आजमगढ़ पुलिस ने साइबर ठगी के 60 हजार रुपये पीड़ितों को कराए वापस, अपनाया यह तरीका
आजमगढ़ में साइबर अपराध बढ़ रहा है। एक मामले में जीयनपुर के हरिलाल को रिश्तेदार बनकर अपराधियों ने 45 हजार रुपये ठग लिए। साइबर सेल ने 9232 रुपये वापस कराए। बरदह के श्रवण पाठक के गलती से ट्रांसफर हुए 50 हजार रुपये भी पुलिस ने वापस कराए। साइबर सेल ने ओटीपी शेयर न करने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जनपद में साइबर अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। साइबर अपराधियों के झांसे में आकर लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। पहली घटना जीयनपुर के रहने वाले हरिलाल ने आनलाइन शिकायत करते हुए पुलिस को बताया था कि उसका रिश्तेदार जो विदेश में रह रहा था, उसके फेसबुक आइडी से साइबर अपराधियों ने काल कर 45 हजार रुपये ठग लिया।
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हरिलाल ने बताया कि अपराधियों ने रिश्तेदार बनकर कहा कि वह वापस घर लौटने वाला है अपना पासबुक दे दो उसमें ढाई लाख रुपये भेज दे रहा हूं। मैंने पासबुक की फोटो खींच कर भेज दी, इसके थोड़ी देर बाद फोन रिश्तेदार का मैसेज आया कि रुपये भेजने के लिए वैरिफिकेशन काल आएगी। कुछ देर बाद अंजान नंबर से फोन आया कहा कि ढाई लाख रुपये कहां से आया है। मैंने सारी बात बता दी, इसके कुछ देर बाद रिश्तेदार का फिर से मैसेज आया कि मुझे एंबेसी में बंधक बना लिया है। 97,000 रुपये एंबेसी में देने है। जो ढाई लाख रुपये भेजने वाला था वह मिलने के बाद वापस लौटा दूंगा।
मैं उसकी बातों में आकर 45 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया। बाद में पता चला कि मेरे साथ साइबर फ्राड हुआ है। मामला स्थानांतरण होने के बाद थाने पहुंचा। जहां साइबर सेल ने काफी प्रयास के बाद पीड़ित को 9232 रुपये वापस कराया। शेष राशि की बरामदगी के पुलिस प्रयास कर रही है।
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गलती से ट्रांसफर हुए रुपये को कराया वापस
बरदह थाना क्षेत्र के रहने वाले श्रवण पाठक ने पुलिस को बताया कि मोबाइल से 50 हजार रुपये ट्रांसफर करते समय गलती से दूसरे के खाते में चला गया।रुपये वापस मांगने पर वह लौटाने से मना करने लगा। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने काफी प्रयास के बाद पीड़ित को 50 हजार रुपये वापस करया। रुपये मिलने के बाद पीड़ित ने पुलिस का आभार व्यक्त किया। जनपद की साइबर सेल टीम ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि किसी भी सूरत में ओटपी शेयर नहीं करे, अंजान लिंक, एप और बेबसाइट को नहीं खोलें।
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