाथ वर्मा, संतोष राय, प्रियंका श्रीवास्तव, डा. चंद्रभान सिंह, राकेश सिंह, अजय सिंह, मनोज सिंह, जितेंद्र राय, जयशंकर सिंह, हरिप्रसाद सिंह, सुरेश सिंह, रामाशीष राय, रामसिंह, श्रीप्रकाश चौबे, शोभनाथ, भूपनरायन सिंह, जितेंद्र सोनी, कृपाशंकर राय, सुनीता सिंह, कंचन मौर्य, प्रतिभा श्रीवास्तव, अम्बरीष श्रीवास्तव, यशवन्त सिंह, रणंजय सिंह, पुरन्दर यादव, प्रेमनारायण सिंह, रामनिवास यादव, आयशा ख़ान, अलका राय, लल्लन यादव, कमलेश यादव, जसवंत राम, सत्यप्रकाश सिंह, राजेश कुमार, विद्याप्रसाद, धनंजय सिंह आदि शामिल थे।

    अंत में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों द्वारा टीईटी की अनिवार्यता निरस्त करने हेतु प्रधानमंत्री व केंद्रीय शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया। इस दौरान शिक्षकों की भारी भीड़ से डीएवी कालेज सहित पूरा कलेक्ट्रेट भरा रहा।

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